गृह युद्ध ग्रस्त यमन से भारत के राहत भरी खबर आई है। वो खबर ये है कि पिछले तीन महीने से वहाँ के हूती विद्रोहियों के कब्जे से भारत सरकार अपने जिन नागरिकों को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, उन्हें छुड़ा लिया गया है। 7 भारतीय नाविकों समेत 14 अलग-अलग देशों के नागरिकों को भारत सरकार ने कूटनीतिक प्रयासों के जरिए सुरक्षित बचा लिया है। सभी भारतीयों को सुरक्षित दिल्ली लाया गया है।
Seven Indian sailors held captive by Houthi rebels in Yemen were brought back to Delhi as they were rescued by the Government of India with assistance from Oman Government pic.twitter.com/edmkAT3BcX
— ANI (@ANI) April 26, 2022
मुंबई के नाविक मोहम्मद मुनव्वर ने बताया कि वो लोग वहाँ करीब साढ़े तीन महीने से फँसे थे। उन्होंने बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। वहीं लखनऊ के नाविक मोहम्मद जशीम खान के मुताबिक, यमन के विद्रोही उनकी जहाजों और उस पर लदे माल पर कब्जा करना चाहते थे। हालाँकि, जब उन्हें इस बात का पता चला कि हम लोग भारतीय हैं तो अच्छा बर्ताव किया गया।
ओमान के विदेशमंत्री बद्र अलबुसैदी ने भी ट्विटर के जरिए इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कैप्टन कार्लोस डेमाटा, अयानाचेव मेकोनेन, दीपाश मुता परम्बिल, मोहम्मद जशीम खान, सूर्य हिदायत परमा, श्रीजीत सजीवन, अखिल रेघु, मोहम्मद मुनवर समीर, ल्यूक साइमन और उनकी पत्नी, बच्चे मौगथान और वीरा वीएसएसजी वासमसेट्टी व संदीप सिंह को यमन में रिहा कर दिया गया है। ओमान में उनकी देखभाल की जा रही है और हरसंभव मदद की जा रही है। ओमानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सभी 14 लोगों को ओमान रॉयल एय़रफोर्स के प्लेन से मस्कट ले जाया गया है।
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— Badr Albusaidi – بدر البوسعيدي (@badralbusaidi) April 24, 2022
इस बीच अलबुसैदी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने उन्हें धन्यवाद कहा। साथ ही कहा था कि मेरे दोस्त अलबुसैदी भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी का इंतजार है।
Thank you my friend @badralbusaidi for your help and assistance.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 24, 2022
Look forward to their safe homecoming. https://t.co/zIajfFms85
उल्लेखनीय है कि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है जिन 14 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, उनमें भारत के सात, यूके के 3, इंडोनेशिया, म्यांमार, फिलीपींस और इथियोपिया के एक-एक नागरिक हैं।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात के एक व्यापारिक जहाज को यमन हूती विद्रोहियों ने अगवा कर लिया था। उसी में ये सभी नागिरक थे। इसके बाद भारत सरकार एक्शन में आई और कूटनातिक प्रयास शुरू किए गए। इसमें ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के हस्तक्षेप के बाद इन सभी को छोड़ा गया।
यमन युद्ध में देवदूत बनकर उतरे थे भारत के जांबाज
गौरतलब है कि भारत सरकार इससे पहले भी यमन से हजारों भारतीयों को बचा चुकी है। वक्त था साल 2015, गृह युद्ध की आग से जल रहे यमन में सउदी अरब, मिश्र समेत कई पड़ोसी देशों की सेनाएँ घुस गईं। हालात खराब होते देख भारत सरकार ने वहाँ फंसे हजारों भारतीयों को सुरक्षित वापस निकालने के लिए ‘ऑपरेशन राहत’ छेड़ दिया। 10 दिन तक चले इस बचाव अभियान में 4640 भारतीयों समेत कुल 5600 लोगों को रेस्क्यू किया। इसमें 41 देशों के 960 नागरिक शामिल थे। उस दौरान विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह यमन गए और वहाँ से आखिरी भारतीय के निकलने तक वहीं रहे।