ब्रिटेन के लेस्टर में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर 180 ब्रिटिश भारतीय और हिंदू संगठनों तथा मंदिरों के अधिकारियों ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लीज ट्रस को पत्र लिखा है। इस पत्र में, वहाँ रहने वाले हिंदुओ की हालत और लेस्टर हिंसा की निष्पक्ष जाँच के साथ ही पीड़ितों को मुआवजा देने की माँग की गई है।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस को लिखे पत्र में हिन्दू संगठनों ने कहा है कि यहाँ हिंदुओं को टारगेट कर हमला किया जा रहा है। इसलिए, हिन्दू बेहद डरे हुए हैं। पत्र में कहा गया है, “हम आपका ध्यान बर्मिंघम, लेस्टर सहित हाल और अन्य शहरों में पिछले दिनो हुई हिंसा की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। इन जगहों पर हुई हिंसा में भारतीय और हिंदू समुदायों को काफी परेशान किया गया है। इन हिंसा वाले इलाकों में हिंदू समुदाय के प्रति नफरत चरम पर है।
इस पत्र में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर बताते हुए आगे कहा गया है, “किसी भी हिन्दू समुदाय के शख्स पर कभी भी शारीरिक हमला, सोशल मीडिया पर उन्हें प्रताड़ित करना स्कूलों और दफ्तरों में भी टारगेट करना लगातार उन्हें धमकी देना और उनके साथ दुर्व्यवहार चरम पर है। यहाँ हिंदुओं पर शारीरिक हमले, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न और स्कूलों तथा वर्कप्लेस में सॉफ्ट टारगेटिंग के माध्यम से खुली हिंसा, धमकी और दुर्व्यवहार किया गया है।”
लीज ट्रस को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि ब्रिटेन में हिन्दू कुल आबादी के दो प्रतिशत से भी कम हैं, इसके बाद भी उनका योगदान ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक एकीकरण के मामले में काफी अधिक है। बताया गया है कि जेल के आँकड़ों से स्पष्ट है कि यहाँ हिंदू समुदाय सबसे अधिक कानून का पालन करने वाला है। फिर भी, आज हिंदू एक ऐसे समुदाय की तरह रह रहे हैं जो संकट के घेरे में है।
पत्र में लेस्टर समेत अन्य जगहों पर हुई हिंसा की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया है, “आपको लेस्टर में हुई हिंसा और बर्मिंघम में एक मंदिर के बाहर आक्रामक विरोध के साथ-साथ नॉटिंघम में हिंदू समुदाय को परेशान करने और वेम्बली में लंदन के प्रतिष्ठित सनातन मंदिर के बाहर हुए शातिर प्रयासों के बारे में पता होना चाहिए। हालाँकि, लेस्टर में जो हुआ उसके कई कारण हैं। लेकिन, आपको यह पता होना चाहिए कि यहाँ हिन्दू समुदाय खतरे में है।”
इसके अलावा, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में 6 माँगे की गईं हैं। इसमें सबसे पहले, हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की पुलिस द्वारा सक्रिय होकर जाँच कराने की माँग की गई है। वहीं, दूसरी माँग के रूप में, दंगा पीड़ितों को वित्तीय सहायता देने की माँग की गई है। तीसरी माँग में कहा गया है कि हिंदू विरोधी घृणा और इसके कारणों की निष्पक्ष जाँच हो।
लीज ट्रस को लिखे पत्र में चौथी माँग में कहा गया है कि सरकार उन स्थानों की पहचान जहाँ कट्टरपंथ हावी हो गया है। हिन्दू संगठनों ने हिन्दू विरोधी गतिविधियों को परखने हेतु शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए फंड की भी माँग की है। वहीं, छठवीं और आखिरी माँग दीपावली के समय हिंदुओं को पर्याप्त सुरक्षा देने से जुड़ी हुई है।