Thursday, May 22, 2025
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8000 साल पुराना मंदिर, विकसित शहर: सऊदी अरब में खुदाई के दौरान मिले मूर्तिपूजा के प्रमाण, विशेषज्ञ भी हैरान

इस पुरातात्विक अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि एक समय में दुनिया की सबसे शुष्क भूमि और कठोर रेगिस्तानी वातावरण वाले इस क्षेत्र में नहरों, पानी के कुंड और सैंकड़ों गड्डों सहित एक उन्नत और जटिल सिंचाई प्रणाली भी थी।

सऊदी अरब में एक 8000 साल पुराने मंदिर और पुरातात्विक स्थल की खोज हुई है। राजधानी रियाद के दक्षिण-पश्चिम इलाके में स्थित तटीय शहर की खुदाई में इस ऐतिहासिक हिन्दू मंदिर के अवशेष और कई शिलालेख पाए गए हैं। सऊदी अरब की पुरातत्वविदों की टीम ने नई तकनीक वाली मशीनों के साथ इस मंदिर का पता अल-फॉ की साइट पर लगाया है। यहाँ पहले हुए शोध की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में हजारों साल पहले से मंदिर और मूर्ति पूजा का कल्चर रहा है। वहीं इस शोध में मिले पुरातात्विक अवशेषों को एडवांस स्टडी के लिए भेजा गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस स्थल के सर्वेक्षण में हाई क्वालिटी की एरियल फोटोग्राफी, कंट्रोल प्वाइंट के साथ ड्रोन फुटेज, रिमोट सेंसिंग, लेजर सेंसिंग और कई अन्य सर्वे तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। वहीं इस प्राचीन मंदिर का नाम रॉक-कट मंदिर बताया जा रहा है जो माउंट तुवाईक के किनारे पर स्थित है, जिसे अब अल-फॉ के नाम से जाना जाता है। अबतक की जाँच के मुताबिक अल-फॉ के लोग बड़े धार्मिक थे। वहीं खुदाई में एक ऐसा शिलालेख भी मिला जिससे अल-फॉ के एक देवता कहल के होने की पुष्टि होती है।

रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है पूरे स्थल पर 2,807 कब्र भी मिली हैं जो अलग-अलग समय की हैं, ऐसा अब तक के नतीजों में उभरा है। इन्हें छह ग्रुपों में बाँटा गया है। मंदिर और कब्रों के अलावा यह बात भी सामने आई है कि यहाँ एक सुनियोजित शहर बसा हुआ था। जिनके कोने पर चार टावर हैं। वहीं इस पुरातात्विक अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि एक समय में दुनिया की सबसे शुष्क भूमि और कठोर रेगिस्तानी वातावरण वाले इस क्षेत्र में नहरों, पानी के कुंड और सैंकड़ों गड्डों सहित एक उन्नत और जटिल सिंचाई प्रणाली भी थी।

सऊदी अरब की इस साइट पर 8000 साल पहले भव्य मंदिर था

ईस्ट कोस्ट डेली की रिपोर्ट के मुताबिक अल-फॉ का ये इलाका पुरातात्विक विभाग के लोगों के लिए बीते 40 सालों से हॉट स्पॉट बना हुआ है। सर्वे साइट पर सबसे अहम खोज इस मंदिर की है जिसके ध्वस्त परिसर से एक यज्ञ की वेदी के कुछ हिस्सों के अवशेष भी मिले हैं। इससे पता चलता है कि यहाँ उस समय ऐसे लोग रहते थे जिनके जीवन में पूजा-पाठ और यज्ञ जैसे अनुष्ठान होते रहे होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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