अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में शनिवार (18 जून 2022) को वैश्विक आतंकी संगठन ISIS ने ‘कार्ते परवान’ गुरुद्वारा में हमला किया। इस धमाके में कईयों की मौत हो गई। हालाँकि, इस बीच अच्छी बात यह रही कि आतंकी हमले के दौरान सिखों के पवित्र ग्रंथ ‘गुरुग्रंथ साहिब’ को वहाँ से सुरक्षित निकाल लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पवित्र ग्रंथ को सुरक्षित बचाकर उसकी पूजा करने के लिए गुरनाम सिंह के घर ले जाया गया। गुरुनाम सिंह गुरुद्वारा करते परवान के अध्यक्ष हैं। घटना के विजुअल्स सामने आ गए हैं, जिसमें गुरुनाम सिंह को गुरुग्रंथ साहिब को अपने सिर पर रखकर लेकर जाते देखा गया है। रिपब्लिक टीवी ने एक सूत्र के जरिए दावा किया कि पवित्र ग्रंथ को बचाने के लिए स्थानीय सिखों ने खुद को आग के बीच झोंक दिया।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि शनिवार को काबुल के गुरुद्वारे पर आतंकी हमला किया गया। इस हमले में 2 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। हमलावर ने अचानक ही गुरुद्वारे में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की। उस दौरान गुरुद्वारे में 20-25 लोग थे। हमला तालिबान के विरोधी आतंकी समूह दाएश/ISIS द्वारा किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
एक अधिकारी के मुताबिक, गुरुद्वारा कार्ते परवान पर हमला करने वाले आईएसआईएस-खुरासान के सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया है। इसमें एक सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई है। मृतक की पहचान पहचान अहमद के रूप में हुई है।
वहीं अफगानिस्तान की राजधानी में गुरुद्वारा कार्ते परवान में हुए घातक हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने भी हमलों की निंदा की और अपनी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “हम उस शहर में एक पवित्र गुरुद्वारे पर हमले के बारे में काबुल से निकलने वाली रिपोर्टों से बहुत चिंतित हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और आगे के घटनाक्रम के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “गुरुद्वारा कार्त परवान पर कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। हमले की खबर मिलने के बाद से हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय के कल्याण के लिए है।”