अफगानिस्तान में दशहत और प्रतिरोध के बीच हालात बदलने से संबंधित कुछ खबरें आ रही हैं। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि तालिबान विरोधी गुटों ने मुल्क के कुछ जिलों को कब्जे से छुड़ा लिया है। इस लड़ाई में लगभग 60 तालिबानी मारे भी गए हैं। तालिबान के विरोध में मुल्क के विभिन्न हिस्सों में लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और विरोध कर रहे हैं। कई जगहों पर ऐसे लोग पर तालिबान ने गोलीबारी भी की है।
अफगानिस्तान की Aśvaka’ – آسواکا News Agency ने बताया है कि तालिबान के साथ हुई लड़ाई के बाद पब्लिक रेजिस्टेंस फोर्सेज ने बघलान प्रांत के तीन जिलों- बानू, पोल-ए-हेसर और डेह सलाह को अपने कब्जे में ले लिया है। इस लड़ाई में कई तालिबानी भी मारे गए हैं, जबकि कई घायल भी हुए हैं। स्थानीय सूत्रों के हवाले से लड़ाई में लगभग 60 तालिबानियों के मारे जाने की बात कही जा रही है।
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— Aśvaka – آسواکا News Agency (@AsvakaNews) August 20, 2021
Pol-e-Hesar, Deh Salah and Banu districts in #Baghlan provinces have been captured by the Public’s Resistance Forces, & a number of Taliban killed & injured.
Local reporters from Baghlan pic.twitter.com/tW1ENliWOK
पोल-ए-हेसर जिला काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी के करीब स्थित है। पंजशीर घाटी हिंदूकुश पर्वत के नजदीक है। यह इकलौता ऐसा प्रांत है जिस पर तालिबान आज तक नियंत्रण नहीं कर सका है। बताया जाता है कि तालिबान विरोधी यहाँ इकट्ठे हो रहे हैं। अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह जिन्होंने तालिबान के आगे घुटने टेकने से इनकार करते हुए खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था, उनके भी यहीं होने की खबर है। उन्होंने रेजिस्टेंस फोर्स के कमांडर अहमद मसूद के साथ मिलकर तालिबानी शासन से अफगानिस्तान को मुक्त कराने के लिए संघर्ष करने की बात कही है।
खबर ये भी आ रही है कि तालिबान के प्रतिनिधि रेजिस्टेंस फोर्स के कमांडर अहमद मसूद से मुलाकात कर रहे हैं। अहमद मसूद ने एक वीडियो में कहा था, “अगर कोई, चाहे उसका कुछ भी नाम हो, हमारे घरों, जमीनों और हमारी आजादी पर हमला करने की कोशिश करेगा तो हम राष्ट्रीय नायक अहमद शाह मसूद और अन्य मुजाहिदीन की तरह अपनी जान देने तैयार हैं, लेकिन अपनी जमीन और अपनी गरिमा को नहीं लूटने देंगे।” उन्होंने कहा था, “मैं आप सभी को आपकी शुद्ध भावनाओं और इरादों के लिए धन्यवाद देता हूँ। ईश्वर की इच्छा से हम स्वतंत्रता सेनानियों, कमांडरों और हमारे विद्वानों के साथ मिलकर अपना प्रतिरोध जारी रखेंगे।”