अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के पास तालिबान (Taliban) ने वहाँ इस्लामी कट्टरता लागू करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले उसने लड़कियों को स्कूल-कॉलेज जाने पर रोक लगाई और अब पूरे पाठ्यक्रम को बदलकर उसमें चरमपंथ को शामिल करने जा रहा है।
तालिबान के कब्जे के बाद खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने तालिबान की इस योजना के बारे में ट्विटर पर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि तालिबान नए पाठ्यक्रम में 62 नए बिंदुओं को जोड़ रहा है।
इनमें संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) को शैतान बताने वाला, गैर-मुस्लिमों को कत्ल, कट्टरपंथ को संस्थागत रूप से स्थापित करने की कोशिश, महिलाओं को सजा और इस्लामी प्रतिरोध के रूप में फिदायीन हमले को सही ठहराने की कोशिश की गई है।
सालेह ने कहा, “नया पाठ्यक्रम इतना बुरा है कि लोग अब लड़कों के स्कूलों को भी तब तक बंद देखना चाहते हैं, जब तक कि पाकिस्तान द्वारा बनाए और पोषित इस लिपिकीय फासीवाद खत्म नहीं किया जाता। अफगानिस्तान के स्कूल मार्च में खुलेंगे। ज्वलंत प्रश्न ये है कि ऐसी शिक्षाओं और नई पुस्तकों के लिए अमेरिका हर सप्ताह $40M (4 करोड़ डॉलर) देगा।”
The new curriculum is so evil that one wishes to see the boys schools closed too until this clerical fascism nurtured & created by Pak is defeated & deleted. The Afg schools will open in March & the burning question is will the US$ 40M+ /week pay for such teachings & new books.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) December 17, 2022
अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि शर्मनाक दोहा सौदे पर हस्ताक्षर करने से पहले और उसके बाद लंबे समय तक पूरे प्रायोजित मीडिया ने तालिबान को सुधारवादी और बदला हुआ दिखाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं, देश में भ्रष्टाचार को इस आतंकवादी समूह के सत्ता में आने का कारण बताया।
सालेह ने आगे कहा कि तालिबान को पाकिस्तान से अफगानिस्तान में लाए गए घातक मुल्लावाद को भू-राजनीतिक योजना तक छुपाना था। उन्होंने पूछा कि तालिबानों का यह रूमानी नज़ारा कब तक चलेगा? अफगानिस्तान आश्चर्य का देश है और परिवर्तन इसका मूल है।
Talib was to hide the geopolitical scheme of outsourcing of Afg to Rawilpindi & its cancerous clerical fascist proxy . How long this romantic view of the new Talibs will hold ? Afgh is a country of surprises & change is mot of the time an eruption not a process. Inshallah.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) December 17, 2022