Sunday, September 1, 2024
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13 से 20 साल की लड़कियों को फँसा कर रेप, इंग्लैंड का सबसे खौफनाक-बृहद यौन शोषण: अकरम, आसिफ समेत 31 को जेल

जब इन तीनों ने लड़की को अपना शिकार बनाया था, तब वो स्कूल यूनिफॉर्म में थीं। इन्होंने उसका पीछा कर के अपना शिकार बनाया था। उसका अपहरण कर लिया गया था। इसी तरह मई 2021 में 29 अन्य के खिलाफ आरोप तय हुए थे।

इंग्लैंड के वेस्ट यॉर्कशायर में स्थित कर्कलिज जिले के हडर्सफील्ड के 3 लोगों को एक किशोरी के बलात्कार के मामले में जेल भेजा गया है। इनके नाम हैं – बनारस हुसैन (44), मोहम्मद अकरम (44) और तालिश अहमद (41)। लीड्स क्राउन कोर्ट में सुनवाई के बाद इन्हें क्रमशः 18, 13 और 10 साल जेल की सज़ा सुनाई गई। इन्हें वेस्ट यॉर्कशायर पुलिस के लंबे समय से चल रहे अभियान ‘Operation Tendersea Inquiry’ के तहत दोषी पाया गया।

इस अभियान के तहत बलात्कार के पुराने मामलों के दोषियों को पकड़ा जाता है और उन्हें सज़ा सुनाई जाती है। पीड़िता की उम्र 13-15 वर्ष के बीच थी, जब इन्होंने उसका लगातार कई बार बलात्कार किया। पुलिस ने कहा कि इस तरह की कड़ी सज़ा एक युवा लड़की के साथ हुए बलात्कार के अपराध की गंभीरता को दिखाती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए पुलिस सब कुछ करेगी।

जब इन तीनों ने लड़की को अपना शिकार बनाया था, तब वो स्कूल यूनिफॉर्म में थीं। इन्होंने उसका पीछा कर के अपन शिकार बनाया था। पहले लालच देकर दोस्ती की गई, फिर उसका अपहरण कर लिया गया था। कई महीनों बाद वो लड़की किसी तरह वहाँ से भागने में सफल रही। 25 वर्षों बाद इन तीनों को दोषी पाया गया। उस लड़की को स्कूल के प्लेग्राउंड और उसके अपने ही कमरे में ले जाकर उसका रेप किया गया था। बनारस हुसैन इस रेप के समय शादीशुदा था।

इसी साल मई में इसी तरह के मामले में 29 लोगों के ऊपर आरोप तय किए गए थे। उत्तरी इंग्लैंड में एक लड़की के यौन शोषण को लेकर इन्हें गिरफ्तार किया गया था। इन सभी की उम्र 35 से 64 वर्ष के बीच थी। 2003-10 के बीच जब इन्होंने इस अपराध को अंजाम दिया, तब पीड़िता की उम्र 13-20 साल के बीच थी। अपराध की अधिकतर घटनाएँ काल्डरलेड और इसके पड़ोस में स्थित ब्रैडफोर्ड जिले में हुई। साजिश के तहत ड्रग्स से लेकर शराब वगैरह तक का लालच देकर लड़कियों को ये लोग फाँसते थे।

दोषियों में असद अली (37), मोहम्मद अज़ीज़ (39), मोहम्मद ज़ंजीर (44), मोहम्मद आसिफ (36), हैरिस अहमद बट्ट (37), तौकीर बट (36), मुइतसीम खान (40), मोहम्मद हाजमा (47), मोहसिन मेरे (40), जावेद मीर (38), हारून सिद्दीकी (37), ज़ाकिर इक़बाल (41), सरफराज रबनवाज (35), वाजिद अदालत (43), साजिद अदालत (45), नाजिम हुसैन (43), नाजिम सिद्दीकी (43) और साकिब हुसैन (43) शामिल थे।

इन सबके अलावा सदाकत अली (48), ज़ायराब मोहम्मद (48), इमरान राजा यासीन (41), ज़ुल्फ़िकार अली (40), मलिक आबिद कदीर (64), कामरान अमीन (45), मोहम्मद अख्तर (51), अली ज़ुल्फ़िकार (38), सफीक अली रफीक (40), आमिर शाबान (45) और साकिब नजीर (36) को भी दबोचा गया था। हालाँकि, इस मामले में 8 अन्य को गिरफ्तार कर के छोड़ दिया गया था, क्योंकि उनके विरुद्ध सबूत नहीं मिले थे

बता दें कि ये मामला इंग्लैंड में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण की जाँच का सबसे बड़ा मामला है। इस आपराधिक षड्यंत्र के तहत कई लोगों के गिरोह ने कई लड़कियों को फँसा कर उनका बलात्कार किया था। इसे ‘हैलिफैक्स चाइल्ड सेक्स एब्यूज रिंग’ भी कहते हैं। गिरफ्तार लोगों में 84% दक्षिण एशियाई थे और मुस्लिम थे। इसमें लड़कियों को लालच देकर उन्हें निशाना बनाया जाता था। इस मामले में अब तक 100 से अधिक लोगों को सज़ा सुनाई जा चुकी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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