भारत द्वारा Pok में पाकिस्तान की कार्रवाई के बाद इमरान सरकार को उनके मुल्क में विपक्ष द्वारा दोबारा बड़े पैमाने पर घेरे जाने की आशंका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 27 अक्टूबर को विपक्षी दल 10 लाख लोगों के साथ इस्लामाबाद में इमरान सरकार का घेराव करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि अगर इमरान के ख़िलाफ़ विपक्ष इस बड़ी संख्या में घेराबंदी करता है तो ये इमरान के ख़िलाफ़ अब तक का सबसे बड़ा विरोध होगा।
इस विरोध में नवाज शरीफ की पीएमएल एन, जरदारी की पीपीपी और मौलाना फजलू रहमान की जमीयत उलेमा इस्लाम जैसे दल शामिल हो सकते हैं। जिनका मानना है कि इमरान ने खुफिया तंत्र की मदद से वोट चुराए और सरकार बनाने में कामयाब रहे।
दैनिक भास्कर और न्यूज 18 में प्रकाशित खबरों के अनुसार इस बात की जानकारी पाक प्रशासन के विश्वस्त सूत्रों ने उनका नाम न छापने की शर्त पर दी है। इन सूत्रों ने बताया है कि इमरान सरकार और उनका मंत्रिमंडल 27 तारीख को होने वाले इस प्रदर्शन से काफी डरे हुए हैं। इसके कारण वह विपक्ष के नेताओं को मनाने का भी प्रयास कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बता दें कि खैबर पख्तूनख्वाह के सूचना और प्रसारण मंत्री शौकत युसूफजई ने इस जुलूस में शामिल होने वाली पार्टियों और कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इमरान के ख़िलाफ इस जुलूस में शामिल होने वाले सब लोग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। इसलिए विपक्ष को तत्काल मार्च रोक देना चाहिए, क्योंकि सीमा पर दुश्मन हावी है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को भारतीय जवानों की कार्रवाई के बाद PoK में चल रहे तीन आतंकी कैंपों को आर्टिलरी गन से तबाह किया गया। जिसमें पाक के लगभग 10 सैनिक मारे गए, जबकि कई आतंकियों के भी इसमें मारे जाने की खबर हैं। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर पाकिस्तान आगे अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो सेना आगे भी उनको जवाब देने से नहीं चुकेंगीं।