अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने इंडिया टुडे के साथ एक संक्षिप्त साक्षात्कार में तालिबानी कब्जे को लेकर कहा कि देश तालिबान की ‘तानाशाही’ को खारिज करता है। अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने के बाद खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले सालेह ने बातचीत के लिए तैयार रहने की बात कही है।
उन्होंने कहा, “हम तालिबान के साथ सार्थक बातचीत को प्राथमिकता देते हैं।” सालेह ने तालिबान के शासन को किसी भी रूप में मान्यता नहीं देने की अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि देश तानाशाही को खारिज करता है। हम चाहते हैं कि लोग अपनी बात कहें। हम नहीं चाहते कि अफगान लोगों की व्यक्तिगत पहचान छिन्न-भिन्न हो।
#EXCLUSIVE | Ex-Afghan Vice President Amrullah Saleh says we do not want dictatorship, we want the identity of the individuals and communities to stay alive. | @gauravcsawant #ITVideo #AmarullahSaleh #Afghanistan #Taliban pic.twitter.com/s3wyHqCxZ7
— IndiaToday (@IndiaToday) August 24, 2021
तालिबान पर निशाना साधते हुए सालेह ने कहा, “वे अफगानिस्तान को मिटाना चाहते हैं और तालिबानिस्तान की स्थापना करना चाहते हैं।”
उन्होंने मीडिया से बातचीत में आगे कहा कि अफगान लोगों को राज्य के चरित्र को निर्धारित करने का मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम पद या व्यक्तिगत पक्ष की माँग नहीं कर रहे हैं।”
“We are not seeking positions, personal favours, but we want the Afghan people to have a chance to determine the character of their state,” said Amrullah Saleh
— IndiaToday (@IndiaToday) August 24, 2021
(@gauravcsawant )https://t.co/P5WhsFhxd1
पंजशीर को सुरक्षित करने वाले तालिबान के दावों का खंडन करते हुए सालेह ने कहा कि स्थिति उनके नियंत्रण में है। कार्यवाहक राष्ट्रपति ने कहा, “लोगों की नैतिकता का स्तर काफी ऊँचा है। समुदाय सर्वसम्मति से खड़ा हुआ है और प्रतिरोध बहुत ही मजबूत है।”
स्थिति गंभीर है
तालिबान के उदय के साथ अफगानिस्तान में भयावह होते हालात से दुनिया को रूबरू कराने के लिए देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति सालेह ने मंगलवार को ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने इसे मानवीय संकट करार देते हुए कहा कि अंदराब घाटी अभी तक तालिबान के कब्जे में नहीं है औऱ इसीलिए तालिबानी भोजन औऱ ईंधन को यहाँ तक पहुँचने ही नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले दो दिनों से तालिब बच्चों और बुजुर्गों का अपहरण कर रहे हैं। ये इन्हें या तो ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हैं या फिर घरों की तलाशी लेते हैं।” सालेह के मुताबिक, इस डर से हजारों महिलाओं और बच्चों को पहाड़ों की ओर भागने को मजबूर होना पड़ा है।
Talibs aren’t allowing food & fuel to get into Andarab valley. The humanitarian situation is dire. Thousands of women & children have fled to mountains. Since the last two days Talibs abduct children & elderly and use them as shields to move around or do house search.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 23, 2021
अफ़ग़ानिस्तान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए सालेह ने ट्वीट किया, “मैं अफ़ग़ानिस्तान का मालिक हूँ और यह मेरा मालिक है। हम एक हैं। यह मुझसे हर दिन बात करता है।”
That indelible color red in my heart is Afghanistan. Only God will one day evacuate my soul from here but still my remains will reunite with the soil. I own Afghanistan & it owns me. We are one. It speaks to me every day. https://t.co/qYYPYtXO2q
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 23, 2021
इस बीच, तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण करने और काबुल पर कब्जा करने के बाद अमेरिका समेत कई यूरोपीय देश और भारत अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए एक गहन बचाव अभियान चला रहे हैं।
तालिबान ने अंतरिम सरकार के मंत्रियों का किया ऐलान
इस बीच तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार के लिए कई मंत्रियों के नामों का ऐलान कर दिया है। इसके तहत तालिबान ने सखाउल्लाह को कार्यवाहक शिक्षा मंत्री और अब्दुल बारी को उच्च शिक्षा मंत्री और सद्र इब्राहिम को अंतरिम गृह मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा मुल्ला शिरीन को काबुल का गवर्नर और हमदुल्ला नोमानी को काबुल का मेयर नियुक्त कर दिया है।
इन सब के अलावा किसी वक्त पर तालिबान के कट्टर विरोधी माने जाने वाले गुल आगा शेरजई को तालिबानी सरकार का वित्त मंत्रालय सौंपा गया है। कंधार औऱ नंगरहार के गवर्नर रहे शेरजई को तालिबान का कसाई भी कहा जाता है।