Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'ईसाई हमसे दूर रहें, वे हमारे धर्म को बदलने की कोशिश करते हैं' -...

‘ईसाई हमसे दूर रहें, वे हमारे धर्म को बदलने की कोशिश करते हैं’ – ऑस्ट्रेलिया में आदिवासियों का आंदोलन

"इस मामले में आदिवासी समूह की जीत होगी आदिवासी लोगों को तय करने का पूरा अधिकार है कि उनकी धरती पर कौन आएगा। वो कानून के तहत कह सकते हैं कि कृपया आप हमारे क्षेत्र में न आएँ।"

पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई के रिमोट एरिया में रहने वाले आदिवासी बुजुर्ग अपने क्षेत्र में ईसाइयों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। इस समुदाय के बुजुर्गों का आरोप है कि ईसाई उनके धर्म को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्हें उनकी पारंपरिक सभ्यता से भी दूर ले जा रहे हैं। जिसके कारण इन बुजुर्गों ने ईसाई लोगों के ख़िलाफ़ एक आंदोलन भी छेड़ा है।

समुदाय के वरिष्ठ सदस्य चाहते हैं कि ईसाई उनके क्षेत्र से दूर रहें, ताकि उनका समुदाय और उनके मूल्य सदैव संरक्षित रहें। इसी क्रम में इन बुजुर्गों ने एक सामाजिक भेदभाव पर नजर रखने वाली संस्था से भी बात की है। इन लोगों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की संस्था से पूछा है कि क्या वे इन लोगों को ऐसा करने से मना कर रह सकते हैं और या फिर इस अज्ञात ईसाई समूह को उनके समुदाय में मिलने से रोक सकते हैं।

बता दें कि आदिवासी समूह की परेशानी सुनकर इक्वल ऑपर्ट्यूनिटी आयुक्त ने कहा है कि इस मामले में आदिवासी समूह के बुजुर्ग की जीत होगी क्योंकि धार्मिक विश्वास किसी स्थान विशेष पर लागू नहीं होता है। आदिवासी लोगों को तय करने का पूरा अधिकार है कि उनकी धरती पर कौन आएगा। वो कानून के तहत कह सकते हैं कि कृपया आप हमारे क्षेत्र में न आएँ। क्योंकि हम आपकों नहीं देखना चाहते। उनके अनुसार ,”विभिन्न प्रकार के खतरों के खिलाफ अपनी संस्कृति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।”

गौरतलब है कि ईसाई समूहों के बारे में ये धारणा हर जगह विख्यात है कि वे रिमोट एरिया में जा जाकर लोगों को धर्म परिवर्तन कराते हैं। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में Kingdom Aviation Ministries and Chariots of Fire Ministries भी आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक किंगडम एविएशन मिनिस्ट्री के समूह सदस्य तो अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए हर हफ्ते आदिवासी समूह के पास जाते हैं। कैम की वेबसाइट पर भी इस बात का उल्लेख है कि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के कई इलाके रिमोट क्षेत्र हैं और जहाँ ईसा मसीह का अनुसरण नहीं किया जाता।

धर्मान्तरण का ‘ईसाई’ आतंक: यूपी के मऊ में तीन पादरी गिरफ्तार, बीमारी ठीक होने के नाम पर किया सहमत

‘इमारत में गुंबद तो मस्जिद, लंबी-सीधी तो चर्च और अगर गंदी मूर्तियाँ/गुड़ियाँ हैं तो वह एक मंदिर’

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -