पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई के रिमोट एरिया में रहने वाले आदिवासी बुजुर्ग अपने क्षेत्र में ईसाइयों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं। इस समुदाय के बुजुर्गों का आरोप है कि ईसाई उनके धर्म को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्हें उनकी पारंपरिक सभ्यता से भी दूर ले जा रहे हैं। जिसके कारण इन बुजुर्गों ने ईसाई लोगों के ख़िलाफ़ एक आंदोलन भी छेड़ा है।
समुदाय के वरिष्ठ सदस्य चाहते हैं कि ईसाई उनके क्षेत्र से दूर रहें, ताकि उनका समुदाय और उनके मूल्य सदैव संरक्षित रहें। इसी क्रम में इन बुजुर्गों ने एक सामाजिक भेदभाव पर नजर रखने वाली संस्था से भी बात की है। इन लोगों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की संस्था से पूछा है कि क्या वे इन लोगों को ऐसा करने से मना कर रह सकते हैं और या फिर इस अज्ञात ईसाई समूह को उनके समुदाय में मिलने से रोक सकते हैं।
Christians BANNED! Western Australian community takes radical step to stop God botherers from trying to convert them to Christianity https://t.co/8EYhOVq3eU #auspol
— wayne (@libliars) January 19, 2020
बता दें कि आदिवासी समूह की परेशानी सुनकर इक्वल ऑपर्ट्यूनिटी आयुक्त ने कहा है कि इस मामले में आदिवासी समूह के बुजुर्ग की जीत होगी क्योंकि धार्मिक विश्वास किसी स्थान विशेष पर लागू नहीं होता है। आदिवासी लोगों को तय करने का पूरा अधिकार है कि उनकी धरती पर कौन आएगा। वो कानून के तहत कह सकते हैं कि कृपया आप हमारे क्षेत्र में न आएँ। क्योंकि हम आपकों नहीं देखना चाहते। उनके अनुसार ,”विभिन्न प्रकार के खतरों के खिलाफ अपनी संस्कृति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।”
गौरतलब है कि ईसाई समूहों के बारे में ये धारणा हर जगह विख्यात है कि वे रिमोट एरिया में जा जाकर लोगों को धर्म परिवर्तन कराते हैं। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में Kingdom Aviation Ministries and Chariots of Fire Ministries भी आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक किंगडम एविएशन मिनिस्ट्री के समूह सदस्य तो अपनी पहुँच बढ़ाने के लिए हर हफ्ते आदिवासी समूह के पास जाते हैं। कैम की वेबसाइट पर भी इस बात का उल्लेख है कि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के कई इलाके रिमोट क्षेत्र हैं और जहाँ ईसा मसीह का अनुसरण नहीं किया जाता।
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‘इमारत में गुंबद तो मस्जिद, लंबी-सीधी तो चर्च और अगर गंदी मूर्तियाँ/गुड़ियाँ हैं तो वह एक मंदिर’