Saturday, November 16, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयविरोध शेख हसीना की सरकार का, लेकिन हिंदुओं को निशाना बना रहे इस्लामी कट्टरपंथी:...

विरोध शेख हसीना की सरकार का, लेकिन हिंदुओं को निशाना बना रहे इस्लामी कट्टरपंथी: बांग्लादेश में इस्कॉन-काली मंदिर पर हमला, 1 ही थाने में 13 पुलिसकर्मियों की हत्या

सबसे भीषण हमला सिराजगंज के इनायतपुर पुलिस थाने पर हुआ है। यहाँ 13 पुलिसकर्मियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी इनायतपुर थाने पर मार्च करते हुए आए और यहाँ हमला किया। इसके बाद इन्होंने स्टेशन पर आग लगा दी और पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया।

बांग्लादेश में इस समय शेख हसीना सरकार के इस्तीफे की माँग को लेकर प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच 100 लोगों की मौत हो गई है। वहीं सैंकड़ों घायल हैं। इनमें कई पुलिसकर्मी भी हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन के बीच 19 पुलिस थानों समेत 26 पुलिस संबंधित जगहों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा इस प्रदर्शन में हिंदुओं के घरों, उनके मंदिरों को भी चुन-चुन कर अटैक किया जा रहा है।

स्थानीय मीडिया की मानें तो पुलिस की जिन जगहों पर हमला हुआ है उसमें चार जिलों के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय, मैमनसिंह में रेंज डीआईजी का कार्यालय और दो पुलिस चौकियाँ भी हैं। इन जगहों पर हुए हमले की जानकारी बांग्लादेश पुलिस ने रविवार को दी।

सबसे भीषण हमला सिराजगंज के इनायतपुर पुलिस थाने पर हुआ है। यहाँ 13 पुलिसकर्मियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। एडिशनल डीआईजी ने इस संबंध में बताया कि प्रदर्शनकारी इनायतपुर थाने पर मार्च करते हुए आए और यहाँ हमला किया। इसके बाद इन्होंने स्टेशन पर आग लगा दी और पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया।

इनायतपुर के अलावा बताया जा रहा कोमिला में रविवार (4 अगस्त 2024) को हुए हमले में 14 पुलिसकर्मियों को मारा गया है। इसमें एक पुलिसकर्मी हाईवे पुलिस का भी था। कुल मिलाकर बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच एक ही दिन में करीबन 300 पुलिसकर्मी घायल हुए।

वहीं सामने आई रिपोर्टों से ये भी पता चलता है कि इस्कॉन और काली मंदिर सहित हिंदुओं के घरों को भी निशाना बनाया गया जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके अलावा सरकारी प्रतिष्ठानों को भी तीन दिन के लिए बंद करना पड़ा। सेना आश्वासन दे रही है कि वो स्थिति को नियंत्रित कर लेंगे। हालाँकि उनके एक्शन से ऐसा लग नहीं था। रविवार को जब हर जगह प्रदर्शनकारी हिंसक थे तब जाकर उन्होंने हवा में गोलियाँ चलाईं ताकि भीड़ तितर-बितर हो। इससे पहले भीड़ प्रधानमंत्री शेख हसीना के चचेरे भाई के घर को आग के हवाले कर चुकी थी। इसके अलावा वो शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को भी तोड़ चुकी थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एक और प्रॉपर्टी पर कब्जे में जुटा कर्नाटक वक्फ बोर्ड, हाई कोर्ट ने लताड़ा: कहा- पहले ट्रिब्यूनल जाओ, संपत्ति के मूल मालिकों ने कोर्ट...

1976 में वक्फ से निजी बनाई गई सम्पत्ति को कर्नाटक का वक्फ बोर्ड दोबारा वक्फ सम्पत्ति में तब्दील करना चाहता है। इसके लिए उसने 2020 में आदेश जारी किया था। अब हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।

BJP अध्यक्ष नड्डा को गुरुद्वारा में घुसने नहीं दिया: कॉन्ग्रेस ने फिर किया गलत दावा, प्रबंधन कमिटी ने बयान जारी कर आरोपों को नकारा;...

सुप्रिया ने लिखा कि "गुरुद्वारे में सब एक समान हैं और भावनाओं की इज्जत की जानी चाहिए," इस बात को आधार बनाकर उन्होंने नड्डा और भाजपा पर निशाना साधा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -