पाकिस्तान के कराची में गृह युद्ध का ख़तरा बढ़ता जा रहा है। अब वहाँ के मसकन चौरंगी स्थित इमारत गुलशन-ए-इक़बाल में हुए एक बड़े बम धमाके में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई है और 15 घायल हो गए हैं। ये धमाका बुधवार (अक्टूबर 21, 2020) को हुआ। सभी मृतकों और घायलों का इलाज पटेल हॉस्पिटल में चल रहा है। मुबीना टाउन SHO ने बताया कि ये सिलिंडर से किया गया बम धमाका हो सकता है।
धमाके के कारणों का पता लगाने के लिए बम डिस्पोटल स्क्वाड को लगाया गया है। इमारत की दूसरी मंजिल पे ये धमाका हुआ। आसपास की कुछ इमारतों और वहाँ से गुजर रही गाड़ियों को भी खासा नुकसान पहुँचा है। सिंध के पुलिस प्रमुख ने स्थानीय प्रशासन को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इससे 1 दिन पहले ही शिरीन जिन्ना कॉलोनी में हुए बम धमाके में 5 लोग घायल हो गए थे। वहाँ सायकिल पर IED डाल कर ब्लास्ट किया गया था।
As a result, IG Sindh decided to proceed on leave and subsequently all ranks decided that they would also apply for leave to protest the humiliation meted out to Sindh police. This was a spontaneous and heartfelt reaction and made on an individual rather than a collective basis,
— Sindh Police (@sindhpolicedmc) October 20, 2020
उधर सिंध के IGP मुस्ताक महर ने अपनी छुट्टियों को टाल दिया है और पूरी सिंध की पुलिस को कहा है कि वो अपनी-अपनी छुट्टी की अर्जियों को 10 दिन के लिए किनारे कर दें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित में ये निर्णय लिया गया है, जिसके नतीजे PML-N के नेता मोहम्मद सफ़दर की गिरफ़्तारी में हो रहे जाँच के निष्कर्ष पर निर्भर करेंगे। इससे पहले इन सभी ने छुट्टियों की अर्जी दी थी और कहा था कि इस गिरफ़्तारी के बाद प्रोफेशनल तरीके से काम करने में उन्हें दिक्कतें आ रही हैं।
सिंध पुलिस का कहना है कि उसके आला अधिकारियों का जिस तरह से अपमान किया गया, उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया, उससे पुलिस महकमा शॉक में है। इसके बाद बिलावल भुट्टो जरदारी के पाकिस्तान की फ़ौज के मुखिया जनरल बाजवा से मुलाकात कर सिंध में सेना के कामकाज पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद सिंध पुलिस के गुस्से को कम करने के लिए फ़ौज ने जाँच का आदेश दिया। वहीं सिंध पुलिस इस अपमान से जल रही है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में यह सारी हलचल ठीक तब शुरू हुई जब विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रशासन के खिलाफ़ रैली निकाली और नवाज शरीफ के दामाद गिरफ्तार कर लिए गए। सफदर को तो कोर्ट ने बाद में बेल देकर रिहा कर दिया, पर इस बीच पाकिस्तान आर्मी पर आरोप लगने लगे कि पाक सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया व सिंध प्रांत के पुलिस चीफ मुश्ताक मेहर का अपहरण करके सफदर की गिरफ्तारी के लिए दवाब बनाया।