Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयWinnie the pooh की तरह दिखते हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग! बैन करने के...

Winnie the pooh की तरह दिखते हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग! बैन करने के पीछे क्या रही वजह?

जैसे-जैसे ये मीम्स लोकप्रिय होते गए, चीनी सेंसर बोर्ड ने इन्हें इंटरनेट पर प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया। यहाँ तक ​​कि कॉमेडियन जॉन ओलिवर द्वारा कार्टून के ज़रिए चीनी शासन की संवेदनशीलता का मजाक उड़ाने पर...

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दौरे पर हैं। इस बीच चीनी राष्ट्रपति सोशल मीडिया पर छाए कुछ मीम्स को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। यह चर्चा किसी इंसान या वस्तु विशेष की नहीं है बल्कि एक कार्टून कैरेक्टर को लेकर की जा रही है।

चीन एक ऐसा देश है, जो अपने तानाशाही रवैये के लिए जाना जाता है। चीन की हरक़तें कभी-कभी अमानवीय तो कभी हास्यास्पद भी होती है, जिससे वो मखौल या उपहास का पात्र भी बन जाता है।

उदाहरण के लिए, एक लोकप्रिय कार्टून विनी द पू (Winnie the pooh) को सिर्फ़ इसलिए प्रतिबंधित कर दिया गया क्योंकि उसके साथ शी जिनपिंग की तुलना की जाने लगी थी, मीम्स बनने लगे थे। नीचे की तस्वीर में आप इसका उदाहरण देख सकते हैं।

Image result for winnie the pooh xi jinping

जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के साथ शी की बैठक के दौरान भी सोशल मीडिया पर एक मीम छाया रहा, जिसमें शी जिनपिंग को पू कार्टून के रूप में चित्रित किया गया, जबकि शिंज़ो आबे को एक निराशावादी गधे के रूप में।

Image result for winnie the pooh xi jinping

चीनी राष्ट्रपति को कार्टून के रूप में चित्रित करने का सिलसिला यहीं नहीं थमा। एक अन्य मीम में, हॉन्गकॉन्ग की नेता कैरी लैम को पिगलेट यानी सुअर के बच्चे के रूप मेें चित्रित किया गया जबकि शी जिनपिंग को फिर से पू कार्टून के ज़रिए चित्रित किया गया।

Image result for winnie the pooh xi jinping

जैसे-जैसे ये मीम्स लोकप्रिय होते गए, चीनी सेंसर बोर्ड ने इन्हें इंटरनेट पर प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया। यहाँ तक ​​कि कॉमेडियन जॉन ओलिवर द्वारा कार्टून के ज़रिए चीनी शासन की संवेदनशीलता का मजाक उड़ाने पर HBO वेबसाइट को भी चीन में प्रतिबंधित कर दिया गया था।

चीन के इस रवैये से साफ़ पता चलता है कि उसे इन कार्टून्स से काफ़ी चिढ़ है, तभी तो वो बिना देरी किए इसे गंभीरता से लेता है और तुरंत प्रतिबंधित कर देता है। वैसे भी चीन के तानाशाही शासन से तो पूरी दुनिया वाक़िफ़ है। चीन के मामले में यह कहना ग़लत नहीं होगा कि चीन का यह तानाशाही रवैया इसलिए भी है क्योंकि वो आर्थिक रूप से मज़बूत है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी धाक है, फिर भले ही उसने अपने यहाँ लाखों उइगरों को क़ैद करके उन पर अत्याचार किया हो, इससे कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -