Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'बुढ़ापे' से चिंतित चीन ने बदली दशकों पुरानी नीति, दी 3 बच्चों की अनुमति:...

‘बुढ़ापे’ से चिंतित चीन ने बदली दशकों पुरानी नीति, दी 3 बच्चों की अनुमति: घटती जनसंख्या के कारण अहम फैसला

2010-2020 के बीच चीन में जनसंख्या बढ़ने की रफ्तार औसत से भी कम 0.53 फीसदी थी, जबकि इससे पहले 2000-2010 के दौरान यह 0.57 प्रतिशत थी। इसके अलावा चीन में 2020 में केवल 12 मिलियन बच्चे ही पैदा हुए थे। वहीं 2016 में यह आँकड़ा 18 मिलियन था।

चीन ने घटती जनसंख्या और बढ़ते बुढ़ापे को कंट्रोल करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए सोमवार (31 मई 2021) को ‘तीन बच्चे’ पैदा करने की अनुमति दे दी। इस बात की जानकारी वहाँ की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने दी। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पोलित ब्यूरो की बैठक के दौरान इस पॉलिसी को मंजूरी दी गई।

इससे पहले 2016 में, चीन ने अपनी दशकों पुरानी ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ को खत्म कर 2 बच्चे पैदा करने की अनुमति दी थी। गौरतलब है कि शुरुआत में दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले देश ने जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लागू कर दी थी। इसका नेगेटिव असर यह हुआ कि वहाँ जन्म दर तेजी से घटी और बुजुर्गों की संख्या बढ़ने लगी थी।

मीटिंग को लेकर शिन्हुआ ने कहा, चीन में जन्म दर को अनुकूल बनाने के लिए अब एक विवाहित जोड़े तीन बच्चे पैदा कर सकेंगे।

एजेंसी ने कहा पॉलिसी में बदलाव को सहायक उपायों के साथ लाया जाएगा, जो देश की जनसंख्या के ढाँचे में सुधार के लिए अनुकूल होगा और देश की बढ़ती उम्र की आबादी से निपटने के साथ ही मानव संसाधनों के लाभ बनाए रखने में कारगर होगा। हालाँकि, किस तरह के उपायों को अपनाया जाएगा, इसे नहीं बताया गया है।

सोशल मीडिया ने नहीं दी तवज्जो

शी जिनपिंग की अगुआई वाली चीनी सरकार की थ्री चाइल्ड पॉलिसी को चीनी सोशल मीडिया पर लोगों ने खास तवज्जो नहीं दी। कई लोगों ने इस पॉलिसी को लेकर कहा कि वे एक या दो बच्चे पैदा करने का जोखिम नहीं उठा सकते।

एक यूजर ने वीबो पर पोस्ट किया, “अगर मुझे 5 मिलियन युआन (785,650 डॉलर) दिया जाता है तो मैं तीन बच्चे पैदा करने को तैयार हूँ।”

क्यों चीन को उठाना पड़ा यह कदम

इसी महीने की शुरुआत में चीन की दशक में एक बार होने वाली जनगणना के आँकड़े जारी हुए थे, जिसके मुताबिक 1950 के दशक के बाद से पिछले दशक के दौरान वहाँ की जनसंख्या बहुत ही धीमी गति से बढ़ते हुए 1.41 बिलियन हो गई है।

आँकड़ों के मुताबिक, 2010-2020 के बीच चीन में जनसंख्या बढ़ने की रफ्तार औसत से भी कम 0.53 फीसदी थी, जबकि इससे पहले 2000-2010 के दौरान यह 0.57 प्रतिशत थी। इसके अलावा चीन में 2020 में केवल 12 मिलियन बच्चे ही पैदा हुए थे। वहीं 2016 में यह आँकड़ा 18 मिलियन था।

डेटा के मुताबिक, चीन का फर्टिलिटी रेट 2020 में प्रति महिला केवल 1.3 बच्चों का था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -