चीन आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान से गधों और कुत्तों को खरीदना चाहता है। पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने संसदीय समिति को इससे अवगत कराया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार (3 अक्टूबर 2022) को पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय और सीनेट की स्थायी समिति के अधिकारियों के बीच आयात और निर्यात को लेकर एक ब्रीफिंग हुई थी। इसी दौरान वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान से गधों के साथ-साथ कुत्तों को आयात करने में अपनी रुचि दिखाई है।
सीनेटर अब्दुल कादिर (Senator Abdul Qadir) ने समिति को यह भी बताया कि चीनी राजदूत ने इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान से मांस निर्यात करने की बात कही थी। समिति के सदस्यों में से एक ने यह भी सुझाव दिया कि पाकिस्तान की तुलना में अफगानिस्तान में जानवर सस्ते हैं, इसलिए पाकिस्तान वहाँ से गधों-कुत्तों को आयात कर सकता है और फिर मांस को चीन को निर्यात कर सकता है।
इस सुझाव पर वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को बताया कि अफगानिस्तान से जानवरों के आयात पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। पाकिस्तान ने यह कदम इसलिए उठाया था, क्योंकि अफगानिस्तान के जानवरों में लंपी (Lumpy Skin Disease) बीमारी के मामले सामने आए थे।
रिपोर्ट्स के मुतबिक, चीन पाकिस्तान से इसलिए गधे खरीदना चाहता है, क्योंकि वहाँ गधों की चमड़ी को छीलकर ईजाओ (Eijao) के अलावा तरह-तरह की दवाइयाँ और क्रीम बनाई जाती है। ये चेहरे से झुर्रियाँ हटाने में मदद करती हैं। ये बहुत महँगी दवाएँ होती हैं। इसमें औषधीय गुण होते हैं। इसके लिए गधों को चीन में मौत के घाट उतारा जाता है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान दुनिया का तीसरा ऐसा देश है, जिसके पास सबसे अधिक गधे हैं। वर्तमान में पाकिस्तान के पास 5700000 लाख (5.7 मिलियन) जानवर हैं। इससे पहले भी वह जानवरों को चीन को निर्यात कर चुका है।
सिर पर हथौड़ों से किया जाता है प्रहार
बता दें कि 2019 में भी पाकिस्तान का ऐसा ही अमानवीय चेहरा सामने आया था। खबर आई थी कि कर्ज में डूबा पाकिस्तान अपने खजाने भरने के लिए चीन को गधों का निर्यात करेगा। पाकिस्तान इस योजना से अपने विदेशी मुद्रा भंडार को भरना चाह रहा था।
चीन में दवा बनाने के नाम पर 5 वर्ष का गधा हो या फिर 5 महीने का बच्चा, किसी को भी नहीं बख़्शा जाता। उन सब की निर्ममता से सामूहिक हत्या कर दी जाती है। Ejiao नामक दवा बनाने के लिए गधों को धरती पर सुलाकर उनके सिर पर हथौड़ों से जोर-जोर से प्रहार किया जाता है, जिससे वो एक धीमी और दर्दनाक मौत मरते हैं। इतना ही नहीं, गधों को उनके ही मल-मूत्र के बीच मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। चीन में ऐसी भी मान्यता है कि गधों की चमड़ी से बनी दवा के सेवन से व्यक्ति की आयु भी लम्बी होती है।