चीन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के प्रति किस तरह की भेदभावपूर्ण और दमनकारी नीति अपना रहा है, इसकी कई रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सामने आ चुकी हैं। अब एक और ऐसी ही एक रिपोर्ट सामने आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में एक उइगर महिला की कहानी को साझा किया गया है, जो चीनी अत्याचारों से गुजर चुकी है।
उइगर महिला नैन्सी फिलहाल संयुक्त राज्य अमेरिका में सुरक्षित हैं, लेकिन वह इस बात से डरती हैं कि बोलने से उसके माता-पिता की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन योजनाबद्ध तरीके से उइगर मुसलमानों की संख्या सीमित करने में जुटा है और इसका असर अगले 20 वर्षों में साफ देखने को मिलेगा।
नैन्सी ने स्त्री रोग विशेषज्ञ अपनी एक रिश्तेदार के बारे में बताया है, जिसे दो साल के लिए एक कन्सनट्रेशन कैंप में भेजा गया था और फिर स्वास्थ्य कारणों से दो महिलाओं से आईयूडी निकालने के लिए 6 साल जेल की सजा सुनाई गई।
एक अन्य रिश्तेदार को दो साल के लिए एक कन्सनट्रेशन कैंप में भेज दिया गया, क्योंकि वह उइगर गाँव में परिवार नियोजन कार्य की देखरेख कर रही थी, जहाँ एक महिला बिना अनुमति के गर्भवती हो गई थी। नैन्सी ने सुना कि गर्भवती महिला के पति को 11 साल जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन माँ या बच्चे का क्या हुआ इसकी जानकारी उसे नहीं है।
नैन्सी की कहानी दिखाती है कि किस तरह से चीन में उइगरों को कुचला जाता है। वो बताती है कि उसका परिवार धार्मिक नहीं था, उसकी माँ कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्य थीं, जिन्हें एक वरिष्ठ सरकारी नौकरी सौंपी गई थी और परिवार इस व्यवस्था में काम करने के लिए तैयार था। दरअसल, जब नैन्सी हाई स्कूल में थी, तो चीनी सरकार ने उसे पूर्वी चीन में रहने के लिए भेज दिया, ताकि उसे पूरी तरह परिवर्तित कर उइगर एजेंट के रूप में ढाला जा सके।
लेकिन हान चीनी और उइगरों के बीच तनाव बढ़ गया। अंततः चीन में शिक्षित उइगरों के लिए अच्छी नौकरियों की कमी से निराश होकर नैन्सी ने तुर्की में जॉब करना शुरू किया। उस समय तो किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन 2016 में चीन द्वारा कार्रवाई शुरू करने के बाद उइगरों की कोई भी विदेश यात्रा संदिग्ध नजर से देखी जाने लगी।
नैन्सी के माता-पिता तुर्की में उससे मिलने गए थे, इसलिए उन्हें फिर से कन्सनट्रेशन कैंप में रखा गया था। शिविरों से रिहा होने के बाद उसके माता-पिता ने उसे वॉइस मैसेज भेजकर वापस चीन लौट आने के लिए कहा।
उसकी माँ ने उससे कहा, “तुम्हारा देश तुम्हें प्यार करता है। यहाँ तुम्हारे देश को तुम्हारी जरूरत है।” नैन्सी को तुरंत संदेह हुआ, खासकर तब जब उसकी माँ ने कहा कि हो सकता कि गर्भावस्था के कारण नैन्सी का वापस आना मुश्किल हो। वास्तव में, नैन्सी गर्भवती नहीं थी और उसने अनुमान लगाया कि उसे फुसलाकर वापस बुलाने के लिए कोई उसकी माँ को मजबूर कर रहा था, लेकिन उसकी माँ उसे नहीं आने का संकेत देने की कोशिश कर रही थी।
नैन्सी का कहना है कि शिविर में रहने के दौरान उसके एक चाचा पिटाई की वजह से लकवाग्रस्त हो गए और एक अन्य रिश्तेदार की अंदर ही मौत हो गई। उसने कहा कि उसके चार चचेरे भाई वर्तमान में बंधुआ मजदूरी शिविरों में बंद हैं और उन्हें भूख से नहीं मरने देने के बदले गार्ड्स उनसे रिश्वत माँग रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि चीन में उइगर समुदाय को निशाना बनाने के लिए 6 तरीके अपनाए जा रहे हैं।
1. योजनाबद्ध तरीके से उइगर मुसलमानों की आबादी घटा रहा है चीन
चीन एक ओर से जहाँ अपनी जनसंख्या बढ़ाने में लगा है, वहीं दूसरी ओर वह योजनाबद्ध तरीके से उइगर मुसलमानों की आबादी कम करने में जुटा है। रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग क्षेत्र के लिए चीन की बर्थ कंट्रोल पॉलिसी का असर भविष्य में इस समुदाय के लोगों की आबादी पर दिखेगा। अगले दो दशकों में शिनजियांग प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यकों के 26 लाख से 45 लाख बच्चे कम पैदा होंगे।
शिनजियांग उइगर ऑटोनोमस रीजन स्टेटिस्टिकल ईयरबुक के मुताबिक, 1949 में शिनजियांग की हान चीनी आबादी 6.7 फीसदी थी, जो चाइनीज सेंसस 2020 के अनुसार, बढ़कर 42.24 प्रतिशत हो गई है। 1949 में इस क्षेत्र में 80 फीसदी आबादी उइगर मुस्लिम की थी। 1949 में यह आँकड़ा 76 फीसदी था। ताजा आँकड़े देखें, तो यहाँ उइगर आबादी 45 फीसदी पर आ गई है।
2. शिनजियांग में हान चीनी कर्मचारियों को तवज्जो
शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों की संख्या घटाने के साथ ही यहाँ पर हान चीनी कर्मचारियों को तवज्जो दिया जा रहा है। यहाँ पर उनके लिए 88 फीसदी बस्तियाँ बनाई गई है। यहाँ के उद्योगों को भी हान चीनी समुदाय ही नियंत्रित करते हैं। जानकारी के मुताबिक यहाँ की ज्यादातर नौकरियाँ हान समुदाय के लिए है, इस पर उइगरों का कोई अधिकार नहीं है। यही वजह है कि यहाँ पर उइगरों की स्थिति बदहाल है और हान समुदाय के लोगों की स्थिति काफी अच्छी है।
3. शिनजियांग में रोज़ा रखने पर भी प्रतिबन्ध
इस्लाम के पवित्र महीने रमजान में चीन स्थित टकलामकान रेगिस्तान में हज़ारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग आया करते थे। यहाँ कुछ ऐसी मजारें थीं, जहाँ 8वीं शताब्दी के इस्लामिक योद्धा की याद में लोग नमाज़ पढ़ते थे। लेकिन, इस साल यह स्थल खाली पड़ा हुआ था। ‘द गार्डियन’ के एक ख़ुलासे के अनुसार, चीनी मुसलामानों के लिए हज की तरह महत्व रखने वाला ये स्थल खाली इसीलिए पड़ा हुआ था क्योंकि इसे ढाह दिया गया है। चीन ने इमाम आसीन दरगाह को छोड़ कर इसके बाकी हिस्से को मिट्टी में मिला दिया।
चीन ने चुन-चुन कर उन मस्जिदों को ज्यादा तबाही पहुँचाई है, जहाँ उइगर मुसलमान भारी संख्या में जाया करते थे। इसके अलावा चीन ने शिनजियांग में रमजान महीना शुरू होते ही सरकारी अधिकारियों, छात्रों और बच्चों के रोज़ा रखने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था।
4. जनसंख्या नियंत्रण के लिए उइगर समुदाय की औरतों के गर्भाशय में यंत्र फिट कर देता है चीन
उइगर महिलाओं का जबरदस्ती गर्भपात करा दिया जाता है। उइगर महिलाओं का नियमित रूप से प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया जाता है। साथ ही उनके गर्भाशय में यंत्र फिट कर दिए जाते हैं। हज़ारों महिलाओं का जबरन गर्भपात कराए जाने की भी ख़बर सामने आई है। कहा जा रहा है कि अब तक लाखों महिलाओं के साथ ये सब कुछ किया जा चुका है। जहाँ पूरे चीन में गर्भपात की संख्या घटती जा रही है, शिनजियांग में इसमें जबरदस्त वृद्धि आई है। शिनजियांग में डर का आलम ये है कि मात्र 1 साल में बच्चों के जन्म की दर 24% घट गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये औसत काफ़ी कम, मात्र 4.2% ही है।
5. चीन में उइगर मुस्लिमों को जबरन डाला जा रहा कन्संट्रेशन कैंप में
चीन में उइगर मुस्लिमों पर होते अत्याचारों की सच्चाई अब किसी से छिपी नहीं हैं। जानकारी के अनुसार बीते दिनों उइगर कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने जातीय समूह को हिरासत में लेने के लिए चीन द्वारा चलाए जा रहे करीब 500 शिविर और जेल देखे हैं। कार्यकर्ताओं ने यह आरोप लगाया कि अभी तक चीन में हिरासत में रह रहे लोगों की संख्या 10 लाख बताई जाती रही है, लेकिन यह आँकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। नस्लीय भेदभाव को हटाने पर बनी संयुक्त राष्ट्र की कमेटी ने कहा कि अनुमानित 20 लाख उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक कन्सनट्रेशन कैंप में हैं।
6. उइगर मुस्लिमों को बंधुआ मजदूर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है
चीन में उइगर मुस्लिमों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। वहाँ पर उनके साथ किए जा रहे अत्याचारों की कई रिपोर्टें सामने आती रहती हैं। बताया जा रहा है कि वहाँ पर उइगर मुस्लिमों के साथ बंधुआ मजदूरों जैसा बर्ताव होता है। उनसे जबरन काम करवाया जाता है। पिछले दिनों ASPI की जाँच रिपोर्ट से पता चला कि चीन ने 2017 और 2019 के बीच शिनजियांग से 80 हजार उइगर हटाए गए हैं। हालांकि, शिनजियांग में उद्योगों में बंधुआ मजदूरी कर रहे लोगों की संख्या और भी ज्यादा होने का अनुमान है। बजफीड की एक जाँच रिपोर्ट में बताया गया कि शिनजियांग में उइगर डिटेंशन कैंप्स के पास या अंदर करीब 1500 चीनी कंपनियाँ हैं। कैंप्स के अंदर इन कंपनियों को शुरू करने का एकमात्र मकसद यहाँ लाए गए उइगरों से काम कराना है।