संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में हूती विद्रोहियों के हमले में सोमवार (17 जनवरी) को 2 भारतीयों की मौत हो गई थी। दोनों पंजाब के रहने वाले थे। मृतकों के नाम सरदार हरदीप सिंह और सरदार हरदेव सिंह हैं। हमला अबूधाबी स्थित हवाई अड्डे को निशाना बना कर किया गया था। इस हमले कुल 6 लोग घायल हुए थे।
शुक्रवार (21 जनवरी, 2022) को दोनों पार्थिव शवों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। वहाँ पर दोनों मृतकों के परिजन और पुलिस अधिकारी मौजूद थे। घर वालों ने रोते हुए एयरपोर्ट पर मृत परिजनों को श्रद्धांजलि दी। कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर के दोनों शव अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक घरों को भेज दिए गए। मृतक हरदीप सिंह की उम्र 28 साल और हरदेव सिंह 35 साल के थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरदीप सिंह की पत्नी कनाडा में रह कर पढ़ाई करती हैं। उनका नाम कनुप्रिया कौर है। दोनों की 9 महीने पहले ही शादी हुई थी। हरदीप सिंह भी कुछ समय बाद कनाडा में अपनी पत्नी के साथ बसने वाले थे। वो अमृतसर से 35 किलोमीटर दूर गाँव मेहशामपुर के रहने वाले थे। उन्हें अबू धाबी में एक तेल कम्पनी में ड्राइवर की नौकरी मिली थी।
दूसरे मृतक हरदेव सिंह के भाई सुखदेव के मुताबिक, “हरदेव सिंह 18 साल पहले ही संयुक्त अरब अमीरात गए थे। इस बीच में उन्होंने कई नौकरियाँ बदलीं थी। तेल कम्पनी में नौकरी लगने के बाद उन्हें लगा कि अब सब सही हो गया। हरदेव सिंह का एक 4 साल का बच्चा भी है।” हरदेव सिंह मोंगा के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि हरदीप सिंह और हरदेव सिंह की मौत के जिम्मेदार हूती कमांडर को बाद में मार गिराया गया था। सऊदी अरब और उनके गठबंधन की सेना के यमन पर हमले के दौरान कमांडर अब्दुल्ला कासिम अल जुनैद अपने कई सीनियर रैंक अधिकारियों के साथ मारा गया था। हूती विद्रोह 1990 से शुरू हुआ था। इसमें अधिकतर विद्रोही शिया इस्लाम को मानने वाले हैं। सुन्नी प्रभुत्व अरब हमेशा हूती विद्रोहियों के विरोध में रहा है। इस लड़ाई में अब तक कई सैनिक और आम नागरिक मारे जा चुके हैं।