नई दिल्ली में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए चीनी दल की संदिग्ध हरकतों को लेकर नई जानकारी सामने आई है। इसके अनुसार चीनी दल होटल ताज पैलेस के कमरे में ’20 रहस्यमयी बैग’ ले जाने पर अड़ा था।
इन बैग्स की जाँच से इनकार किए जाने के कारण पैदा हुई टकराव की स्थिति में सुरक्षा अधिकारियों के साथ बहस करने वाले चीनी दल का नेतृत्व एक महिला अधिकारी कर रही थी। इस दल में दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के भी दो-तीन अधिकारी शामिल थे।
कई घंटों के विवाद के बाद चीनी दल संदिग्ध बैग अपने देश के दूतावास ले जाने पर सहमत हुआ था। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया है कि जब ये बैग दूतावास ले जाए जा रहे तो एक विशेष एस्कॉर्ट टीम साथ भेजी गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बैग्स दूतावास की जगह किसी और जगह न ले जाया जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार काफी अजीब तरह के होने के कारण इन बैग्स की तरफ सुरक्षाकर्मियों का ध्यान गया था। एक सूत्र के हवाले से बताया गया है, “बैग्स की लंबाई और चौड़ाई करीब 1×1 मीटर थी। यह 10 इंच मोटा दिख रहा था।”
इन बैग्स में किस तरह के उपकरण थे यह स्पष्ट नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार इन संदिग्ध उपकरणों की पहचान के प्रयास अब भी किए जा रहे हैं। खुफिया अधिकारी इस बात की जाँच कर रहे हैं कि क्या ये उपकरण ‘ऑफ-द-एयर’ टाइप के सर्विलांस और जैमर थे। एक चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी SIG-INT (सिग्नल-इंटेलिजेंस) की जानकारी जुटाने वाले उपकरणों की सप्लाई करने को लेकर दुनिया भर में जानी भी जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार विवाद के दौरान भारतीय एजेंसियों की लगातार नजर होटल के छठे फ्लोर पर स्थित उस कमरे पर बनी हुई थी जिसमें ये बैग रखे गए थे। कमरे के बाहर तीन लोगों की तैनाती थी। इन जवानों को हर घंटे बदला जा रहा था। ऐसा करीब 12 घंटे तक चला।
एक सूत्र के हवाले से मीडिया संस्थान ने कहा है कि वियना कन्वेंशन के कारण विमान से उतारने के बाद इन बैग्स की जाँच नहीं की गई थी। वियना कन्वेंशन डिप्लोमेटिक प्रोटोकॉल से संबंधित है।
वैसे जी 20 के लिए चीनी दल का विशेष विमान की जगह चार्टर्ड प्लेन से आना भी भारतीय एजेंसियों के लिए चौंकाने वाला था। चीन के राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे। इस पूरे विवाद पर चीन की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है।
संदिग्ध बैग के साथ चीनी दल के नई दिल्ली आने का खुलासा टीओआई ने ही किया था। अपनी पहली रिपोर्ट में मीडिया संस्थान ने बताया था कि यह विवाद 7 सितंबर 2023 को हुआ था।
इसके अनुसार होटल के स्टाफ को रूम विजिट के दौरान बैग में संदिग्ध उपकरण होने का संदेह हुआ। उसने इसकी जानकारी ऊपर के लोगों को दी। इसके बाद चीनी स्टाफ से इस बैग को स्कैनर से गुजारने को कहा गया है। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके कारण करीब 12 घंटे तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
चीन की यह हरकत इसलिए भी संदेह पैदा कर रही है, क्योंकि ताज पैलेस होटल में ही ब्राजील के राष्ट्रपति ठहरे हुए थे। जी-20 के अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी ब्राजील ही करेगा। ताज पैलेस होटल के पास ही आईटीसी मौर्य होटल भी है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित कई अन्य देशों के प्रमुख ठहरे हुए थे।