पाकिस्तान में कट्टरपंथियों का कहर हर अल्पसंख्यक आबादी पर बराबर बरस रहा है। खबर है कि पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी और पीर शाह काकू चिश्ती मकबरे के लोगों ने शहीद भाई तारू सिंह के गुरुद्वारे के बाहर पोस्टर चिपकाए हैं और गुरुद्वारे को वहाँ से हटाने के लिए धमकी दी है। यह पोस्टर शाहमुखी भाषा में प्रिंट किए गए हैं जो पंजाबी की उपबोली है।
PAKISTAN: Extremists threaten to remove the building of Gurdwara Shaheed Bhai Taru Singh.https://t.co/HuoBAeCCuu#ProtectMinoritiesReligiousPlaces@unitedsikhs @TheSikhNet @sikhchannel @rsrobin1
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) October 19, 2020
सिख 24 पर प्रकाशित आज की रिपोर्ट के अनुसार, सुहेल बट अटारी जिसने एक वीडियो जारी करके गुरुद्वारे से सटी जमीन लेने की अपनी साजिशों को उजागर किया था, अब उसी ने और उसके समर्थकों ने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ मुस्लिमों का है और वह पाकिस्तान में गुरुद्वारे नहीं बनने देंगे। अपनी वीडियो में उसने पंजाब सिख संगत के अध्यक्ष गोपाल सिंह चावला और भाई फौजा सिख का जिक्र भी किया था।
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— Sikh24 News (@Sikh24) October 18, 2020
इनका दावा है कि शहीद भाई तारू सिंह और सिंह सिंघानिया गुरुद्वारे की जमीन पीर शाह काकू चिश्ती और शहीद गंज मस्जिद के मकबरे से जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा है कि सिखों को यदि शहीद भाई तारु सिंह गुरुद्वारा में श्रद्धांजलि देने आना है तो पहले शहीद भाई तारु सिंह की शहादत के बारे में सबूत पेश करने होंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान की पूरी जमीन एक ही मजहब की है।
Another example of persecution of minorities in #Pakistan
— IMShubham (@shubham_jain999) July 27, 2020
A Maulvi of Lahore captured the land of the Gurudwara Shaheed Bhai Taru Singh by saying that Pakistan is only for Muslims.
Pakistan’s ISI is also involved in this conspiracy.@ShefVaidya @Sanjay_Dixit @sankrant @DVATW pic.twitter.com/XN0lUmOVfN
याद दिला दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान के लाहौर से इसी मौलवी को लेकर खबर आई थी कि सुहैल नामक इस मौलवी ने गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा कर लिया था। साथ ही धमकी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान इस्लामी देश है, यहाँ सिर्फ मुस्लिम रह सकते हैं।
इस वीडियो में उसने पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सिंह चावला को धमकी दी थी। गोपाल चावला ने गुरुद्वारा में पिछले साल सिखों के प्रतीक श्री निसाल साहिब को फहराया था। सोहेल ने दावा किया था कि गुरुद्वारा और उसके आसपास की 4 से 5 कनाल जमीन हजरत शाह काकू चिश्ती दरगाह और शहीदगंज मस्जिद की है।
इस मामले के उजागर होने के बाद भारत ने भी पाक अल्पसंख्यकों के लिए चिंता जाहिर की थी। भारत ने घटना का कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कहा था कि लाहौर के नौलखा बाजार में भाई तारू सिंह जी की शहीदी स्थल पर मस्जिद शहीद गंज के नाम दावा किए जाने की घटना पर पाकिस्तान के उच्चायोग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। इसे मस्जिद बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा, हितों के साथ ही उनके धार्मिक अधिकारों और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करे।