फ्रांस की सरकार एक मुस्लिम छात्रा पर मुकदमा दायर करने जा रही है। मुस्लिम बालिका ने अपने प्रिंसिपल पर झूठा आरोप लगाया था। उसने आरोप लगाया था कि स्कूल के भीतर हिजाब उतारने को लेकर प्रिंसिपल ने उसे पीटा। इसको लेकर प्रिंसिपल को नौकरी तक छोड़नी पड़ी और उसे अब लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं।
जानकारी के अनुसार, फ्रांस के पेरिस में स्थित एक स्कूल में 28 फरवरी, 2024 को तीन मुस्लिम छात्राएँ हिजाब पहन कर पहुँची थी। यहाँ उनसे स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि वह हिजाब उतार दें क्योंकि यह नियम के विरुद्ध हैं। इनमें से दो छात्राओं ने हिजाब उतार दिया। तीसरी छात्रा ने हिजाब उतारने से मना कर दिया।
उसने प्रिंसिपल से बहस करनी चालू कर दी और हिजाब नहीं उतारा। इस दौरान उसने प्रिंसिपल को धमकाया भी। इसके बाद उसने प्रिंसिपल पर झूठा आरोप मढ़ दिया कि हिजाब ना उतारने को लेकर उसे मारा पीटा गया। मुस्लिम छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे प्रिंसिपल ने हाथ पर काफी तेज मारा। इस मामले में छात्रा ने प्रिंसिपल के खिलाफ झूठी शिकायत भी दर्ज की। इस मामले को उसने काफी उठाया।
इसके बाद प्रिंसिपल का जीना मुहाल हो गया। उसे काफी धमकियाँ मिलने लगीं। प्रिंसिपल को जान से मारने को लेकर फ़ोन आए। उसे सोशल मीडिया पर भी मारने की धमकियाँ दी गई। इसके बाद प्रिंसिपल को स्कूल से नौकरी छोडनी पड़ी। प्रिंसिपल ने एक ईमेल भेज कर इस मामले के बाद स्कूल से इस्तीफ़ा दे दिया।
जब इस मामले में की जाँच करवाई गई तो पता चला कि मारपीट की कोई घटना नहीं हुई थी। जाँच में सामने आया कि मुस्लिम छात्रा हिजाब पहनने को लेकर जिद कर रही थी। फ्रांस में स्कूलों में हिजाब या बुर्का जैसे धार्मिक परिधान पहनने पर प्रतिबंध है। प्रिंसिपल केवल नियम का पालन करवा रहे थे। इसको लेकर मुस्लिम छात्रा ने हौव्वा खड़ा किया और मामले को झूठी तरीके से फैला कर प्रिंसिपल की जान को खतरे में डाल दिया।
मामले के झूठे पाए जाने के बाद फ़्रांस की सरकार ने निर्णय लिया कि वह छात्रा के खिलाफ मामला दायर करेगी। फ्रांस के प्रधानमंत्री जिब्राइल अट्टल ने कहा, “मैंने निर्णय लिया है कि फ्रांस उस छात्रा के खिलाफ झूठी शिकायत के चलते मामला दर्ज करवाया जाएगा। उसने मौरिस-रावेल हाई स्कूल के प्रिंसिपल को धमकी दी थी। यह एक साफ सन्देश है किहम हमेशा अपने शिक्षकों और हमारे स्कूल को बनाने वालों के साथ खड़े रहेंगे। हम किसी को नहीं छोड़ेंगे।”
J'ai décidé que l'État allait porter plainte pour dénonciation calomnieuse contre l'élève qui a menacé le proviseur du lycée Maurice-Ravel.
— Gabriel Attal (@GabrielAttal) March 27, 2024
C'est un signal clair que je veux envoyer : nous serons toujours aux côtés de nos professeurs, de nos chefs d'établissement et de ceux qui… pic.twitter.com/hFiU9VUFYW
गौरलतब है कि इससे पहले इस्लामी आतंकी दो शिक्षकों की फ्रांस में हत्या कर चुके हैं। अक्टूबर 2020 में फ्रांस में एक शिक्षक का एक 18 वर्षीय मुस्लिम आतंकी ने चाकू से सर तन से जुदा कर दिया था। इस शिक्षक का नाम सैमुअल पैटी था। पैटी पर एक 13 वर्षीय मुस्लिम छात्रा ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी क्लास में पैगम्बर मुहम्मद का एक कार्टून दिखाया। बाद में यह बात पूरी तरीके से झूठी साबित हुई। मुस्लिम लड़की ने स्वीकार किया कि उसने अपने अब्बा के गुस्से से बचने को यह झूठ फैलाया।
अक्टूबर 2023 में भी फ़्रांस में एक शिक्षक की हत्या एक मुस्लिम हत्यारे ने कर दी थी। मृतक शिक्षक का नाम डोमिनिक बर्नार्ड था। डोमिनिक की उनके स्कूल के बाहर ही चाकू मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या अर्रास में गैम्बेटा-कार्नोट स्कूल के बाहर हुई थी। इसके बाद फ्रांस में सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गईं थी।