ट्विटर के अधिग्रहण की अंतिम घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया साइट ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने इसके शीर्ष तीन अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। अब इन अधिकारियों को मुआवजे के रूप में $12.20 करोड़ (लगभग 1004 करोड़ रुपए या 10.04 अरब रुपए) देना होगा।
एलन मस्क ने शुक्रवार (28 अक्टूबर 2022) को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पराग अग्रवाल, मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) नेड सेगल और नीति एवं कानूनी मामलों की प्रमुख गड्डे को कंपनी से हटा दिया था। मस्क ने इन लोगों पर ट्विटर प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट की संख्या को लेकर उन्हें और निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
एजीक्यूटिव के पैकेज और मुआवजे पर शोध करने के लिए विख्यात कंपनी इक्विलर (Equilar) ने पराग अग्रवाल का ‘गोल्डन पैराशूट’ मूल्यांकन $57.40 मिलियन (472.5 करोड़ रुपए), सेगल का $44.5 मिलियन (लगभग 366.18 करोड़ रुपए) और गड्डे का $20 मिलियन (लगभग 165 करोड़ रुपए) है।
‘गोल्डन पैराशूट’ कंपनी और शीर्ष अधिकारियों के बीच एक एग्रीमेंट होता है, जिसमें उन्हें कंपनी से हटने के लिए मजबूर करने पर मुआवजे के तौर पर बड़ी राशि का भुगतान करने की जानकारी दी जाती है। इसके तहत को कंपनी से निकाले जाने वाले अधिकारी को कम-से-कम एक साल के वेतन का हकदार माना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस पे आउट में एक कार्यकारी के वार्षिक मूल वेतन का 100%, स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम और इक्विटी शामिल है। इक्विटी हिस्सेदारी के रूप में पराग अग्रवाल, सेगल और गड्डे को $65 मिलियन (लगभग 535 करोड़ रुपए) ट्विटर में उनके शेयर के बदले दिए जाएँगे।
इसमें गड्डे का हिस्सा सबसे अधिक $34.8 मिलियन (लगभग 286.36 करोड़ रुपए) है। उसके बाद का $22 मिलियन (लगभग 181 करोड़ रुपए) और सबसे कम पराग अग्रवाल का $8.4 मिलियन (करीब 69.12 करोड़ रुपए) है।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में जैक डोर्सी के इस्तीफे के बाद पराग अग्रवाल कंपनी का CEO बने थे। राजस्थान के अजमेर के रहने वाले पराग CEO बनने से पहले ट्विटर के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर थे। साल 2021 में उन्हें सैलरी और दूसरे भत्तों के रूप में 3.04 करोड़ डॉलर मिले थे। CEO के रूप में अग्रवाल का वेतन सालाना 1 मिलियन डॉलर यानी 9 करोड़ 24 लाख रुपए बताया गया था।