श्रीलंका में अप्रैल 2019 में हुए ईस्टर बम ब्लास्ट के घाव अभी तक ताज़ा हैं। इस घटना में इस्लामिक आतंकियों का हाथ निकलने के बाद अब तक कई ऐसे मामले आ चुके हैं, जहाँ श्रीलंका में मुस्लिमों का बहिष्कार किया गया। अब राष्ट्रपति चुनाव में भी एक बौद्ध राष्ट्रवादी की जीत हुई है। रविवार (नवंबर 17, 2019) को जारी किए गए मतगणना परिणाम के अनुसार, लेफ्टिनेंट कर्नल नंदसेना गोटाभया राजपक्षे राष्ट्रपति चुनाव जीत चुके हैं। वो पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई हैं। महिंदा, बासिल, चामल और गोटाभाया- ये चारों राजपक्षे भाई दशकों से श्रीलंका की राजनीति में प्रभावी रहे हैं और शीर्ष पदों पर काबिज रहे हैं।
श्रीलंका मुस्लिम काउंसिल के अध्यक्ष हिल्मी अहमद ने चुनाव परिणाम जारी होने से पहले ही कहा था कि इस चुनाव में मुस्लिम काफ़ी डरे हुए हैं और गोटाभाया के जीतने से उनके भीतर का डर और बढ़ेगा। गोटाभाया एक बौद्ध राष्ट्र्वादी हैं, जो सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता करने या दया दिखाने के ख़िलाफ़ रहे हैं। वो इससे पहले श्रीलंका के डिफेंस चीफ रह चुके हैं। श्रीलंका मुस्लिम काउंसिल ने कहा था कि गोटाभाया जीतने के बाद मुस्लिम-विरोधी एजेंडा को लागू करने में पूरी ताक़त लगा देंगे और मुस्लिमों का दमन करेंगे। मुस्लिम संगठनों का पूछना है कि राजपक्षे की जीत के बाद उनका क्या होगा? वो कहाँ जाएँगे?
I thank Prime Minister @narendramodi and the people of India for your warm wishes. Our two nations are bound by history and common beliefs and I look forward to strengthening our friendship and meeting you in the near future https://t.co/WZkLWc3MFS
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) November 17, 2019
श्रीलंका में मुस्लिम संगठनों के आरोपों के बीच गोटाभाया की जीत अहम है। इससे पता चलता है कि द्वीपीय देश अभी ईस्टर बम ब्लास्ट को भूला नहीं है और राइट विंग की तरफ़ उनका झुकाव पहले से काफ़ी ज्यादा बढ़ा है। उस बम ब्लास्ट में 270 लोग मारे गए थे। इस चुनाव में गोटाभाया राजपक्षे का चुनाव चिह्न कमल छाप था। श्रीलंका में 70% लोग सिंहला बौद्ध हैं और राजपक्षे उनकी ही भावनाओं पर सवार होकर राष्ट्रपति पद तक पहुँचे हैं, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रवाद को चुनावी मुद्दा बनाया था।
අද මා දකින්නට පැමිණි ඔබ සැමගේ උද්යෝගය සහ ආදරය, අපට එක්ව මේ රට ගොඩනැඟිය හැකි බවට සුභ ලකුණකි..! pic.twitter.com/vye7XsoeN6
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) November 17, 2019
चुनाव परिणामों के अनुसार, राजपक्षे को 6,310,035 मत मिले। वहीं दूसरे नंबर पर रहे उनके प्रतिद्वंद्वी सजीत प्रेमदासा को 5,184,552 मत प्राप्त हुए। अगर प्रतिशत की बात करें तो राजपक्षे को 52% मत मिले, वहीं प्रेमदासा को 42% मत मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा चुनाव परिणाम स्पष्ट होने से पहले ही राजपक्षे को बधाई दे दी। उन्होंने साफ़-सुथरे चुनाव के लिए श्रीलंका की जनता को भी बधाई दी। मोदी ने कहा कि वो शांति और समृद्धि के लिए राजपक्षे के साथ मिल कर काम करेंगे।