Thursday, July 10, 2025
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कुछ यूँ लोगों की सेवा में लगे यूक्रेन के 54 इस्कॉन मंदिर, ज़रूरतमंदों में बाँट रहे भोजन-पानी: पड़ोसी देश पहुँच रहे भारतीयों की भी मदद

संस्था ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से यूक्रेन में इस्कॉन के अधिकतर मंदिर और श्रद्धालु फ़िलहाल सुरक्षित हैं। वामशी माधव दास नाम के एक श्रद्धालु के हाथ और छाती में गोली लगी है।

जहाँ एक तरफ रूस और यूक्रेन युद्ध से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ‘International Society for Krishna Consciousness (ISKCON)’ जैसी संस्थाएँ वहाँ ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने में लगी हुई है। यूक्रेन से अब तक 2 लाख से भी अधिक लोग पलायन कर चुके हैं, ऐसे में वहाँ फँसे नागरिकों की मदद करने के लिए हिन्दू धर्म से जुड़ी संस्था आगे आई है। पूर्वी यूरोप के इस देश में इस्कॉन के मंदिरों ने ज़रूरतमंदों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।

इस्कॉन ने कहा है कि जो भी लोग दिक्कतों में हैं, उनकी सेवा करने के लिए उसके मंदिर और श्रद्धालु लगातार तैयार हैं। इस देश में इस्कॉन के 54 मंदिर हैं, जहाँ लोगों की मदद की जा रही है। उन्हें आशियाना दिए जाने के साथ ही उनके भोजन-पानी का भी प्रबंध किया जा रहा है। संस्था ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से यूक्रेन में इस्कॉन के अधिकतर मंदिर और श्रद्धालु फ़िलहाल सुरक्षित हैं। वामशी माधव दास नाम के एक श्रद्धालु के हाथ और छाती में गोली लगी है।

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया कि माधव दास की पत्नी फ़िलहाल उनका ख्याल रख रही है, क्योंकि युद्ध की वजह से वो नजदीकी अस्पताल पहुँच पाने में असफल रहे हैं। उन्होंने लोगों से उनके स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करने का निवेदन किया। यूक्रेन में फँसे जो भी भारतीय छात्र और नागरिक हंगरी पहुँच रहे हैं, उनके लिए वहाँ के इस्कॉन मंदिर भी व्यवस्था कर रहे हैं। वहाँ से भारतीय छात्रों को एयर इंडिया के फ्लाइट से भारत लाया जा रहा है।

यूक्रेन में ज़रूरतमंदों की मदद करते इस्कॉन के श्रद्धालु

हंगरी स्थित भारतीय दूतावास ने वहाँ पहुँचे भारतीयों हेतु भोजन और पानी की व्यवस्था के लिए इस्कॉन मंदिरों से मदद भी माँगी है। राधारमण दास ने कहा कि स्थिति विकट है। उन्होंने कहा, “एक कहावत है – अगर ज़िन्दगी तुम्हारी तरफ नीम्बू फेंके तो उसका शर्बत बना लो। लेकिन, हमारे श्रद्धालु इस मामले में एक कदम आगे हैं। उनका सिद्धांत है – अगर ज़िन्दगी तुम्हारी तरफ नीम्बू फेंके तो उसका शर्बत बना कर लोगों को पिलाओ।” उन्होंने कहा कि इस्कॉन के लोग जनसेवा में लगे रहेंगे।

पूर्व राजदूत ने की ‘हरे कृष्णा संस्था’ की तारीफ

इस्कॉन की इस सेवा भाव को लेकर हंगरी में भारत के पूर्व राजदूत व ICCR के डीजी कुमार तुहीन और भारतीय छात्रों की प्रतिक्रिया आई है। छात्रों का कहना है कि उन्हें इस समय जो मिले वो सब उनके लिए अच्छा है। वहीं इस संबंध में कुमार तुहीन ने इस संस्था की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी हरे कृष्णा संस्था से काफी करीबी साझेदारी रही है। पूर्व राजदूत ने कहा कि ये हाल है कि जब भारतीय छात्र आ रहे हैं और हमें उन्हें समर्थन देना है चाहे वो खाने के रूप में हो, पानी के रूप में हो… लेकिन ये सिर्फ पानी-खाने की बात नहीं है। ये दिखाने की है कि हमें उनकी परवाह है। कुमार तुहीन कहते हैं कि उन्होंने ही इन सबके लिए हरे कृष्णा संस्था से संपर्क करने के लिए कहा। उन्हें यकीन था कि जब वह हरे कृष्णा से संपर्क करेंगे तो संस्था खुशी-खुशी समर्थन करेगी। कुमार इस संस्था का काम देखकर उनकी तारीफ करते हैं। वह कहते हैं कि हरे कृष्णा ने न केवल इन छात्रों का ख्याल रखा बल्कि हर भारतीय का ख्याल रखा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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