पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर से झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान के रवैये और उनके भाषण को लेकर आलोचनाएँ हो रही हैं। यूपोरियन थिंक टैंक ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए गए भाषण को लेकर कहा कि पाकिस्तान के पिछले रवैये की तरह ही पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के सच्चे दोस्त नहीं हैं। वे बस उनके लिए धोखा करते हुए विरोध और गुस्से का दिखावा कर रहे हैं।
एम्सटर्डम स्थित यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशिया स्टडीज ने कहा है कि यूएनजीसी के भाषण में इमरान खान ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर, आतंकवाद, कश्मीरी जैसे शब्दों का सबसे ज्यादा बार इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने बड़़ी ही चालाकी से अपने भाषण के जरिए कश्मीरी युवाओं को भड़काने का काम किया है। इतना ही नहीं उन्होंने बड़ी चालाकी से परमाणु युद्ध की धमकी भी दे दी।
आगे उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण पक्ष जो कि इमरान खान ने फिर भी नहीं खोला, वह यह है कि आखिर किसने उन्हें कश्मीरियों को खून बहने के लिए डराने और उनकी जिंदगियों को खत्म किए जाने का डर दिखाने का अधिकार दिया?
European think-tank calls Imran Khan’s speech at UNGA ‘unmistakable bluster’
— JAMMU LINKS NEWS (@JAMMULINKS) October 5, 2019
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थिंक टैंक ने कहा अगर इस सवाल को लेकर इमरान खान का जवाब पाकिस्तानी सेना है, तो इस मामले में लगभग-लगभग सच्चाई है। यह उनके लिए मान लेने का वक्त है कि पाकिस्तानी जनता की आँखों पर कश्मीर का पर्दा डालकर उन्हें मजबूती का दिखावा करने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि ये बीते जमाने की बात है।
गौरतलब है कि 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली के 74वें अधिवेशन में अपने भाषण के दौरान इमरान खान ने 15 मिनट के बजाए करीब 50 मिनट तक भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में भारत के खिलाफ काफी जहर उगला, परमाणु हमले की बात कही। कश्मीरी युवाओं को भड़काने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने दुनिया के दूसरे बोलने वाले वक्ताओं का भी ख्याल नहीं रखा।
थिंक टैंक ने कहा कि खान ने अपने भाषण के दौरान अच्छा खासा समय इस्लामोफोबिया के लिए पश्चिमी देशों पर आरोप लगाने में खर्च किया था। और लोगों को इस्लाम और उसके मानने वालों के बारे में समझाने की बात कही थी।