Friday, March 29, 2024
Homeविचारइमरान खान, हिन्दुओं के धर्म-ग्रंथ लिट्टे बनाने का हुक्म नहीं देते, जबरदस्ती हमें अपने...

इमरान खान, हिन्दुओं के धर्म-ग्रंथ लिट्टे बनाने का हुक्म नहीं देते, जबरदस्ती हमें अपने स्तर पर मत घसीटो

आइएस के चंगुल से मुक्त हुई लड़कियाँ भी बतातीं हैं कि उनका बलात्कार और उनसे सेक्स-गुलामी भी इस्लाम के ग्रंथों का हवाला देकर ही कराई जाती थी। पुलवामा के दहशतगर्द का बाप उसे इस्लाम की राह पर शहीद मान फ़ख़्र करता है, सैयद अली शाह गीलानी साफ-साफ कहता है कि कश्मीर में दहशतगर्दी राजनीतिक नहीं, मजहबी....

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हिन्दुओं और हिंदुत्व (हिन्दू धर्म, न कि राजनीतिक विचारधारा) को इस्लाम से जोड़ते हुए बड़ा ही अजीब बयान दिया है। मक्का में आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कंट्रीज़ (OIC) की बैठक में इमरान कहते हैं, “किसी ने हिन्दू धर्म को तो तमिल टाइगरों के बम धमाकों के लिए दोषी नहीं ठहराया, जापानी धर्म (शिंटो) को जापानियों के अमेरिकी जहाजों पर खुद को उड़ा लेने का दोषी नहीं ठहराया। तो इस्लाम पर यह ठप्पा क्यों?” साथ में यह भी जोड़ा, “मुस्लिम समाज दुनिया को सशक्त तरीके से इस बात का आश्वासन नहीं दे पाया है कि इस्लाम का दहशतगर्दी से कोई लेना-देना नहीं है?”

अलग-अलग रोड़े जोड़ के कुनबा मत बनाइए, इमरान ‘भानुमति’ खान

इमरान खान जिन तीन उदाहरणों को लेते हैं, पहली बात तो वह आपस में तुलना करने लायक ही नहीं हैं- लिट्टे ने जो कुछ किया, वह जातीय संघर्ष में किया (उसका कोई न बचाव कर रहा है, न ही किसी और को वैसा बनने की सलाह दे रहा है, लेकिन सत्य सत्य होता है), जापान के सैनिकों ने एक अंतरराष्ट्रीय युद्ध में अपने देश के लिए प्राणोत्सर्ग किया, और जिहादी जो करते हैं वह है लोगों की आँखों में धूल झोंक कर, उनके बीच पैठ बनाकर, घुल-मिलकर मज़हब के नाम पर, आस्था के नाम पर, जन्नत की उम्मीद में बेगुनाहों की जान ले लेना।

अगर लिट्टे की बात करें तो पहली बात तो लिट्टे-बनाम-सिंहली संघर्ष मज़हबी नहीं है, भाषाई/जातिगत है। लिट्टे वालों का पंथ तो हिन्दू धर्म का शैव पंथ है ही, श्री लंका के बौद्धों द्वारा माना जाने वाला और पालन किया जाने वाला बौद्ध धर्म भी हिन्दू आस्था के कई पुट लिए हुए है। दूसरी बात यह कि न ही हिन्दुओं द्वारा बौद्धों को, न ही बौद्धों द्वारा हिन्दुओं को आस्था के आधार पर मारा जा रहा था- सिंहली-बनाम-तमिल भाषाई मसला था। तीसरी बात, तमिल आतंकी खुद को शिव भक्त कहते भले हों, लेकिन न ही वे शिव महापुराण, शिव संहिता या और कोई ग्रंथ उठाकर बताते थे कि भगवान शिव ने उन्हें या उनके किसी नेता को गैर-शैवों (या सिंहली बौद्धों) की हत्या का आदेश दिया है, न ही जब वे खुद को बम से उड़ाते थे तो उनकी कल्पना में यह ख्वाब होता था कि महादेव उन्हें शिव लोक की 72 अप्सराएँ देंगे। और-तो-और, उनका लक्ष्य भी दुनिया भर को शैव बना देना, दुनिया से गैर-शैवों को मिटा देना, या अपने राज में गैर-शैवों के धर्म का प्रचार-प्रसार न होने देना नहीं था।

इसके उलट हर आतंकी मरते समय “अल्लाहू-अकबर” कहता है, उसका ब्रेन-वॉश मुल्ले-मौलवी ‘कुरान’ और ‘हदीस’ में लिखी बातों को सुनकर ही करते हैं, और आइएस के चंगुल से मुक्त हुई लड़कियाँ भी बतातीं हैं कि उनका बलात्कार और उनसे सेक्स-गुलामी भी इस्लाम के ग्रंथों का हवाला देकर ही कराई जाती थी। पुलवामा के दहशतगर्द का बाप उसे इस्लाम की राह पर शहीद मान फ़ख़्र करता है, सैयद अली शाह गीलानी साफ-साफ कहता है कि कश्मीर में दहशतगर्दी राजनीतिक नहीं, मजहबी संघर्ष के लिए है, इस्लाम का वर्चस्व स्थापित करने के लिए है। कश्मीर का आदिल अहमद एमबीए करने के बाद सीरिया क्यों चला जाता है? इस्लाम का जिहाद लड़ने

अब रही जापान की बात तो, इमरान जी, यह जान लीजिए कि…

तीसरा उदाहरण जो इमरान खान जापानियों का देते हैं, तो या तो वह खुद इतिहास में अनपढ़ हैं, या तो वह यह सोचकर वहाँ बोल रहे थे कि जाहिलों की जमात है, कुछ भी पढ़ा दो! जापानियों ने आत्मघाती हमले अमेरिकी जहाजों पर किए जरूर, पर वह जंगी जहाज थे, और समय खुले युद्ध का था- द्वितीय विश्व-युद्ध का। न ही जापानियों ने अमेरिका में ट्विन टावर उड़ाए, न ही पुलवामा की तरह छिप कर तब सैनिकों पर हमला किया जब कोई जंग नहीं चल रही थी। इसलिए इमरान खान के लिए बेहतर होगा कि वो दुनिया को उल्लू बनाना छोड़ें, मानें कि इस्लाम और दहशतगर्दी में सीधा संबंध है, बजाय दुनिया को अपने जैसा ही दिखाने की व्यर्थ कवायद के, और उसका क्या करना है, इस पर मनन-चिंतन करें।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन में तीसरी बार ‘CM की कुर्सी’ पर दिखीं सुनीता, किया ‘केजरीवाल को आशीर्वाद’ अभियान का ऐलान: मैसेज भेजने के लिए दिए नंबर,...

अरविंद केजरीवाल ने जो कुछ कोर्ट के सामने कहा उसके लिए बड़ी हिम्मत चाहिए, वो एक सच्चे राष्ट्रभक्त हैं, बिलकुल ऐसे ही हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों की तानाशाही से लड़ते थे।

जो डर दूसरों में भरा, उसी डर से खुद मरा मुख्तार अंसारी: पूर्व DSP शैलेंद्र सिंह, माफिया पर POTA लगाने वाले पुलिस अधिकारी को...

पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह की मुख्तार की मौत पर प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कहा कि माफिया ने जो डर दूसरों में भरा था वही डर अंत में उस पर हावी हुआ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe