कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की उम्मीदें इन दिनों लगातार दम तोड़ रही हैं। हर जगह से फजीहत और निराशा के सिवा उन्हें कुछ हासिल नहीं हो रहा। वैश्विक पटल पर इस मुद्दे को लगातार उठाने के बाद भी सिर्फ़ एक चीन ही ऐसा देश रहा, जिसने पाक की आवाज सुनी। बाकी सभी देशों ने मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सिर्फ़ हँसी का पात्र बने रहे। हालाँकि, उनके गृह मंत्री ने खुद इस बात को स्वीकारा है कि कोई देश उनका साथ नहीं दे रहा, लेकिन फिर भी इमरान खान दुनिया के आगे झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे। इसका अभी सबसे हालिया उदाहरण देखें तो इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर कथित समर्थन के लिए 58 देशों को शुक्रिया कहा।
जी हाँ। दरअसल, इमरान खान ने गुरुवार को ट्वीट किया, “मैं उन 58 देशों की सराहना करता हूँ, जिन्होंने 10 सितंबर को मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान का साथ देकर विश्व समुदाय की माँग को मजबूती दी कि भारत कश्मीर में बल प्रयोग रोके, प्रतिबंध हटाए, कश्मीरियों के अधिकारों की रक्षा हो और संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जाए।” हालाँकि इमरान खान ने खुद से या उनके किसी भी मंत्रालय या UNHRC (United Nations Human Rights Council, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद) में उनके डिप्लोमेट ने भी इन देशों की सूची अभी तक नहीं दी है।
UNHRC में स्थित पाकिस्तानी डिप्लोमेट ने बताया कि उन्हें चीन के अलावा 57 देशों का समर्थन प्राप्त है। ये 57 देश ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) से संबंधित हैं। हालाँकि इस पाकिस्तानी डिप्लोमेट के बयान में भी झोल नजर आता है क्योंकि ना तो इन्होंने अभी तक वो सूची दी है ना ही IOC के सदस्य देश इंडोनेशिया वगैरह ने अपनी सहमति जताई है।
I commend the 58 countries that joined Pakistan in Human Rights Council on 10 Sept reinforcing demands of int community for India to stop use of force, lift siege, remove other restrictions, respect & protect Kashmiris’ rights & resolve Kashmir dispute through UNSC resolutions.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 12, 2019
गौरतलब है कि इमरान खान के इस ट्वीट पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी चुटकी ली है। जानकारी के मुताबिक जब उनसे इमरान खान के बयान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर इमरान खान को समर्थन मिला होता तो अब तक ये सबको पता चल चुका होता, क्योंकि वो UNHRC की कोई गुप्त बैठक नहीं थी। रवीश कुमार के मुताबिक, “जहाँ तक मैंने जॉइंट स्टेटमेंट के बारे में सुना है, जिसकी सूची वो जारी करने वाले हैं ये दावा करते हुए कि उन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया। मुझे लगता है कि आपको इसके बारे में उन्हीं से पूछना होगा। हमारे पास ऐसी कोई सूची नहीं है।”