नेपाल में चीन का दाँव अब काम नहीं आ रहा है, ऐसे में अब चीनी मीडिया ने भारत को ही दोष देना शुरू कर दिया है। चीन ने आरोप लगाया है कि भारत उसकी जासूसी कर रहा है। जबकि दुनिया भर में कई देश चीन पर ही हैकिंग से लेकर जासूसी तक के आरोप लगाते रहते हैं। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारत पर नेपाल की राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है, जबकि सच्चाई ये है कि चीन का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल फ़िलहाल 4 दिन के प्रवास में काठमांडू में बैठा हुआ है।
ऊपर से चीन दुनिया को बेवकूफ बनाने के लिए ये कह रहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उप-मंत्री गुओ येझोउ के नेतृत्व में चीन की जो टीम नेपाल गई है, वो कोरोना वायरस पर चर्चा के लिए पहुँची है। जबकि चीन लगातार नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के विभिन्न गुटों को एक करने में लगा हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसने नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियों और बदलते घटनाक्रम को संज्ञान में लिया है।
चीन ने नेपाल की सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी को राजनीतिक स्थिरता, राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के हित, विकास और संपूर्ण परिदृश्य को ध्यान में रखने की सलाह देते हुए आंतरिक विवाद को सुलझाने के लिए कहा है। उधर ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने फूदान यूनिवर्सिटी के प्रफेसर लिन मिनवांग के हवाले से दावा किया है कि नेपाल के विवाद में भारतीय हस्तक्षेप से चीन चिंतित है। दावा किया गया है कि भारत के ख़ुफ़िया एजेंट NCP नेताओं पर नजर रख रहे हैं।
वहीं नेपाल के कई राजनीतिक दल और और बुद्धिजीवी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के संसद भंग किए जाने के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। काठमांडू में शनिवार (दिसंबर 26, 2020) को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। इनमें अधिकतर लेखक, कवि और कलाकार शामिल थे। लोगों ने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखने की बात करते हुए अपना आक्रोश जताया। ओली और प्रचंड गुट के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है।
वहीं नेपाल ने कहा है कि भारत के साथ उसके रिश्ते आगे बढ़ते रहेंगे। नेपाल ने कहा कि वहाँ की राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव भारत के साथ उसके रिश्तों पर नहीं पड़ेगा। भारत में नेपाल के राजदूत नीलाम्बर आचार्य ने TOI से कहा कि वहाँ के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली जल्द ही नई दिल्ली आएँगे। साथ ही जॉइंट कमीशन की बैठक भी होनी है। जहाँ नेपाल की राजनीति में चीन बेशर्मी से हस्तक्षेप कर रहा है, भारत ने अपनी तटस्थता से नेपाल की जनता को भी खुश किया है।
#Gravitas | China dispatched top Communist party officials to Kathmandu amid a high-stakes power struggle. Why is Beijing intent on keeping the Nepal Communist Party in power? @palkisu gets you a report. pic.twitter.com/JhzBhpAWW9
— WION (@WIONews) December 28, 2020
इस दौरान भारत के तीन बड़े अधिकारियों ने काठमांडू का दौरा कर के द्विपक्षीय हितों को मजबूत करने पर बल दिया। कॉमर्स और एनर्जी मंत्रालय के सचिवों की नेपाल के उनके समकक्षों के साथ बैठक भी हुई। नेपाल द्वारा गलत नक्शा जारी किए जाने के बाद पिछले कुछ महीनों में उसके रुख में बड़ा बदलाव आया है और भारत के साथ रिश्ते पटरी पर आ गए हैं। उधर चीनी प्रतिनिधिमंडल लगातार NCP नेताओं के साथ बैठकों में व्यस्त है।
बता दें कि चीन का उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार (दिसंबर 27, 2020) को काठमांडू पहुँचा और तुरंत ही नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) को टूट से बचाने के काम में लग गया। चीनी टीम ने नेपाल के राष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके बाद शाम के 7:30 बजे चीनी टीम बालूवाटर पहुँची और वहाँ पीएम ओली के साथ उसकी बैठक हुई। टीम स्थिति का यही आकलन करने आई है कि नई परिस्थितियों में उस निवेश पर क्या असर पड़ेगा।