Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजकनाडा पर और सख्त हुआ भारत: 41 राजनयिक वापस बुलाने को कहा, राजनयिक छूट...

कनाडा पर और सख्त हुआ भारत: 41 राजनयिक वापस बुलाने को कहा, राजनयिक छूट वापस लेने की चेतावनी भी दी

फाइनेंशियल टाइम्स की इस रिपोर्ट पर भारतीय विदेश मंत्रालय का कोई बयान नहीं आया है। कनाडाई दूतावास ने भी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने राजनयिक भारत छोड़ चुके हैं और यह आदेश कब दिया गया था।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा से कहा है कि वह भारत में मौजूद अपने 41 राजनयिकों को 10 अक्टूबर 2023 से पहले वापस बुला ले। भारत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कनाडा यदि ऐसा करता है तो इन्हें मिली हुई राजनयिक छूट वापस ले ली जाएगी।

यह जानकारी अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने दी है। अखबार के अनुसार, इस समय भारत में कनाडा के 62 राजनयिक मौजूद हैं। 41 राजनयिकों को वापस बुलाने पर यह संख्या 21 हो जाएगी। ऐसी स्थिति में 10 अक्टूबर के बाद भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या एक तिहाई रह जाएगी।

भारत ना छोड़ने की स्थिति में कनाडाई राजनयिक वह छूट खो देंगे, जो कि उन्हें मिली हुई हैं। इसके बाद वह अपने राजनयिक ओहदे का लाभ लेकर भारतीय कानूनों से नहीं बच पाएँगे। सामान्य स्थिति में विदेशी राजनयिकों को किसी अपराध का दोषी पाए जाने पर देश छोड़ने को कहा जाता है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों की संख्या का मसला कई बार कनाडा के सामने उठाया था। भारत ने साफ शब्दों में कहा था कि दोनों देशों की राजनयिकों की संख्या में असमानता है। जितने भारतीय राजनयिक कनाडा में हैं, उससे कहीं अधिक कनाडाई राजनयिक भारत में हैं।

भारत का यह निर्णय दोनों देशों के बीच जारी रस्साकशी के बीच आया है। 18 सितम्बर 2023 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाने का आरोप लगाया था। कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित किया था।

भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए बदले में एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को भी खारिज किया था। इसके साथ ही भारत ने कनाडाई राजनयिकों पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप भी लगाए थे। भारत ने कहा था कि कनाडा आतंकियों और अपराधियों को शरण देता है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी, जो कि अभी तक जारी है। कनाडा के साथ हुए विवाद के बाद 21 सितम्बर 2023 को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत की चिंता दोहराई थी।

फाइनेंशियल टाइम्स की इस रिपोर्ट पर भारतीय विदेश मंत्रालय का कोई बयान नहीं आया है। कनाडाई दूतावास ने भी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने राजनयिक भारत छोड़ चुके हैं और यह आदेश कब दिया गया था।

हालाँकि, भारत के इस कदम से स्पष्ट है कि वह कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर काफी गुस्सा में है। भारत, कनाडा में राजधानी ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में दूतावास/वाणिज्यिक दूतावास संचालित करता है। कनाडा, भारत में 4 दूतावास/वाणिज्यिक दूतावास संचालित करता है जो नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में स्थित हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -