Wednesday, November 6, 2024
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बयान नहीं, कार्रवाई चाहिए… तिरंगे के अपमान के विरोध में लंदन में सड़क पर उतरा भारतीय समाज, अमेरिका में भी बोले सिख नेता – हिंसा बर्दाश्त नहीं

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा वहाँ के सिख नेताओं ने भी की है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन तोड़फोड़ का नहीं।

जहाँ लंदन में खालिस्तानियों के खिलाफ भारतीय प्रवासी सड़क पर उतर आए हैं, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में भी सिख नेताओं ने भारतीय दूतावासों पर हमले की निंदा की है। लंदन और सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास पर हमला करते हुए तिरंगे झंडे का अपमान किया था और जम कर तोड़फोड़ मचाई थी। पंजाब में अलगववादी अमृतपाल सिंह के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर ये असामाजिक तत्व भड़के हुए हैं।

लंदन में भारतीय हाई कमीशन के सामने बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय समाज का जुटान हुआ। इन्होने माँग की कि लंदन के गवर्नर सादिक खान और स्थानीय प्रशासन दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे। भारत की एकता और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान में पूरे ब्रिटेन से भारतीय मूल के लोग जुटे। उन्होंने कहा कि उन्हें बयान नहीं, कार्रवाई चाहिए। साथ ही ‘जय हो’ गाने पर उन्होंने डांस भी किया। इस दौरान ब्रिटिश सुरक्षाकर्मी भी भारतीयों के साथ नाचते दिखे।

भारतीय प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रविवार (19 मार्च, 2023) को जिस तरह खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावास पर हमला किया, उसके बाद उनका कर्तव्य था कि वो सड़क पर उतरें। उन्होंने कहा कि भारतीय ध्वज के अपमान के प्रति आपत्ति जताना और अपने गुस्से का इजहार करना आवश्यक था। उन्होंने कहा कि तिरंगे के लिए हम सब एक हैं। भारत ने भी ब्रिटेन के राजदूत को तलब कर इस घटना पर आपत्ति जताई थी।

इसी तरह सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा वहाँ के सिख नेताओं ने भी की है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन तोड़फोड़ का नहीं। सिख नेता जसदीप सिंह ने कहा कि किसी भी रूप में हिंसा स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने लंदन की घटना की भी निंदा की। हालाँकि, उन्होंने कहा कि 10 लाख में से मुट्ठी भर सिखों ने ही ये सब किया और अमेरिका-कनाडा में खालिस्तानियों के प्रभाव वाली बात मीडिया बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है।

उधर, सिख नेता बालगेन्द्र सिंह शमी ने भी कहा कि अमेरिका-इंग्लैंड में भारतीय दूतावास पर हमले की वो निंदा करते हैं। हालाँकि, उन्होंने ये भी जोड़ा कि पंजाब में जो भी हो रहा है वो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के अधिकार का प्रयोग किया जाना चाहिए, लेकिन एकदम शांतिपूर्ण ढंग से। भारतीय समाज पहले ही FBI और अन्य उच्च-स्तरीय एजेंसियों से मामले की जाँच की माँग की है। उधर भारत में अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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