जनता से बढ़कर तानाशाह और धार्मिक नेता नहीं होते। जनता जब चाहे इन्हें उखाड़कर फेंक सकती है। इस्लामी मुल्क ईरान (Iran) में भी कट्टरपंथी धार्मिक नेताओं के विरोध में वहाँ की महिलाएँ सड़कों पर उतर चुकी हैं और पूरे देश और दुनिया से उन्हें समर्थन मिल रहा है।
ईरान की इस्लामी सरकार की दमनकारी रवैए के बाद वहाँ का हिजाब विरोधी आंदोलन हिंसक हो गया है। वहीं, बलूचिस्तान में 15 साल की एक लड़की के साथ बलात्कार के बाद वहाँ की जनता हिंसक हो गई है। आरोप है कि पुलिस कमांडर ने अपने ऑफिस में ले जाकर इस लड़की का बलात्कार किया।
लोगों के साथ एक झड़प में ईरानी पुलिस ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ (IRGC) के सिस्तान एवं बलूचिस्तान के खुफिया प्रमुख अली मौसवी (Ali Mousavi) की मौत हो गई है। वहीं, सुरक्षाबलों की फायरिंग में कम से कम 36 लोगों के मारे जाने की खबर है।
सुन्नी समुदाय के बलूच लोगों का आरोप है कि 15 साल की इस लड़की के साथ चाबहार के पुलिस कमांडर कर्नल इब्राहिम कौचकजाई ने बलात्कार किया है। इसके बाद पुलिस इस मामले को दबाने में लगी हुई थी। पुलिस ने लड़की के परिजनों पर इसको लेकर चुप रहने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं लड़की के 3 परिजनों को गिरफ्तार कर उनसे बलात्कार से इनकार वाले बयान देने का भी दबाव बनाया गया। इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए।
GRAPHIC: Two #Baloch protesters, identified as Mahmoud Brahui and Amin, were killed by Iranian police in #Zahedan today.
— SAMRI (@SAMRIReports) September 30, 2022
Protesters gathered after Friday prayers to protest the alleged rape of a Baloch girl by Chabahar's police chief.#IranProtests #دختر_چابهاری #مهسا_امینی pic.twitter.com/VLGQozibx9
स्थानीय मीडिया के अनुसार, आंदोलनकारी जाहेदान शहर में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने गोलियाँ चलाईं। इसके बाद आंदोलनकारियों की ओर से भी गोलियाँ चलाई गईं। इस झड़प में आंदोलनकारियों की गोली अली मौसवी को लगी। मौसवी को तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
मौसवी की मौत सरकार विरोधी लोगों में गुस्से का इजहार है। इसके पहले हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खोमनई की मौत की माँग कर रहे थे। ओस्लो स्थित ईरान मानवाधिकार संगठन का कहना है कि विरोध शुरू होने के बाद से सुरक्षाबलों ने कम-से-कम 83 लोगों को मार दिया है।
वहीं, हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष में कई सुरक्षाबलों की भी मौत हुई है, लेकिन मारे गए सुरक्षाबलों में अली मौसवी सबसे उच्च रैंक के अधिकारी हैं। बता दें कि बलूचिस्तान ईरान और पाकिस्तान में एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहाँ बलूच संप्रदाय के लोग रहते हैं। शिया बहुल ईरान में सुन्नी बलूचों के साथ अक्सर हिंसा की खबरें आती हैं।
पिछले साल भी इलाके के खराब हालात को लेकर यहाँ प्रदर्शन करने वाले लोगों पर ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ की पुलिस ने गोलियाँ चलाई थीं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। बलूच ईरान और पाकिस्तान से बलूचिस्तान की माँग करते हुए सशस्त्र विद्रोह चलाते हैं। इसमें वे आतंकी संगठन अल-कायदा का भी सहयोग ले रहे हैं।
बता दें कि ईरान में हिजाब विरोधी हिंसा मध्य सितंबर उस समय भड़क उठी, जब महसा अमिनी (Mahsa Amini) नाम की एक युवती अपने भाई के साथ जा रही थी और हिजाब ढंग से नहीं पहने के कारण पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे थाने में ले जाकर इतना पीटा गया कि वह कोमा में चली गई और बाद में उसकी मौत हो गई।
इसके बाद ईरान में हिजाब जलाकर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन प्रदर्शनों में ईरान पुलिस ने गोली मारकर कई महिला प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी। हालाँकि, पुलिस के दमन के बाद यह आंदोलन और विस्तृत और हिंसक होता जा रहा है। ईरानी महिलाओं के समर्थन में दुनिया भर में प्रदर्शन हो रहे हैं।