इराक की सरकार निकाह कानून में एक महत्वपूर्ण संशोधन करने की योजना बना रही है, जिसके तहत लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को 9 साल तक कम किया जाएगा। यह प्रस्ताव को इराकी संसद में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया गया है और यदि इसे पारित किया जाता है, तो पुरुषों को 9 साल की उम्र तक की लड़कियों से विवाह करने की अनुमति मिलेगी।
यह कदम इराक के ‘व्यक्तिगत स्थिति कानून’ को पलटने का एक प्रयास है, जिसे ‘कानून 188’ के रूप में जाना जाता है और जिसमें महिलाओं के अधिकार आदि देने की भी बात है। इस कानून को 1959 में लागू किया गया था। इसे मध्य पूर्व में सबसे प्रगतिशील कानूनों में से एक माना जाता था, क्योंकि यह सभी धार्मिक समुदायों के लिए समान नियम लागू करता था।
Iraq is set to lower the legal age of consent for girls to just 9, with plans to amend the 1959 personal status law. This move will not only legalize child marriages but also strip women of critical rights like divorce, custody, and inheritance. pic.twitter.com/QzTvwahGwq
— Habib Khan (@HabibKhanT) November 10, 2024
हालाँकि अब इराकी सरकार ने इस कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि इराक अपने कानून में यह संशोधन उस समय कर रहा है जब इराक में पहले से ही उच्च बाल विवाह की दर चर्चा में रहती है। वहाँ कम उम्र में निकाह किया जाना विशेष रूप से गरीब और अति-रूढ़िवादी शिया समुदायों के लोगों में आम है।
Iraq is legalizing child marriage and lowering the age of consent to just 9.
— Dr. Maalouf (@realMaalouf) November 9, 2024
Iraqi women’s rights activist risks her life and confronts an iman who sponsored the bill.
“You’re following Muhamad who married 9-year-old Aisha 1400 years ago. That is not normal in today’s world!” pic.twitter.com/JnpUT3RUF5
बताया जाता है कि वर्तमान में, लगभग 28% इराकी लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले हो जाती है। अब प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य इस्लामी शरिया कानून की सख्त व्याख्या के अनुरूप बताया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि यह युवा लड़कियों को “अनैतिक संबंधों” से बचाने के लिए आवश्यक है।