आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ (ISIS) ने अपनी पत्रिका ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ का 28वाँ एडिशन जारी किया है। इस एडिशन का कवर पेज हरियाणा की नूहं हिंसा और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर बनाया है।
केवल बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदर लिखे भड़काऊ लेखों में हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। इन जहर बुझे लेखों में भारत के मुस्लिमों को हिन्दुओं के खिलाफ जिहाद छेड़ने को कहा गया है। आतंकी समूह ने इसमें हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को भी खुली धमकी दी है। ये मैगजीन आईएसआईएस प्रकाशन फ्रंट ‘अल-अज़ैम फाउंडेशन’ पब्लिश करता है।
मैग्जीन के कवर पेज पर टाइटल में लिखा है रक्तपात का जिहाद इस धरती पर हिंदुओं का आखिरी इलाज है। इससे साफ है कि आतंकी संगठन हिंदुओं के खिलाफ लड़ाई में उनके उनका ज़्यादा से ज़्यादा खून बहाने की मंशा रखता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएस ने अपनी प्रोपेगैंडा मैगजीन के नए एडिशन में ‘बजरंग दल’ और ‘विश्व हिंदू परिषद’ (VHP) के बारे में भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है। इसमें हिंदुओं के खिलाफ अच्छा खासा-जहर उगला गया है।
NIA के रडार पर है ‘वॉयस ऑफ खुरासान’
गौरतलब है कि टेलीग्राम समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भारत में प्रसारित होने वाली आईएस मैगजीन की सामग्री लगातार राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) के रडार पर है। इस्लामिक स्टेट मैगजीन के कवर पेज पर उस बुलडोजर की तस्वीर है जिसका इस्तेमाल 31 जुलाई को हरियाणा के नूहं जिले में हुई हिंसा के बाद आरोपितों के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए किया गया था।
रिपोर्टों में कहा गया है कि आईएस की प्रोपेगैंडा मैगजीन के लेख में मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी के बारे में विस्तार से जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि इन दोनों गौरक्षकों ने एक भड़काऊ वीडियो बनाया था। इसके बाद मुस्लिमों पर कथित तौर पर हमला किया गया।
आईएस मैग्जीन ने आगे आरोप लगाया कि हिंसा के बाद मुस्लिमों के 500 घरों को ध्वस्त कर दिया गया और जला दिया गया और इस कदम को हरियाणा के गृह मंत्री का समर्थन मिला। इसी वजह से मैगजीन ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से बदला लेने का भी इशारा किया और उन्हें धमकी भी दी।
आईएसआईएस ने हिंदुओं को कायर कहा
ऑपइंडिया ने आतंकी संगठन आईएस की मैग्जीन के नए अंक की पड़ताल में पाया कि ‘मूर्तियों को तोड़ने के स्वर्ण युग को वापस लाओ’ चैप्टर में आईएसआईएस ने हिंदुओं को कायर कहा है। इसके साथ ही दावा किया गया है कि हिंदू मुस्लिम आक्रमणकारियों से छुटकारा पाने के काबिल नहीं थे। भारत में अंग्रेजों के आने के बाद ही मुस्लिम शासन की चमक फीकी हुई।
इसमें आगे कहा गया है, “अपमान बहुदेववादियों का आखिरी किस्मत है।” इसमें दावा किया गया है कि जो लोग कई देवताओं की पूजा करते हैं वे अपमानित होने के पात्र हैं। आक्रमणकारियों के हाथों सोमनाथ मंदिर और अन्य हिंदू मंदिरों के साथ जो हुआ उस पर फक्र जताया है। इसके साथ ही मैगजीन के लेख में दावा किया गया कि अंग्रेज केवल ‘कुछ धोखेबाजों मुस्लिमों के विश्वासघात की वजह’ से इस्लामी शासन को दबाने में कामयाब रहे।
हिंदुओं पर मासूम मुस्लिमों पर अत्याचार का आरोप
इस मैगजीन के लेख में भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर ही उगला गया है। भारत और हिंदुओं पर ‘मासूम मुस्लिमों पर अत्याचार’ करने का आरोप लगाया गया। मैगजीन के प्रचारक लेखक ने ज्ञानवापी में विवादित ढाँचे को वापस पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाले हिंदुओं पर निशाना साधा है।
इसमें यह बताया गया कि अयोध्या में विवादित ढाँचे पर कब्ज़ा करने की प्रक्रिया कैसे शुरू हुई। लेख में कहा गया है, “हिंदू बहुदेववादी साँप अब साहसी बन रहे हैं और भारत और पूरी दुनिया में इस्लाम और मुस्लिमों के खिलाफ अपना सिर उठा रहे हैं।”
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ढांचे के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मंजूरी दी, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को ‘हिंदू तवागीत (Tawagheet) का सुप्रीम कोर्ट’ कहा। इस्लाम के मुताबिक, तवागीत एक ऐसी चीज़ है जिसकी पूजा खुद के लिए की जाती है। लेख में हिंदुओं के खिलाफ ‘जिहाद’ का भी ऐलान किया गया। इसमें लिखा था, “भारत में मुस्लिमों के लिए इस दुर्दशा और अपमान से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है जब तक कि वे इन कायर गाय-पूजक हिंदू गंदगी के खिलाफ जिहाद के ऐलान का जवाब नहीं देते।”
आईएसआईएस ने पुलिस को ‘कुत्ते’ कहा
अगले चैप्टर ‘रक्तपात की इबादत: इस सांसारिक जीवन में हिंदुओं का आखिरी इलाज’ में आईएसआईएस ने हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को निशाना बनाया और उन पर नूहं में ‘तलवारों, चाकुओं और बंदूकों से लैस’ हिंदू जुलूस को “मुस्लिम बहुल क्षेत्रों” से गुजरने की मंजूरी देने का आरोप लगाया।
उसने मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर जुलूस से कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए हिंसा भड़काने का भी आरोप लगाया। गौरतलब है कि पुलिस ने साफ कहा है कि हिंसा भड़काने में इन दोनों की कोई भूमिका नहीं है। आईएसआईएस ने हिंदुओं पर एक इमाम की हत्या करने और मुस्लिमों के 500 घरों को ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए उनके के घरों में घुसने और उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए पुलिसकर्मियों को ‘कुत्ते’ कहा।
ISIS ने पुलिस अधिकारियों पर मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। उसने भारत के सुप्रीम कोर्ट पर हिंदू यात्राओं को तथाकथित मुस्लिम क्षेत्रों से गुजरने से रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया।
वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को ‘सूअर’ कहा
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को ‘सूअर’ कहते हुए आईएसआईएस ने हिंदुओं को मारने की धमकी दी। लेख में कहा गया है, “हम इंशाअल्लाह आपके हर अन्याय और उत्पीड़न का बदला लेंगे, और बहुत जल्द हम आपको आपकी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सबक के रूप में आपकी दवा का स्वाद चखने के लिए देंगे।”
हिंदुओं के खिलाफ बदला लेने का उकसाते हुए, आईएसआईएस ने भारतीय इस्लामवादियों से ‘हिंदुओं को जिंदा जलाने, उनके घरों, बाजारों और फसलों को जलाकर राख करने’ के लिए कहा। उसने आगे कहा कि ‘उन्हें उनकी गलियों में मार डालो, वाहनों से उन्हें कुचल दो, उनकी पानी की टंकियों में जहर मिला दो और उनके जुलूसों में साँप फेंक दो।’
मीर फैसल की महिमा गाई
फेक न्यूज पैडलर मीर फैसल आईएसआईएस ने खासी इज्जत दी है। उसकी तीन पोस्ट का जिक्र आंतकी संगठन ने 30 जुलाई को अपनी मैगजीन में किया है। इससे ऐसा लगता है कि इस तारीख को आईएसआईएस ने मैगेजीन बनाने के लिए सोशल मीडिया को ‘स्क्रॉल’ किया था। इसमें आतंकी संगठन ने ये भी जिक्र किया है कि मीर फैसल की पोस्ट कहाँ-कहाँ से ली जा सकती हैं।
मीर फैसल एक प्रचारक और सिलसिलेवार फर्जी खबरें बेचने वाला शख्स है। ऑपइंडिया ने पिछले कुछ वर्षों में उनके झूठ को बड़े पैमाने पर खुलासा किया है। मार्च 2023 में, उसने एक लंबा थ्रेड प्रकाशित किया जिसमें दावा किया गया कि हिंदू हिंसा में शामिल थे।
थ्रेड में कुल 30 वीडियो के साथ कुल 24 ट्वीट थे, जिनमें से 21वाँ ट्वीट अब हटा दिया गया है। ऑपइंडिया ने थ्रेड के शेष ट्वीट्स में सभी झूठों का भंडाफोड़ किया, जिसे यहाँ जाँचा जा सकता है। जून 2022 में, ऑपइंडिया ने मीर फैसल की एक प्रोफ़ाइल बनाई थी, जब उसने ट्वीट किया था कि सभी गैर-मुस्लिम एक जैसे हैं, वह काफिर है।
नूहं हिंसा में क्या हुआ?
इस साल 31 जुलाई को, हरियाणा के मुस्लिम बहुल नूहं जिले में दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई थी। भीड़ ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के जुलूस पर पथराव किया था। पुलिस के अनुसार, 31 जुलाई को दोपहर 2 बजे के आसपास लगभग 200 लोगों का जुलूस एडवर्ड चौक से नूहं शहर की ओर बढ़ने के 10 मिनट बाद हिंसा शुरू हुई।
जैसे ही समूह मुख्य सड़क से नीचे चला गया, एक बड़ी भीड़ ने उस पर पत्थरों से हमला किया गया। हिंदू पक्ष शुरू में पीछे हट गया, लेकिन फिर से संगठित हो गया और इस्लामी भीड़ का सामना किया। खबरों के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष ने जुलूस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद हिंदू पक्ष के लोग भड़क गए।
नीरज और गुरसेवक नाम के दो होम गार्डों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए और दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई थी। नूंह और गुरुग्राम जिलों में भीड़ ने वीएचपी-बजरंग दल के जुलूस को रोकने की कोशिश की। लगभग दो सप्ताह बाद, 13 अगस्त को सर्व जातीय हिंदू महापंचायत ने पवित्र महीने सावन के आखिरी सोमवार, 28 अगस्त को नूहं में बृज मंडल शोभा यात्रा को फिर से शुरू करने का आह्वान किया।
हिंदू संगठन की इस शोभा यात्रा से पहले नूहं और इसके आसपास के जिले सोमवार (28 अगस्त) को किले में तब्दील हो गए। जिस स्थान पर 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी, वहाँ भारी सुरक्षा व्यवस्था थी। हालाँकि, अधिकारियों ने सोमवार (28 अगस्त) को जुलूस की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।