नेपाल के रौतहट जिले में गुरुवार (15 फरवरी, 2024) को हिन्दुओं की प्रतिमा विसर्जन यात्रा पर हमला हुआ था। विवाद की शुरुआत तब हुई जब माता सरस्वती प्रतिमा को नदी में विसर्जित करने जा रही हिन्दुओं की यात्रा ईशनाथ के पास मस्जिद के आगे पहुँची। इस दौरान श्रद्धालुओं के साथ चल रही प्रशासन पर भी पत्थरबाजी हुई। इस घटना के विरोध में हिन्दू संगठनों द्वारा सोमवार (19 फरवरी, 2024) को वीरगंज बंद का ऐलान हुआ था।
इस बंदी में भी मुस्लिम भीड़ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर गई। इस दौरान भगवान राम के चित्र वाले भगवा ध्वज को नोच कर गटर में फेंक दिया गया और मंदिर में तोड़फोड़ हुई। प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने फ़िलहाल कर्फ्यू लगा दिया है।
नेपाल के संगठन ‘हिन्दू सम्राट सेना’ संगठन के पदाधिकारी कृष्ण कुमार शाह ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने बताया कि गुरुवार (15 फरवरी, 2024) को रौतहट जिले में हिन्दू समाज माता सरस्वती की प्रतिमा नदी में विसर्जन करने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से जा रहे थे। इस यात्रा से पहले एक पीस कमेटी का गठन हुआ था। कमेटी में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के 5-5 सदस्यों को शामिल किया गया था। दोनों पक्षों ने प्रशासन को भरोसा दिया था कि वो अपने-अपने समुदाय के लोगों को समझाएँगे और शाँति बहाल रखेंगे।
जब यह यात्रा वीरगंज नगरपालिका के मुस्लिम बहुल इलाके के पास से गुजरी तभी वहाँ सड़क के किनारे बनी एक मस्जिद पर इसे रोक दिया गया। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को मस्जिद के सामने से यात्रा ले जाने पर ऐतराज था। इसी बार पर दोनों पक्षों में तकरार होने लगी। बकौल कृष्ण कुमार, कुछ ही देर में मस्जिद के आसपास बने मुस्लिमों के मकानों से पत्थर चलने लगे। पत्थरबाजी में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे। इस पथराव की वजह से विसर्जन यात्रा में शामिल नरेश कुमार पासवान और 2 नाबालिग हिन्दू बच्चे घायल हो गए। जुलूस के साथ चल रहे पुलिस के कुछ जवान भी इस हमले की चपेट में आ गए।
‘हिन्दू सम्राट सेना’ पदाधिकारी ने हमें आगे बताया कि पत्थरबाजी की वजह से माता सरस्वती की मूर्ति भी खंडित हो गई। नाराज श्रद्धालुओं ने खंडित मूर्ति के साथ धरना शुरू कर दिया। थोड़े समय बाद प्रशासन दल-बल के साथ मौके पर पहुँचा और हिन्दू समाज के लोगों से मूर्ति को विसर्जित करने की गुजारिश की। इस दौरान अधिकारियों ने हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया। कृष्ण कुमार साह हमें आगे बताते हैं कि जब प्रशासन की बात मान कर श्रद्धालु फिर से मूर्ति विसर्जन करने चले तभी फिर से मुस्लिमों के मकानों ने पत्थरबाजी होने लगी।
दोबारा हुई पत्थरबाजी से एक बार फिर से न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों में भी अफरातफरी मच गई। आखिरकार प्रशासन ने बिना श्रद्धालुओं की मौजूदगी के ही अपनी तरफ से मूर्ति का विसर्जन किया। अपनी विसर्जन यात्रा पर इस हमले से नाराज हिन्दू समुदाय ने प्रशासन से जल्द से जल्द आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की। इस बीच लगभग 4 दिन बीत जाने पर भी जब किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हिन्दू संगठनों ने 19 फरवरी (सोमवार) को वीरगंज बंद का एलान किया।
ऑपइंडिया ने हिन्दू सम्राट सेना के अध्यक्ष राजेश यादव से बात की। उन्होंने हमें बताया कि 19 फरवरी को जब हिन्दू समाज शाँतिपूर्वक बंद का पालन करवा रहा था तब एक बार फिर से इस्लामी भीड़ सड़कों पर उतर आई। भीड़ के पास लाठी-डंडे और अन्य हथियार थे। इसमें सभी उम्र के लोग शामिल थे। इन्होने नारा ए तकबीर और अल्लाह हु अकबर बोल कर सड़कों पर हंगामा किया। इस दौरान इसी हिंसक भीड़ ने वीरगंज के खम्बों पर लगे भगवान् राम के चित्र वाले भगवा ध्वजों को भी नोच कर नालियों में फेंक दिया।
ऑपइंडिया ने इस हिंसक भीड़ की करतूतों के वीडियो शेयर किए हैं।इस दौरान बीरगंज के एक मंदिर में तोड़फोड़ की भी खबर है।
नेपाल में कट्टरपंथी मुस्लिम भीड़ का सरस्वती पूजा विसर्जन पर हमला।
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) February 19, 2024
भगवान राम के भगवा झंडे को सड़क पर पटका, नाली में फेंका… लगाए नारा-ए-तकबीर और अल्लाह-हू-अकबर के नारे@STVRahul की पूरी रिपोर्ट जल्द ही pic.twitter.com/5Ih47FlFBb
नेपाल की एक महिला पत्रकार किरन जोशी ने अपने X हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। उनका दावा है कि यह वीडियो बीरगंज में आज हुई हिंसा का है। कैप्शन में उन्होंने 11 सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की बात कही है। किरन जोशी द्वारा शेयर वीडियो में हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करते देखा जा सकता है। बीच में कुछ काले रंग के पठानी सूट पहने युवक पुलिस से भागते भी दिख रहे हैं।
🚨# 😮 #BreakingNews 🚨 😮
— kiran joshi (100% Follow Back) (@kiranjoshi235) February 19, 2024
हिन्दु मुस्लिमको तनावले बिरगंज अस्तब्यस्त
वीरगंजमा कर्फ्युका बीच झडप भएकाे छ।
झडपमा ११ जना प्रहरी घाइते pic.twitter.com/jQglc8qE43
उन्मादी भीड़ की इस हरकत के बाद जिला प्रशासन ने वीरगंज में कर्फ्यू लगा दिया है। आदेश की परिधि में बीरगंज नगरपालिका क्षेत्र को रखा गया है। अब अगले आदेश तक इस प्रभावित क्षेत्र में किसी को भी रैली, भाषण और बेवजह इधर-उधर आने-जाने की अनुमति नहीं हैं।
नेपाली प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज कर हिन्दू सम्राट सेना ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया है और 81% हिन्दुओं के देश में बहुसंख्यक समाज की हालत पर चिंता जताई है।
फ़िलहाल बीरगंज के प्रभावित इलाकों में भारी फ़ोर्स तैनात कर दी गई है। नेपाली पुलिस के साथ वहाँ के अर्धसैनिक बल भी गश्त कर रहे हैं। हिन्दू संगठनों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही हिंसक गतिविधियों में शामिल लोगों को पकड़ा जाएगा। हिन्दू सम्राट सेना के पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने हमें बताया कि ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। चरमपंथियों पर दुर्गा पूजा सहित कुल 7 से अधिक धार्मिक कार्यक्रमों में उन्होंने इस तरफ के व्यवधान डालने का आरोप लगाया