इजरायल ने इस्लामी आतंकी संगठन हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को अंजाम दिए बर्बर नरसंहार के बाद उसके खात्मे की दिशा में काम शुरू कर दिया है। हालाँकि, इजरायल के सामने सबसे बड़ी समस्या हमास द्वारा बंधक बनाए गए अपने 200 नागरिकों को छुड़ाना है। कहा जा रहा है कि हमास इन्हें अलग-अलग सुरंगों में छिपाकर रखा है। इसलिए इजरायल ने इसका तोड़ स्पॉन्ज बम (Sponge Bombs) के रूप में निकाला है।
इजरायली सैनिकों ने शुक्रवार (27 अक्टूबर 2023) से गाजा में जमीनी हमला शुरू कर दिया। दरअसल, फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी में सुरंगों का जाल बिछा हुआ है। ये सुरंग रिहायशी इलाकों में जमीनों के नीचे बनाए गए हैं। हमास के आतंकी अपने ठिकाने के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। ये सुरंगें सैकड़ों किलोमीटर लंबी और करीब 80 मीटर गहरी बताई जा रही हैं। ये गाजा की लगभग 360 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैली हुई हैं।
इन सुरंगों का उपयोग हमास के आतंकी ना सिर्फ सैन्य ठिकाने के रूप में करते हैं, बल्कि तस्करी के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। साल 2000 के बाद से गाजा ने इन सुरंगों का इस्तेमाल गाजा और मिस्र के बीच माल और हथियारों की तस्करी के लिए एक चैनल के रूप में भी शुरू कर दिया।
एक दशक पहले इज़रायली अधिकारियों ने गाजा से इज़रायल तक करीब 1.5 मील लंबी और 66 फीट नीचे एक सुरंग की खोज की थी। उन्होंने अनुमान लगाया कि इसकी लागत लगभग 10 मिलियन डॉलर (लगभग 44 करोड़ रुपए) थी। इसमें 800 टन कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था। 2006 में वहाँ सत्ता में आने के बाद हमास ने सुरंगों का जाल बिछा दिया।
वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, इन सुरंगों के बारे में इजरायल सहित किसी भी देश को सटीक जानकारी नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा के नीचे एक पूरा शहर बसा हुआ है। यहाँ बनाई गईं सुरंगों के आकार अलग-अलग हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें अधिकांश लगभग 6.5 फीट ऊँची और 3 फीट चौड़ी है।
संकरे रास्ते बड़े कमरों की ओर खुलते हैं, जिनमें हथियार, राशन रखने या आतंकियों के रहने की व्यवस्था है। यहाँ मोटरसाइकिलें और गाड़ियाँ भी चलती हैं। यहाँ ज्यादातर सुरंगें 150 फीट गहरी हैं, जो 14 तला बिल्डिंग के बराबर हैं। इनमें बिजली और बाथरूम आदि की भी व्यवस्था की गई है।
सुरंगों के जाल को खत्म करने के लिए स्पॉन्ज बम जरूरी
इन सुरंगों में इस्लामी आतंकी संगठन हमास ने अपने सैन्य ठिकाने बना रखे हैं। इनमें हथियारों के जखीरा से लेकर आतंकियों के रहने की हर एक सुख सुविधा मौजूद है। इन सुरंगों में तेल और अनाज का विशाल भंडार भी है, ताकि महीनों तक यदि आतंकियों को छिपने की जरूरत पड़े तो उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो। इतना ही नहीं, कहा तो यहाँ तक जाता है कि इन सुरंगों में मस्जिदें और मदरसे तक बने हुए हैं।
दरअसल, साल 1987 में हमास का गाजा में उदय हुआ। इसके बाद उसने साल 1990 से इजरायल के खिलाफ लड़ाई के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी। इसके लिए उसने इन सुरंगों की खुदाई कर दी। वेस्ट बैंक और गाजा में इन सुरंगों का जाल है। साल 2005 में इजरायल ने गाजा से अपने सैनिक हटा थे। इसके बाद 2006 में हमास ने चुनाव के जरिए गाजा की सत्ता पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सुरंगों का निर्माण हमास के लिए और आसान हो गया।
इन सुरंगों का पता लगाना इजरायल के लिए भी एक चुनौती का काम है। इसलिए इजरायल गाजा में जमीनी कार्रवाई से पहले फूँक-फूँक कर कदम रख रहा है। इजरायल ने इसका तोड़ स्पॉन्ज बम के रूप में निकाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्पॉन्ज बम इन सुरंगों को पूरी तरह बेकार कर देंगे। फिर हमास के आतंकियों के पास बचने का कोई ठिकाना नहीं रहेगा।
कैसे काम करता है स्पॉन्ज बम
दरअसल, स्पॉन्ज बम एक विशेष प्रकार का उपकरण है, जो एक सुरक्षित प्लास्टिक कंटेनर में बंद होता है। इसके दो हिस्से होते हैं, जो दो अलग-अलग तरह के रसायन से भरे होते हैं। ये दोनों हिस्से एक धातु के जरिए जुड़े होते हैं। जब इस बम को सक्रिय किया जाता है तो इसके दोनों रसायन आपस में मिल जाते हैं और उनसे एक खास तरह का फोम बनकर निकलता है।
ये फोम आसपास बहुत तेजी से फैलता है और फिर ठोस हो जाता है। इससे सुरंग का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। इससे अंदर हवा का प्रवाह भी रूक जाता है। रास्ता बंद हो जाने के बाद सुरंग बेकार हो जाती है। इससे हमास के आतंकी सुरंग में घुट-घुटकर दम तोड़ देंगे। अगर दुश्मन अंदर से बंदूक या बम से भी इस फोम को तोड़ने या काटने की कोशिश करेगा, तब भी वह कामयाब नहीं हो पाएगा।
कहा जाता है कि इजरायल ने इस बम का प्रयोग साल 2021 में भी किया था। तब इजरायली सैनिक गाजा की सीमा के करीब त्ज़े’एलिम सैन्य अड्डे पर एक नकली सुरंग बनाकर इसका परीक्षण किया था। यह भी कहा जा रहा है कि इजरायल एक रासायनिक ग्रेनेड का भी परीक्षण कर रहा है, जो सुरंग के प्रवेश द्वार को सील कर देगा।