Friday, November 15, 2024
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4 साल बाद ट्रंप ने बायडेन से हिसाब किया चुकता, प्रेसिडेंशियल डिबेट में अबकी बार धो डाला: अमेरिकी राष्ट्रपति की कई बार जुबान लड़खड़ाई, टेंशन में डेमोक्रेट

ट्रम्प ने बायडेन को घेर लिया। उन्होंने कहा कि बायडेन ने जो कुछ भी कहा ना उन्हें समझ में आया, और शायद बायडेन खुद ना जान पाए हों। इसके बाद ट्रम्प ने कहा कि बायडेन ने अमेरिका की सीमा को मानसिक रोगियों और पागलों और यहाँ तक कि आतंकियों के लिए तक खोल दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली बहस में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति जो बायडेन के छक्के छुड़ा दिए। डेमोक्रेट राष्ट्रपति बायडेन, रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रम्प के सामने कई मुद्दों पर अटकते नजर आए और बोल भी नहीं सके। इस बहस की कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और बायडेन की आलोचना की जा रही है।

राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच यह बहस अमेरिकी मीडिया चैनल CNN ने आयोजित करवाई थी। इस दौरान हर मुद्दे पर ट्रम्प, बायडेन से आगे दिखे और स्पष्टता से अपनी बातें रखी। वहीं बायडेन अधिकांश मुद्दों पर बात करते हुए अटकते रहे और कई बार बोल ही नहीं पाए। यहाँ तक कि वह कई मुद्दों पर बात करते हुए काफी चीजें भूल भी गए।

ट्रम्प और बायडेन के बीच हुई बहस में अमेरिका में मेक्सिको की सीमा से घुसने वाले अवैध प्रवासियों का मुद्दा तेजी से उठा। इस पर बोलते हुए बायडेन ने दावा किया कि ट्रम्प के जाने के बाद यह घट गया है और इस पर वह एक्शन जारी रखेंगे। बायडेन ने दावा किया कि ट्रम्प के शासनकाल के मुकाबले अवैध प्रवासियों की संख्या में 40% की गिरावट आई है। इसके बाद जवाब देते हुए उनकी जुबान लड़खड़ा गई और वह कुछ देर तक बोल ही नहीं सके।

इसी मुद्दे पर ट्रम्प ने बायडेन को घेर लिया। उन्होंने कहा कि बायडेन ने जो कुछ भी कहा ना उन्हें समझ में आया, और शायद बायडेन खुद ना जान पाए हों। इसके बाद ट्रम्प ने कहा कि बायडेन ने अमेरिका की सीमा को मानसिक रोगियों और पागलों और यहाँ तक कि आतंकियों के लिए तक खोल दिया। ट्रम्प ने कहा कि वर्तमान में अमेरिका में सबसे अधिक संख्या में आतंकी मौजूद हैं। ट्रम्प ने कहा कि पूरी दुनिया से अवैध प्रवासी बायडेन के काल में अमेरिका में आए।

अवैध प्रवासियों के अलावा ट्रम्प ने बायडेन को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर भी घेरा। बायडेन ने दावा किया कि उनके सत्ता में आने के दौरान अमेरिका में भारी बेरोजगारी थी। कोरोना महामारी के कारण देश पटरी से उतरा था, जिसे वापस लाया गया। वहीं इसी मुद्दे पर ट्रम्प ने बताया कि उन्होंने अपने शासनकाल में देश के टैक्स में सबसे बड़ी कमी की। इस कारण से लाखों नई नौकरियाँ पैदा हुईं।

ट्रम्प ने बताया कि उनके क़दमों के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था संभल सकी। उन्होंने आरोप लगाया कि बायडेन ने अर्थव्यवस्था सुधारने के नाम पर देश में खूब पैसा भाया जिससे महंगाई बढ़ गई और 14 महीने लगातार महंगाई का स्तर 9% रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि जितनी भी नौकरियाँ बायडेन काल में दी गई, वह सभी अवैध प्रवासी ले गए।

ट्रम्प इस दौरान अमेरिका में स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी भारी पड़े। ट्रम्प ने कहा कि उनके शासनकाल में कोविड का सबसे बुरा दौर था लेकिन तब भी उतने लोगों की मौत नहीं हुई जितने बायडेन के शासनकाल में मरे। उन्होंने आरोप लगाया कि बायडेन शासनकाल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल हो गया। वहीं इस पर जवाब देते हुए बायडेन इधर उधर की बात करने लगे और थोड़ी देर में एक शब्द ‘मेडीकेयर’ पर अटक गए। उन्होंने अंत में कहा कि हमने मेडीकेयर को परास्त किया। ट्रम्प ने इसका फायदा उठाया और कहा कि बायडेन ने मेडीकेयर को खत्म कर दिया।

पूरी बहस के दौरान जहाँ ट्रम्प अपने जवाबों को लेकर पूरी तरह आत्मविश्वास में दिखे वहीं बायडेन ना ही स्पष्ट उत्तर दे सके और लगातार उनकी जुबान लड़खड़ाती रही। वह कई मुद्दों के दौरान बात करते हुए भटक भी गए। बायडेन के इस बहस में खराब प्रदर्शन के कारण अब उनकी पार्टी डेमोक्रेट्स चिंता में है।

डेमोक्रेट्स अब इस बात को लेकर भी बहस कर रहे हैं कि बायडेन को यह चुनाव भी लड़ना चाहिए या नहीं। उनकी आयु 81 वर्ष हो चुकी है और वह कई चीजे भूल गए। डेमोक्रेट्स इसके बाद लगातार बायडेन का बचाव भी करते दिखे। वहीं ट्रम्प के समर्थक सोशल मीडिया पर उनकी प्रशंसा करते दिखे। उन्होंने कहा कि बायडेन को पूरी तरह से ट्रम्प ने पराजित कर दिया। यह बहस देखने वाले 67% लोगों ने कहा कि ट्रम्प आगे रहे। वहीं 2020 में हुई ट्रम्प और बायडेन की बहस में बायडेन आगे रहे थे।

अमेरिका में नवम्बर, 2024 में चुनाव होने हैं। जनवरी, 2025 में अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिलेगा। वर्तमान राष्ट्रपति बायडेन और पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच राष्ट्रपति पद के लिए यह दूसरा मुकाबला होगा। पिछली बार बायडेन के हाथों ट्रम्प को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस बार के चुनावों में ट्रम्प का पलड़ा भारी लग रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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