अफगानिस्तान की स्थिति को बयान करने वाली कुछ भयावह तस्वीरें इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हैं। तस्वीरों में दिख रहा है कि किस तरह सैंकड़ों अफगानिस्तानी आज इतने मजबूर हो गए हैं कि वह भेड़-बकरियों की तरह एक ऊपर एक लदकर हवाई जहाज में चढ़ रहे हैं। सैंकड़ों की भीड़ देश छोड़ना चाहती है और जो बचे हैं वो खुद की किस्मत को कोस रहे हैं। शिक्षा की चाह रखने वाली महिलाओं को अपना जीवन शून्य की ओर जाता दिख रहा है। वहीं बुर्के का कारोबार है जो तालिबान की एंट्री के बाद एकदम से उछला है। इस बीच काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग की घटना भी हुई है। फायरिंग में मरने वालों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। कुछ रिपोर्टों में मृतकों की संख्या 3 तो कुछ में 8 तक बताई गई है।
Reports coming in at least 3 people have been killed by gunfire at Kabul airport.
— Zahid Mazhar (@ZahidMtweets) August 16, 2021
Heavy firing going on. pic.twitter.com/3GZWEilwx2
Saigon 2.0 RT @SultanFaizy: Last struggle to get onboard…#KabulAirlift pic.twitter.com/SMfQV9AaOv
— willy (@willy6123) August 16, 2021
बता दें कि पिछले दिनों कुछ अफगानिस्तानी शरण लेने भारत आए हैं और यहाँ आकर उन्होंने मीडिया को आपबीती सुनाई है:
अफगानिस्तान की जारा, जो अब दिल्ली में हैं, रो-रोकर अपने देश के हालात पर कहती हैं, “इतना कभी लाचार, निराश और होपलेस महसूस नहीं किया। हमारे 20 साल की सारी उपलब्धियाँ कुछ ही दिनों में धुल गई हैं।”
#WATCH | Delhi | Afghan national Zara breaks down over the current situation in her country, says,”…Never felt so helpless, disappointed, and hopeless … All our 20-year achievements have just been washed away in days…” pic.twitter.com/5LCvR22ONO
— ANI (@ANI) August 16, 2021
जंगपुरा में रहने वाले हिदायतउल्लाह कहते हैं, “नेता भाग रहे हैं। नागरिकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मैंने अपने दोस्तों से बात की, उन्होंने बताया काबुल में तालिबान आ गया है। हाल में मैंने इसी के कारण अपने कजन को खो दिया।”
अब्दुल कजीर कहते हैं, “मेरे रिश्तेदार हेरात में रहते हैं। सबकुछ वहाँ बंद है। कोई शांति नहीं है। महिलाएँ और लड़कियाँ बिना सदरी के बाहर नहीं आ सकतीं। हमें स्वतंत्रता चाहिए।”
The situation is really dangerous there. We don’t want to wear Chadaree. I want freedom. I am not able to sleep & eat in peace, says Arifa, an Afghan national pic.twitter.com/pAJ5mERgsj
— ANI (@ANI) August 15, 2021
अरीफा कहती हैं, “हालात बहुत भयंकर हैं। हमें सदरी नहीं पहननी। हमें स्वतंत्रता चाहिए। हम शांति में खाना और सोना चाहते हैं।”
#WATCH | “I can’t believe the world abandoned #Afghanistan. Our friends are going to get killed. They (Taliban) are going to kill us. Our women are not going to have any more rights,” says a woman who arrived in Delhi from Kabul pic.twitter.com/4mLiKFHApG
— ANI (@ANI) August 15, 2021
काबुल से दिल्ली पहुँची महिला कहती हैं, “मैं यकीन नहीं कर पा रही, पूरी दुनिया ने हमें छोड़ दिया है। हमारे दोस्त मारे जा रहे हैं। वह हमें मार देंगे। हमारी महिलाओं के पास कोई अधिकार नहीं बचेगा।”
Delhi | I don’t want to leave the country. I came here for a meeting. I will go back to Afganistan. The situation is really bad there, especially tonight is really bad, says Member of Parliament from Paktia province Sayed Hassan Paktiawal pic.twitter.com/XjefSQOCoD
— ANI (@ANI) August 15, 2021
पक्तिया प्रांत के सांसद सैयद कहते हैं, “मैं देश नहीं छोड़ना चाहता। मैं यहाँ मीटिंग के लिए आया हूँ और सच में वहाँ हालात बहुत बुरे हैं। खासकर आज रात तो बहुत बुरे हैं।”
Kabul was occupied by Taliban when I left the city. I think there will be a new govt…Whatever has happened has happened because of Ashraf Ghani. He betrayed Afghanistan. People will not forgive him: Jamil Karzai, former MP & second cousin to former Afghan President Hamid Karzai pic.twitter.com/o5kz9H5YmF
— ANI (@ANI) August 15, 2021
अफगान सरकार के पूर्व सांसद हामिद करजई कहते हैं, “जब मैंने देश छोड़ा काबुल पर तालिबान कब्जा कर चुका था। मुझे लगता है वहाँ नई सरकार होगी। जो भी हुआ वो अशरफ गनी के कारण हुआ। उन्होंने अफगानिस्तान को धोखा दिया। लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे।”
People were rushing to banks. I didn’t see any violence but I can’t say that there was no violence. My family is in Afganistan. My flight was pre-planned. Many people left Kabul: Abdullah Masudi, a BBA student of Bengaluru, who arrived in Delhi from Kabul today pic.twitter.com/tFYrGdJvtN
— ANI (@ANI) August 15, 2021
काबुल से दिल्ली आया एक बीबीए छात्र वहाँ के हालात बयां करते हुए कहता है, “लोग बैंक जा रहे हैं। मैंने कोई हिंसा नहीं देखी लेकिन मैं ये नहीं कहूँगा हिंसा नहीं हो रही। मेरा परिवार अफगानिस्तान में है। मेरी फ्लाइट प्री-प्लॉन्ड थी। कई लोगों ने काबुल छोड़ा है।”
उल्लेखनीय है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अब महिलाओं की आजादी पर सवाल खड़ा हो रहा है। कई महिलाएँ तो डर से देश छोड़ चुकी हैं और कुछ अपने सपनों को गर्त में जाता देख रो रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, एक 22 वर्षीय लड़की जो अंतरराष्ट्रीय संबंध में डिग्री ले रही थी, वो निराश मन से कहती है कि अब नहीं लगता कि वो कभी ग्रैजुएट हो पाएगी।
तालिबान राज में एक ओर जहाँ महिलाओं की शिक्षा और भविष्य को लेकर सवाल खड़ा है। वहीं दूसरी ओर तालिबान के काबुल पहुँचते ही बुर्के का काम फल-फूल रहा है। वहाँ बुर्का खरीदने के लिए दुकानों पर महिलाओं की भीड़ है। कुछ लड़कियाँ ऐसी भी हैं जो मान कर चल रही हैं कि नया तालिबान उन्हें नौकरी करने देगा, उनके हिसाब से जीने देगा। हालाँकि, अन्य लोगों को तालिबान के किसी भी नए चेहरे पर संदेह है क्योंकि वह कहते हैं कि उन्होंने पहले के तालिबान को देखा है, जहाँ महिलाओं को बुर्के में रहने के निर्देश थे और पुरुषों को दाढ़ी बढ़नाे के।