भारत में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए जारी धड़-पकड़ के बीच ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आज 19 मार्च को ‘रेफरेंडम-2020’ (सिखों का अलग देश बनाने के लिए वोटिंग) की तारीख सुनिश्चित हुई थी। इसका सोशल मीडिया पर जोरो-शोरों से प्रचार भी हुआ था। हालाँकि जब वोट का दिन आया तो हाल कुछ और दिखे। सामने आई तस्वीरों में सेंटर के बाहर नजर आ रहे चंद सिखों के साथ ये खालिस्तानी प्रोपेगेंडा पूरी तरह फेल होता नजर आया।
ऑस्ट्रेलिया टुडे की रिपोर्ट में देख सकते हैं कि जहाँ रेफरेंडम का स्थान निर्धारित किया गया था। वहाँ चंद लोग खालिस्तान का झंडा लेकर खड़े नजर आए। रिपोर्टर के अनुसार, वहाँ 100 लोग भी मुश्किल से इकट्ठा हुए हैं। बाहर खालिस्तान रेफरेंडम ऑस्ट्रेलिया का पोस्टर लगा हुआ है और कुछ लोग खालिस्तानी झंडा लेकर खड़े हैं। इसके अलावा आसपास कुछ नहीं है।
#Khalistan propaganda #fails get #community support in #Brisbane #IndianAustralian #Sikhs reject #Khalistanis @DrAmitSarwal @puneet_sahani @SarahLGates1 @Pallavi_Aus @EthnicLinkGuru @ClareONeilMP @CBCTerry @thebritishhindu @AnnastaciaMP @MulticulturalQ @QldPolice pic.twitter.com/2VdKZEp819
— The Australia Today (@TheAusToday) March 19, 2023
ऑस्ट्रेलियन हिंदू मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में भी दिख रहा है कि कैसे जिस खालिस्तान रेफरेंडम का इतना हल्ला किया गया था वो चंद लोगों के साथ सिमट गया है।
As at 12 noon, only several hundred people have turned up for the much-hyped Brisbane Khalistan Referendum. They are all enjoying the langar being provided. pic.twitter.com/Z7snhIZhp1
— Australian Hindu Media (@austhindu) March 19, 2023
ऐसी तस्वीरें देखने के बाद नेटीजन्स में संतुष्टि दिखाई दे रही है। वो कमेंट कर करके उन सिखों को धन्यवाद दे रहे हैं जिनके कारण ये खालिस्तानी प्रोपेगेंडा फेल हुआ। ये भी कहा जा रहा है कि मेलबर्न में 10000 के करीब सिख थे, लेकिन इस रेफरेंडम में चंद लोग हैं।
From 10,000 in Melbourne to few hundred crowd in Brisbane – sounds like an achievement in failing to attract crowds! #SedLife
— AurBol (@bol_aur) March 19, 2023
Indian government should suspend or revoke indian passport
— Vimlesh 🇮🇳_#ExSecular (@VimleshMotawala) March 19, 2023
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ये कह रहे हैं कि इस रेफरेंडम में शामिल लोगों का भारतीय पासपोर्ट सरकार को रद्द कर देना चाहिए और उन्हें वापस दोबारा भारत में नहीं आना देना चाहिए।
खालिस्तानी प्रोपेगेंडा है- रेफरेंडम 2020
बता दें कि खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने एक अलग देश खालिस्तान के लिए दुनिया के तमाम सिखों में रेफरेंडम 2020 नाम से वोटिंग शुरू करवाई थी। इससे पहले 29 जनवरी 2023 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में भी वोटिंग हुई थी। तब कई खालिस्तानी समर्थकों ने बल्ले और धारदार हथियारों से वार किया था। इतना ही नहीं ब्रिस्बेन में भी पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाता है। कई भारत विरोधी नारे और मोदी विरोधी नारे दीवारों पर लिखे जाने की घटना सामने आती रहती है।