देश में चल रहे ‘किसान’ विरोध के बीच, खालिस्तानी आतंकी पन्नू की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारत सरकार के खिलाफ चल रहे किसान विरोध में खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों की प्रत्यक्ष भागीदारी को एक बार फिर उजागर करती है। खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को सिंघू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए भारतीय सेना में सिख सैनिकों को भड़काने का प्रयास करते हुए सुना जा सकता है।
वायरल हुए इस करीब दो महीने पुराने ऑडियो में, पन्नू को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘खालिस्तानी आतंकवादी संगठन’ एसएफजे 26 और 27 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू सीमा पर खालिस्तान मोर्चा संभाल रहा है। संभवतः, दिसंबर 2020 का माना जाने वाले इस ऑडियो में पन्नू भारतीय सेना में शामिल सिख सैनिकों को देश की सीमा छोड़कर कथित किसान विरोध में शामिल होने के लिए उकसा रहा है।
“लद्दाख बॉर्डर को छोड़ दें और सिंघू बॉर्डर पर शामिल हों,” खालिस्तानी आतंकी पन्नू ऑडियो में सिख सैनिकों को भड़काते हुए उन्हें झूठा दावा करके उकसाता है कि सिख सैनिकों को भारत के लिए नहीं लड़ना चाहिए क्योंकि उनके परिवार पंजाब में मारे जा रहे हैं।
"Leave Ladakh Border & Come To Singhu Border"
— Siddharth Zarabi (@szarabi) February 27, 2021
"Liberate Punjab, Create Khalistan"
This is a snippet from another call last December where the UAPA designated terrorist Gurpatwant Singh Pannun tries to incite Sikh troops and foment trouble in India while sitting in the US. pic.twitter.com/c7tiolusAS
भारत के खिलाफ कानून-प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मोस्ट वांटेड घोषित खालिस्तानी आतंकी पन्नू जहर उगलना जारी रखते हुए कहता है, “1947 में सिखों के साथ जो गलत हुआ था, अब उसे सही करने का समय आ गया है- भारतीय आधिपत्य से पंजाब को मुक्त करवाकर खालिस्तान बनाने का समय आ गया है।”
“लद्दाख बॉर्डर को छोड़ दें और सिंघू सीमा से जुड़ें। यह भारत के लिए खुली चुनौती है, हम पंजाब को आजाद कराएँगे और खालिस्तान बनाएँगे।”
हालिया वायरल ऑडियो, किसान आंदोलन में खालिस्तानी ताकतों की सक्रिय भागीदारी की पुष्टि करता है, जो अब भारत सरकार के विरोध में सिखों को उकसाकर देश में उपद्रव कराने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। देश और विदेश दोनों के अंदर, खालिस्तानी तत्व, दिल्ली की सड़कों पर अराजकता पैदा करने के लिए बेहद बेताब दिख रहे हैं। वहीं अब अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए निर्दोष सिखों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
किसान आंदोलन को बहुत पहले ही खालिस्तानियों ने किया हाईजैक
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच यह बात बहुत पहले से ही स्पष्ट है कि खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शनों को हाईजैक कर लिया है और अपने नापाक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। यहाँ तक कि कुख्यात इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) भी तथाकथित किसान प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आगे आया है। बता दें कि पीएफआई को इस्लामी चरमपंथियों के साथ संबंधों के लिए जाना जाता है।
खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने विरोध-प्रदर्शनों के लिए समर्थन की घोषणा बहुत पहले ही की थी। तभी से YouTube और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसे विज्ञापन दिखाई देने लगे थे, जिसमें लोगों से खालिस्तानी आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया जा रहा है।
गौरतलब है कि SFJ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने उन किसानों के लिए 10 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी, जिन्हें दिल्ली की यात्रा के दौरान किसी भी तरह का नुकसान हुआ हो। करीब तीन महीने पहले अपलोड किए गए एक वीडियो में पन्नू ने किसानों से उनको हुए नुकसान का डिटेल भेजने के लिए कहा था ताकि उनका संगठन राशि की क्षतिपूर्ति कर सके।
इससे पहले दिसंबर में NIA की चार्जशीट में भी इस खालिस्तानी संगठन पर सिखों को भड़काने के आरोप लगे थे। NIA के अनुसार, “SFJ भारतीय सेना में शामिल सिख सैनिकों को उकसाने के साथ-साथ कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के लिए कश्मीर के अलगाव को खुले तौर पर समर्थन देने की कोशिश कर रहा है।”
इतना ही नहीं पन्नू के काले कारनामों की लिस्ट बहुत लम्बी है। देश के टुकड़े करने का मंसूबा पाले इस आतंकी खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (SFJ)’ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की थी कि आप अपने-अपने राज्यों को ‘भारत से आज़ाद’ घोषित करें। यूट्यूब पर ‘फ्री बंगाल फ्री महाराष्ट्र’ नाम से चैनल बना कर पहला वीडियो भी अपलोड कर दिया गया था, जिसमें SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा था कि वो मानवाधिकार के लिए लड़ रहा है और पंजाब को ‘कब्ज़ा से मुक्ति’ दिलाने के लिए लड़ रहा है।