इंग्लैंड के लेस्टर (Leicester) शहर में हिंदुओं के समूह पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमले में पुलिस अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेस्टर पुलिस ने सोमवार (19 सितंबर 2022) को ट्वीट कर यह जानकारी दी।
लेस्टर (Leicester) पुलिस ने अपने ट्वीट के साथ एक लिंक शेयर करते हुए लिखा, “पूर्वी लेस्टर शहर में फैली अशांति को लेकर लेटेस्ट अपडेट। अब तक इस मामले में कुल 47 गिरफ्तारियाँ की जा चुकी हैं। अगर आपने इस घटना के बारे में कुछ सुना है या फिर इससे सम्बंधित कोई और जानकारी आपके पास है, तो आप इसे हमारे रिपोर्ट लिंक के माध्यम से सबमिट कर सकते हैं।”
A further update on our response to the disorder in areas of East Leicester.
— Leicestershire Police (@leicspolice) September 19, 2022
A total of 47 arrests have been made so far.
If you have heard anything or have any more information you can submit this via our report link at https://t.co/i1pIZT74rW pic.twitter.com/RMIeKIzRrZ
लेस्टर पुलिस के अनुसार, शहर में फैली अशांति के मामले में 20 वर्षीय एक युवक को प्रतिबंधित हथियार रखने का दोषी पाया गया। ऐमॉस नोरोन्हा (Amos Noronha) नाम के इस शख्स को 10 महीने जेल की सजा सुनाई गई है।
हिंदू लोगों पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमले और उसके बाद विरोध प्रदर्शन करने वाली उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान कई लोग घायल हो गए हैं। लेस्टर पुलिस के चीफ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन ने कहा कि शनिवार (17 सितंबर 2022) को दो समूह का एक-दूसरे पर हमला करने से रोकने के दौरान 16 अधिकारी और पुलिस का एक कुत्ता भी घायल हो गया है।
लेस्टर (Leicester) में ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे, फिर हिंसा
लेस्टर शहर में हिंदू मंदिर पर हमले की प्रत्यक्षदर्शी दिशिता सोलंकी ने इंडिया टुडे को बताया कि लेस्टर इस समय एक भयावह जगह बन चुका है। सोलंकी ने कहा:
“फिलहाल यह अभी लेस्टर में हो रहा है। लेकिन नॉटिंघम और बर्मिंघम जैसे अन्य शहरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। मेरे कई शहरों में रिश्तेदार रहते हैं। उन्होंने मुझे बताया है कि अन्य शहरों को भी निशाना बनाया जा रहा है।”
दिशिता सोलंकी ने आगे बात करते हुए बताया कि वो सभी (लेस्टर शहर में रहने वाले हिंदू लोग) डरे हुए और खामोश हैं। उनके अनुसार कट्टरपंथी लोग सड़कों पर घूम रहे, अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगा रहे… कोई दरवाजा खटखटा रहा, किसी घर पर हमला किया जा रहा है।
लेस्टर हिंसा और हिंदू विरोधी रिपोर्टिंग
लेस्टर शहर में हुई हिंसा पर मीडिया कवरेज को लेकर सवाल उठाते हुए सोलंकी कहती हैं, “क्या इस दौरान मीडिया कवरेज निष्पक्ष रहा है। मुझे लगता है कि रिपोर्टिंग ईमानदारी से होनी चाहिए, जो अब तक यहाँ देखने को नहीं मिली है। मैं कह सकती हूँ कि यहाँ रिपोर्टिंग हिंदू विरोधी रही है।”
दिशिता सोलंकी ने बताया कि इंग्लैंड की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिंदू ही हमला कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शी होने के नाते दिशिता सोलंकी ने बताया कि उन्होंने सब कुछ अपनी आँखों से देखा है। जितना वो देखीं और जैसी रिपोर्टिंग हो रही, दोनों में उनको फर्क दिखा। उन्होंने खुल कर कहा कि वो महसूस कर रही हैं कि इस मामले पर की जा रही रिपोर्टिंग पूरी तरह से हिंदू विरोधी है।
बता दें कि इंग्लैंड के लेस्टर शहर में रविवार (18 सितंबर, 2022) को हिंदुओं के समूह पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया था। इस दौरान ‘अल्लाहु-अकबर’ नारा लगाते हुए मंदिर पर भी अटैक हुआ और उसके ऊपर लगे भगवा ध्वज को भी तोड़कर नीचे गिरा दिया गया। घटना के विरोध में हिंदुओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।
कट्टरपंथी भीड़ इतनी बेकाबू थी कि पुलिस ने जब उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की, तो उन पर भी काँच की बोतलें फेंकी गई। लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुँचाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कट्टरपंथी मुस्लिमों ने हिंदुओं पर हमला करने के लिए दो झूठ का सहारा लिया। पहला ये कि उन्होंने (हिंदुओं) मस्जिद पर हमला किया और दूसरा हिदुओं द्वारा मुस्लिम लड़की का अपहरण किया गया।