क्यूबा ने आरोप लगाया है कि पूर्व पोर्न स्टार मिया खलीफा अमेरिका के साथ मिल कर वहाँ दंगे भड़काने में लगी हुई हैं। क्यूबा ने राष्ट्रपति मिगेल डियाज़ कनेल बेरमुडेज़ (Miguel Díaz-Canel Bermúdez) ने आरोप लगाया कि अमेरिका के साथ मिल कर मिया खलीफा क्यूबा की वामपंथी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को हवा देने में लगी हुई हैं। उधर पाकिस्तान में एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई को ‘महत्वपूर्ण व्यक्तित्व’ बताने वाली किताब के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
मिया खलीफा पर पैसे लेकर क्यूबा में दंगे कराने का आरोप
बता दें कि क्यूबा में पिछले 30 सालों का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लोग दशकों से सत्ता पर काबिज वामपंथी नेताओं से मुक्ति चाहते हैं। उधर मिया खलीफा ने कहा है कि क्यूबा की सरकार के खिलाफ बयान देने के लिए उन्हें कहीं से कोई रुपए नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि वो ये काम मुफ्त में और अपना समय निकाल कर कर रही हैं, किसी सरकार ने उन्हें इसके लिए पैसे नहीं दिए हैं।
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— Giancarlo Sopo (@GiancarloSopo) July 12, 2021
I thought this was a joke when I heard of it, but Cuba's dictator did, in fact, go on national television this morning and accused @MiaKhalifa of working with the American government to fuel yesterday's protests against the regime. Lmfaooo!!!#SOSCuba🇨🇺 #PatriaYVida pic.twitter.com/s5QgzXJazx
पिछले कुछ दिनों से मिया खलीफा ने क्यूबा के राष्ट्रपति को भर-भर कर गालियाँ बकी हैं। एक वीडियो में उन्होंने मिगेल डियाज को ‘कुतिया का बेटा’ कहा, तो एक अन्य ट्वीट में उन्हें स्पेनिश में ‘f**king a**hole’ कह कर सम्बोधित किया। बता दें कि भारत के हिंसक ‘किसान आंदोलन’ का समर्थन करने से भी वो नहीं चूकी थीं। ‘गणतंत्र दिवस’ के दिन पुलिसकर्मियों के साथ हिंसा और प्रदर्शन स्थल पर यौन शोषण की घटनाओं वाले इस आंदोलन का उन्होंने समर्थन किया था।
Oy, singao… I’m not being paid by any government to spread awareness of your inhumanity towards your people. I do it for free and on my own time. @DiazCanelB #notsponsored
— Mia K. (@miakhalifa) July 12, 2021
जहाँ तक क्यूबा की बात है, वहाँ सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस से रोज भिड़ रहे हैं और हिंसा का दौर चालू है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे गिर रही है लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और उनके साथ क्रूरता करने में लगी हुई है। कोरोना के कारण भी स्थिति बेहाल है। सोशल मीडिया से लेकर शहरों और गाँवों तक में विरोध चालू है। ये प्रदर्शन सैन अंटोनिओ और लॉस बनोस से शुरू हुआ। प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर लाइव जाकर भी विरोध कर रहे हैं।
पाकिस्तान: मलाला यूसुफजई को ‘महत्वपूर्ण व्यक्तित्व’ बताने वाली किताबें जब्त
पाकिस्तान के प्रशासन ने एक पुस्तक की कई प्रतियों को सिर्फ इसीलिए जब्त कर लिया, क्योंकि उनमें एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई को ‘महत्वपूर्ण व्यक्तित्व’ की सूची में स्थान दिया गया था। इस्लाम को लेकर उनके ‘विवादित विचारों’ का आरोप लगा कर ये किया गया। ये किताबें वहाँ के पंजाब प्रांत में पढ़ाई जा रही थीं। ‘द पंजाब करिकुलम एंड टेक्स्टबुक बोर्ड (PCTB)’ द्वारा ‘ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (OUP)’ द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों को कक्षा 7 के बच्चों को पढ़ाया जा रहा था।
इसमें मलाला यूसुफजई की तस्वीर 1965 में भारत के साथ युद्ध में मारे गए मेजर अजीज भट्टी के साथ लगाई गई थी। इस सूची में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना, कवि अल्लामा इक़बाल शिक्षाविद सर सैयद अहमद खान, मुल्क के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान और समाजसेवी अब्दुल सत्तार की तस्वीरें थीं। बोर्ड ने पहले इसके प्रकाशन पर मनाही लगाई हुई थी। मलाला के खिलाफ पाकिस्तानी प्रशासन में गुस्सा है।
तभी ‘ऑल पाकिस्तान प्राइवेट स्कूल फेडरेशन’ ने एक डॉक्यूमेंट्री बना कर मलाला यूसुफजई की ‘सच्चाई दिखाने’ का फैसला लिया है। उसका दावा है कि वो युवाओं के सामने नोबेल विजेता की ‘सच्चाई सामने लाएगा’। संस्था के अध्यक्ष कासिफ मिर्जा ने कहा कि ‘आई एम नॉट मलाला’ नामक इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए 2 लाख प्राइवेट स्कूलों के 2 करोड़ छात्रों को बताया जाएगा कि इस्लाम और निकाह को लेकर कैसे मलाला पाश्चात्य एजेंडा चलाती हैं।
उन्होंने कहा कि मलाला के कथित संघर्ष से कभी युवा प्रभावित न हो जाएँ, इसीलिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मलाला ने निकाह और परिवार के ढाँचे का विरोध करते हुए पापपूर्ण जीवन जीने की वकालत की है। उन्होंने ‘लिव इन’ को इस्लाम में हराम करार दिया। मलाला यूसुफजई ने पाकिस्तान की सेना को अपनी किताब में आतंकी बताया, ये भी आरोप हैं। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटने के बाद पाकिस्तानी नैरेटिव फैलाने के लिए मलाला की भारत में भी आलोचना हो चुकी है।