इजरायल और हमास के बीच जारी सीजफायर के 7 वें दिन दोनों ओर से बंधकों की रिहाई व अदला-बदली जारी है। ऐसे में हमास के सह-संस्थापक शेख हसन यूसुफ के बेटे का मोसाब हसन यूसुफ का बयान सामने आया है।
वीडियो में उसने इजरायल से अपील की है कि वो सभी बंधकों को छुड़ाने के लिए हमास को एक समयावधि दें, अगर हमास फिर भी सभी कैदियों को रिहा करने से मना करे तो उनके अब्बा सहित सभी हमास के टॉप आतंकियों को मार दिया जाए।
वीडियो में मोसाब ने कहा, “बंधकों को अगर कुछ भी नुकसान होता है तो इजरायल को सभी हमास नेताओं को फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। इजरायल की हिरासत में सैकड़ों लोग हैं। सिर्फ यही भाषा है जो हमास को समझ आती है।”
After the successful release of the most vulnerable group of hostages, Israel must give Hamas a timeframe to release the remaining hostages. If they fail Israel must execute Hamas mass murderers in Israeli prisons. No exception, Sheik Hassan Yousef is included. pic.twitter.com/xpeVKHuLX4
— Mosab Hassan Yousef (@MosabHasanYOSEF) November 28, 2023
आगे मोसाब ने कहा, “मैं जब हमास के टॉप लीडर की बात करता हूँ तो उसमें मेरे पिता शेख हसन भी आते हैं। किसी को छूट नहीं। वो किसी को हिंसा के लिए उकसा नहीं सकते। लोगों को मरने के लिए नहीं भेज सकते। बच्चों को भड़काना उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है।”
NIT श्रीनगर में हुए बवाल से मोसाब का कनेक्शन
बता दें कि मोसाब हसन यूसुफ हमास आतंकियों के खिलाफ अक्सर सवाल उठाते रहे हैं। बताया जाता है कि वह एक वीडियो में पैगंबर मोहम्मद पर भी विवादित बातें कह चुके हैं। पिछले दिनों उनकी वही वीडियो शेयर करने के कारण श्रीनगर के NIT का एक हिंदू छात्र मुश्किलों में पड़ गया। उसने उनकी वीडियो को अपने स्टेटस पर लगाया था। बाद में छात्र के खिलाफ एफआईआर हुई, उसे सस्पेंड किया गया और अब वह इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर है।
हिंदुओं से कोई दिक्कत नहीं- मोसाब
उन्होंने ‘सन ऑफ हमास’ नाम से किताब भी लिखी है। कुछ दिन पहले उन्होंने टाइम्स नाउ को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कट्टर मुस्लिम किसी और के साथ नहीं रह सकते हैं और न ही वे ऐसा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हिंदुओं को कोई परेशानी नहीं है, ईसाई और यहूदी भी सह-अस्तित्व में हैं। हिंसा केवल कट्टर मुस्लिमों की ओर से ही क्यों आती है?”
उन्होंने आगे कहा था, “मुझे बाकी दुनिया से कोई परेशानी नहीं है। भारतीयों को कोई दिक्कत नहीं है। ईसाई, यहूदी, हम सभी सह-अस्तित्व में हैं। हमास और किसी भी अन्य इस्लामी आंदोलन को ख़त्म करने की ज़रूरत है। हमें इसे बहुत खुले तौर पर और स्पष्ट तरीके कहना होगा। आतंकवाद स्वीकार नहीं है।”