शिकागो में मदर टेरेसा के आध्यात्मिक सलाहकार जेसुइट पादरी डोनल्ड जे मग्वायर (Donald J. McGuire) ने एक अमेरिकी लड़के का यौन शोषण किया था। यह बात जानकर हैरानी होगी कि पादरी ने ऐसा एक बार नहीं बल्कि हजारों बार किया, कई राज्यों और कई देशों में घूम-घूम कर किया। मतलब जहाँ भी वो पादरी जाता था, उस बच्चे को अपने साथ ले जाता था और वहाँ उसका यौन शोषण करता था। इस मामले में सोमवार (30 दिसंबर) को सैन फ्रांसिस्को में कैलिफोर्निया राज्य अदालत में पादरी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया।
उस बच्चे का नाम है रॉबर्ट जे गोल्डबर्ग (Robert J. Goldberg) और अब वो 61 साल का हो चुका है। इस मुक़दमे के बारे में एसोसिएटेड प्रेस को दिए साक्षात्कार में 61 वर्षीय गोल्डबर्ग ने अपने साथ हुए यौन शोषण की पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि वह 11 साल की उम्र से यौन शोषण का शिकार हो रहे थे, जब वो पादरी डोनल्ड जे मग्वायर (अब मर चुका है) के लिए काम करते थे।
मग्वायर की मौत 2017 में जेल में हुई थी। उसे गोल्डबर्ग के अलावा अन्य लड़कों के यौन शोषण के लिए 25 साल की सज़ा सुनाई गई थी। जेल में सजा काटने के दौरान ही वो मर गया।
ख़बर के अनुसार, गोल्डबर्ग का कहना है कि उन्होंने 40 साल से अधिक समय तक जेसुइट पादरी मग्वायर की दासता में जीवन गुजारा। सोमवार को दायर किए गए मुक़दमे में फिलहाल प्रतिवादियों के नाम नहीं है, लेकिन गोल्डबर्ग के वकीलों का कहना है कि अमेरिकी जेसुइट और वेटिकन के इस संबंध में आदेश को प्रतिवादियों में शामिल किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि तब गोल्डबर्ग और अन्य बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण के बारे में कैथोलिक के शीर्ष अधिकारियों को पता था। वो जानते थे कि मग्वायर पर बार-बार लड़कों के यौन शोषण का आरोप लग रहा है, लेकिन उनके अपराधों को छिपाने के लिए वेटिकन की ओर से ही पर्दा डाला गया।
कैथोलिक दुर्व्यवहार कांड के लगभग दो दशकों बाद तक, हज़ारों पीड़ित लोगों ने अपनी दर्दनाक आपबीती सुनाई। इस साल की शुरुआत में सैकड़ों लोगों ने मुक़दमों में ख़ुद के साथ हुए शोषण के बारे में तब ख़ुलासा किया, जब न्यूयॉर्क में एक साल के लिए इस संबंध में मुकदमों को दर्ज करने की अनुमति (one year window) दी गई। गोल्डबर्ग की तरह अन्य सैकड़ों पीड़ित भी ख़ुद के साथ हुए यौन शोषण के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा सकते हैं, जब 1 जनवरी से न्यू जर्सी और कैलिफोर्निया में भी one year window खुलेगी।
हालाँकि कई पीड़ित अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं। गोल्डबर्ग के बारे में बता दें कि जब वो 11 साल के थे, तब वे 1970 में मग्वायर से मिले थे। मग्वायर ने उनकी माँ को रहने के लिए एक घर दिया। फिर उसने गोल्डबर्ग की माँ को इस बात के लिए राज़ी किया कि उनका बेटा उनकी (खुद मग्वायर की) देखरेख में सही रहेगा।
इस दौरान, तय हुआ कि गोल्डबर्ग, मग्वायर के रहने वाले क्वार्टर में शाम बिताएँगे या मग्वायर के साथ घर लौटेंगे, उनके साथ उनके बिस्तर पर सोएँगे। इस बीच, गोल्डबर्ग की माँ ने इस बात की पुष्टि की कि मग्वायर ने गोल्डबर्ग को अपने सहायक के रूप में काम करने के लिए प्रति सप्ताह $300 से $500 तक भुगतान करता था।
गोल्डबर्ग ने बताया, “वह बहुत सख़्त था, मैंने कोई बात नहीं कही थी। उसने जो कुछ भी मेरी माँ को बताया, वह चाहता था कि मैं वैसा करूँ और मुझे वैसा करना पड़ा।”
गोल्डबर्ग ने बताया कि अगर वो अपने दोस्तों के साथ भागने या मग्वायर के साथ सेक्स करने से इनकार कर देता था, तो वो उसे घंटों एक कमरे में बंद करके सज़ा देता था। दर्दनाक यह कि सज़ा के तौर पर वो उसका यौन शोषण करता था।
गोल्डबर्ग और उनका परिवार मग्वायर के साथ 1976 तक रहे। इसके बाद मग्वायर को सैन फ्रांसिस्को के विश्वविद्यालय में शिक्षण की नौकरी मिली तो वो कैलिफोर्निया चला गया। यह वही समय था, जब मग्वायर ने मदर टेरेसा के साथ रिश्ता बनाया। वह मदर टेरेसा का आध्यात्मिक सलाहकार बन गया था।
गोल्डबर्ग ने बताया कि शिकागो में पादरी मग्वायर के आपराधिक मुक़दमे में पीड़ितों की गवाही के बाद उनकी भावनाएँ बदलने लगीं। पूरे मुकदमे के दौरान मग्वायर को इस बात का बिल्कुल पछतावा नहीं था कि उसने गोल्डबर्ग और अन्य पीड़ितों के साथ यौन शोषण किया था।
ऐसा नहीं है कि पादरी मग्वायर के बारे में चर्चा (यौन शोषण वाली) आज या मुकदमा शुरू होने के समय हुई हो। यह 1960 के दशक की शुरुआत में शुरू हो चुकी थी। तब वह यूरोप में रहा करता था और जर्मनी तथा ऑस्ट्रिया में चर्च के अधिकारियों ने युवा लड़कों के साथ उसके यौन संबंधों के बारे में चौंकाने वाली रिपोर्ट भेजी थी।
मग्वायर के खिलाफ शिक़ायतें जारी रहीं लेकिन वह तीन दशक से भी ज्यादा समय तक पादरी बना रहा। 1994 में, मदर टेरेसा ने मग्वायर के ऊपर अपने “आत्मविश्वास और विश्वास” को व्यक्त करने के लिए जेसुइट के आदेश का समर्थन किया था। तब मदर टेरेसा ने कहा था कि उनका मानना है कि मग्वायर के ख़िलाफ़ लगाए गए सारे आरोप असत्य थे।
2012 में, शिकागो जेसुइट के अधिकारी ब्रैडली एम शेफ़र, जिन्हें मदर टेरेसा का पत्र प्राप्त हुआ था, उन्होंने एक बयान जारी कर मग्वायर पर लगाम लगाने में विफल रहने के लिए माफ़ी माँगी थी। पिछले साल मिडवेस्ट जेसुइट्स ने एक सूची जारी की थी। इसमें उन 55 अभियुक्तों का नाम था, जिन्हें जेसुइट्स नाम दिया गया था, उसमें मग्वायर का भी नाम था, और इसके लिए माफ़ी माँगी थी। इसमें कहा गया था, “हम स्पष्ट रूप से जानते हैं कि पहले के दशकों में, कुछ मिडवेस्ट जेसुइट्स को मंत्रालय से जल्दी से नहीं हटाया गया था, इस बात का हमें दुख है।”
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