थाईलैंड के मौलवियों और इस्लामी संगठनों ने गाँजा, शराब और समलैंगिक विवाह पर आए नए कानूनों का विरोध किया है। पट्टाणी, याला, नराथिवट, सोंगखला, सतून के इस्लामी काउंसिल्स ने एक बैठक की, जिसमें ये निर्णय लिया गया। गुरुवार (23 जून, 2022) को उन्होंने इन तीनों कानूनों पर अपनी राय रखी। उन्होंने ऐलान किया कि एक मुस्लिम इन तीनों कानूनों का अनुसरण न करे, क्योंकि ये इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ जाता है।
काउंसिल ने कहा कि उसे स्पष्टीकरण जारी करने के लिए इसीलिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में खासा विचार-विमर्श चल रहा था और मुस्लिमों के बीच संशय का माहौल था। संगठन ने कहा कि वो समाज का स्तंभ है, इसीलिए उसे अपनी राय ज़रूर रखनी चाहिए। इन कानूनों को हराम बताते हुए फतवा का हवाला दिया गया। बता दें कि नए कानून के तहत गाँजा की खेती को कानूनी वैधता प्रदान की गई है, शराब पर नीति को लिबरल बनाया गया है और समलैंगिक विवाह पर भी उदारता दिखाई गई है।
मौलवियों ने कहा कि ड्रग्स, शराब और शादी से पहले सेक्स – ये तीनों ही इस्लाम में हराम हैं। थाईलैंड के एक मुस्लिम डॉक्टर ने बताया कि मेडिकल कारणों से भांग की खेती की इजाजत दी गई है, लेकिन ये किसी दवा का इलाज नहीं है। उसका कहना है कि जहाँ अमेरिका में रिक्रिएशन के लिए केवल दो राज्यों में इसकी खेती की अनुमति है, WHO इसे खतरनाक मानता है और कहता है कि इसका इस्तेमाल केवलमेडिकल और रिसर्च के लिए ही होना चाहिए।
South Thailand’s Muslim leaders reject weed, liquor, and same-sex partnerships | Thaiger https://t.co/rMbO40U2Yg
— Dagga Magazine (@DaggaMagazine) June 26, 2022
वहीं ‘लीग ऑफ इस्लामिक काउंसिल ऑफ साउथर्न थाईलैंड’ ने इन सभी कानूनों का विरोध किया है। इन्हें संसद में पास किया जा चुका है। ‘मूव फॉरवर्ड पार्टी (MFP)’ ने इन कानूनों को आगे बढ़ाया था, जबकि दक्षिण के मुस्लिमों के बीच पैठ रखने वाली ‘Prachachat पार्टी’ ने इसका विरोध किया था। नए शराब कानून के तहत छोटे स्तर पर शराब उत्पादकों को प्रोत्साहन की योजना है। वहीं ‘सिविल पार्टनरशिप बिल’ समलैंगिक कानून को वैध बना देगा।