Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयशराब, भांग और समलैंगिक विवाह पर थाईलैंड का नया कानून, विरोध में उतरा मुस्लिम...

शराब, भांग और समलैंगिक विवाह पर थाईलैंड का नया कानून, विरोध में उतरा मुस्लिम काउंसिल: कहा – ये सब इस्लाम में हराम, फतवा जारी

बता दें कि नए कानून के तहत गाँजा की खेती को कानूनी वैधता प्रदान की गई है, शराब पर नीति को लिबरल बनाया गया है और समलैंगिक विवाह पर भी उदारता दिखाई गई है।

थाईलैंड के मौलवियों और इस्लामी संगठनों ने गाँजा, शराब और समलैंगिक विवाह पर आए नए कानूनों का विरोध किया है। पट्टाणी, याला, नराथिवट, सोंगखला, सतून के इस्लामी काउंसिल्स ने एक बैठक की, जिसमें ये निर्णय लिया गया। गुरुवार (23 जून, 2022) को उन्होंने इन तीनों कानूनों पर अपनी राय रखी। उन्होंने ऐलान किया कि एक मुस्लिम इन तीनों कानूनों का अनुसरण न करे, क्योंकि ये इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ जाता है।

काउंसिल ने कहा कि उसे स्पष्टीकरण जारी करने के लिए इसीलिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में खासा विचार-विमर्श चल रहा था और मुस्लिमों के बीच संशय का माहौल था। संगठन ने कहा कि वो समाज का स्तंभ है, इसीलिए उसे अपनी राय ज़रूर रखनी चाहिए। इन कानूनों को हराम बताते हुए फतवा का हवाला दिया गया। बता दें कि नए कानून के तहत गाँजा की खेती को कानूनी वैधता प्रदान की गई है, शराब पर नीति को लिबरल बनाया गया है और समलैंगिक विवाह पर भी उदारता दिखाई गई है

मौलवियों ने कहा कि ड्रग्स, शराब और शादी से पहले सेक्स – ये तीनों ही इस्लाम में हराम हैं। थाईलैंड के एक मुस्लिम डॉक्टर ने बताया कि मेडिकल कारणों से भांग की खेती की इजाजत दी गई है, लेकिन ये किसी दवा का इलाज नहीं है। उसका कहना है कि जहाँ अमेरिका में रिक्रिएशन के लिए केवल दो राज्यों में इसकी खेती की अनुमति है, WHO इसे खतरनाक मानता है और कहता है कि इसका इस्तेमाल केवलमेडिकल और रिसर्च के लिए ही होना चाहिए।

वहीं ‘लीग ऑफ इस्लामिक काउंसिल ऑफ साउथर्न थाईलैंड’ ने इन सभी कानूनों का विरोध किया है। इन्हें संसद में पास किया जा चुका है। ‘मूव फॉरवर्ड पार्टी (MFP)’ ने इन कानूनों को आगे बढ़ाया था, जबकि दक्षिण के मुस्लिमों के बीच पैठ रखने वाली ‘Prachachat पार्टी’ ने इसका विरोध किया था। नए शराब कानून के तहत छोटे स्तर पर शराब उत्पादकों को प्रोत्साहन की योजना है। वहीं ‘सिविल पार्टनरशिप बिल’ समलैंगिक कानून को वैध बना देगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -