इस्लामिक कट्टरपंथ से प्रभावित होकर बर्बर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रॉविन्स (ISKP) में शामिल होने के लिए केरल से अफगानिस्तान गया एक मुस्लिम इंजीनियर मारा गया। उसने खुद को ही बम विस्फोट कर उड़ा लिया। इसका खुलासा खुद चरमपंथी इस्लामिक संगठन ने किया है।
आतंकी संगठन आईएसकेपी की एक मैगजीन है ‘वॉयस ऑफ खुरासान’। इसी मैगजीन में आत्मघाती हमला करने वाले भारतीय शख्स के बारे में जानकारी दी गई है। मरने वाले का नाम नजीब अल हिंदी (23) था, जो कि केरल के ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज से एमटेक कर रहा था। अपने लेख में आईएसकेपी ने नजीर की तुलना पैगंबर मुहम्मद के साथियों में से एक रहे हंजाला इब्न अबी से की गई है। दरअसल, माना जाता है कि उहुद की लड़ाई में जाते वक्त हंजाला की मौत 24 साल की उम्र में ही हो गई थी। वो अपने निकाह की रात ही जंग के लिए रवाना हो गए थे। यही हाल नजीब का हुआ उसने भी एक पाकिस्तानी महिला से निकाह किया था औऱ उसके बाद उसकी मौत हो गई।
बहरहाल, अपने लेख में आतंकी संगठन ने नजीब की मौत को लेकर अधिक खुलासा नहीं किया। हाँ इतना जरूर बताया गया है कि वह हमेशा शांत रहता था औऱ बहुत कम बोलता था। उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती थी। नजीब निकाह नहीं करना चाहता था, लेकिन उसके दोस्तों ने उसे इसके लिए मजबूर किया था।
क्या है इस्लामिक स्टेट खुरासान
ISIS-K या इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) – ISIS या इस्लामिक स्टेट का क्षेत्रीय सहयोगी है, जिसकी स्थापना ईराक और सीरिया में हुई थी। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत, या ISKP, इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह की अफगान शाखा है। यह अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में सक्रिय है। इस्लामिक आतंकी संगठन के अधिकतर रंगरूट अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मदरसों से निकलते हैं।
आईएसकेपी अफगानिस्तान के सभी जिहादी आतंकवादी समूहों में सबसे अधिक कट्टरपंथी और हिंसक है। बताया जाता है कि अकेले अफगानिस्तान में इसके करीब 2,000-3,000 लड़ाके हैं।