पश्चिमी मीडिया भारत को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित है। वह भारत को लेकर उन्हीं खबरों को तवज्जो देती है, जो सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास करती है। हालाँकि, पश्चिम मीडिया जिस तरह भारत का चित्रांकन अपनी खबरों में करती है, उससे बिल्कुल अलग भारत है। यहाँ ना ही धार्मिक आधार पर विभाजन है और ना ही अल्पसंख्यकों के प्रति किसी तरह का नफरत है। एक ब्रिटिश पत्रकार ने भी इस हकीकत को स्वीकार किया है।
ब्रिटेन की अखबार ‘डेली एक्सप्रेस’ के असिस्टेंट एडिटर सैम स्टीवेन्सन ने कहा, “मुझे लगता है कि अब भारत की आलोचना के साथ-साथ काफी कुछ कहने का समय आ गया है। अब भारत विरोधी ‘बकवास’ का समय खत्म हो गया। हमें यहाँ आकर नए भारत की सच्ची एवं सकारात्मक कहानियाँ बताने की जरूरत है।”
#WATCH | Sam Stevenson, Assistant Editor of UK-based newspaper Daily Express, says, "I think it's time to say enough with the India bashing. Down with the anti-India 'Bakwas'. We need to come here and tell the true, positive stories of new India. Unfortunately, a lot of the… pic.twitter.com/nmupgmVaI5
— ANI (@ANI) May 19, 2024
पत्रकार स्टीवेन्सन ने आगे कहा, “दुर्भाग्य से लंदन और पूरे यूरोप में मौजूद बहुत-सी कहानियाँ भारत के बारे में सिर्फ नकारात्मक कहानियाँ हैं। हम धार्मिक विभाजन जैसी बातें सुन रहे हैं, लेकिन हमने ज़मीन पर ऐसा नहीं देखा है। हमने मुस्लिम महिलाओं को पूरे बुर्के में नरेंद्र मोदी की रैली में आते देखा है।” उन्होंने कहा, “यह इस जगह के बारे में बिल्कुल शानदार बात है।”
ब्रिटिश पत्रकार ने कहा कि वे इस सच्चाई को दुनिया के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा, “हमने इस महान और अद्भुत राष्ट्र के बहुलवाद के उदाहरण देखे हैं। हम इस राष्ट्र के बारे में ब्रिटिश मीडिया के कवरेज को बढ़ाने के लिए यहाँ हैं। हम यहाँ सच्चाई तक पहुँचने और कुछ वास्तविक तथ्य खोजने और उन्हें अपने घर लंदन लाने के लिए हैं।”
स्टीवेन्सन ने कहा कि नया भारत की 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। इसके अलावा भी बहुत कुछ सकारात्मक खबरें हैं भारत के बारे में, जिसे दुनिया को बताया जा सकता है। सैम स्टीवेन्स इस समय लोकसभा चुनावों को कवर करने के लिए भारत में हैं। इसी दौरान रविवार (19 मई 2024) को इस संबंध में ANI से बात की।
स्टीवेंसन ने आगे कहा कि पूरे यूरोप और पश्चिम में भारत के बारे में धारणा अच्छी नहीं है। उन्होंने बताया, “हमें यहाँ की नकारात्मक कहानियाँ सुनाई जाती हैं। यह शर्म की बात है, क्योंकि लोगों को यहाँ आने, इसे अपनी आँखों से देखने, इसे जीने, इसमें साँस लेने, इससे मिलने की ज़रूरत है। लोग ज़मीनी स्तर पर लोगों से बात करें। आप देखेंगे कि सबकी भलाई के लिए नया भारत और ब्रिटेन एक वैश्विक ताकत बन सकते हैं।”
ब्रिटिश पत्रकार ने कहा कि दोनों देशों की संस्कृति, भाषा, विरासत और इतिहास साझा है। स्टीवेन्सन ने कहा, “ब्रिटिश मीडिया उस चीज़ को सरल बनाने का प्रयास कर रहा है जो बहुत जटिल है। वे कह रहे हैं कि मोदी इस्लाम विरोधी हैं, लेकिन जब आप जमीन पर उतरते हैं और मुस्लिमों से बात करते हैं, हिंदुओं-सिखों से बात करते हैं तो आप देखेंगे कि भारत सभी संस्कृतियों या धर्मों को स्वीकार कर रहा है।”