Friday, May 23, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकुवैत से निकाले जा सकते हैं 8 लाख भारतीय नागरिक, अप्रवासी कोटा बिल से...

कुवैत से निकाले जा सकते हैं 8 लाख भारतीय नागरिक, अप्रवासी कोटा बिल से बढ़ी मुश्किलें

कुवैत के स्पीकर मरज़ूक़ अल घनेम ने कहा कि उनके देश की असली समस्या आप्रवासियों की जनसंख्या का 70% पार करना है। उन्होंने दावा किया कि कुवैत की 33.5 लाख आप्रवासियों में से 13 लाख अशिक्षित हैं या फिर उन्हें ठीक से पढ़ने-लिखने तक में भी समस्या आती है।

तीन चौथाई मुस्लिम जनसंख्या वाले खाड़ी मुल्क कुवैत में अप्रवासियों के लिए एक नया बिल लाया गया है। इसके क़ानून बनने के बाद वहाँ रहने वाले 8 लाख भारतीय नागरिकों को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।

कुवैत के नेशनल असेम्ब्ली की क़ानूनी और संसदीय समिति ने अप्रवासी कोटा बिल को मॅंजूरी दे दी है। इसके अनुसार भारतीय नागरिकों को वहाँ की कुल जनसंख्या का 15% से ज्यादा हिस्सा बनने से रोका जाएगा।

इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जानी है, इसीलिए इस बिल को अब सम्बद्ध कमिटी के पास भेजा जाएगा। क़ानूनी एवं संसदीय कमिटी ने पहले ही कह दिया है कि ये बिल संवैधानिक है।

‘गल्फ न्यूज़’ के अनुसार, कुवैत में भारतीय समुदाय की कुल जनसंख्या 14.5 लाख है। नए बिल की वजह से इनमें से क़रीब 8 लाख लोग कुवैत छोड़ने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

अगर कुवैत में कुल अप्रवासियों की बात करें तो उनकी संख्या 43 लाख है। साथ ही इस बिल में इजिप्ट के लोगों को भी निकाल बाहर करने की बात की गई है।

भारत में धन के प्रवाह के मामले में भी कुवैत ऊपर की सूची में है, जहाँ से यहाँ काफी धन भेजा जाता है। भारत में कुवैत से हर साल 5 बिलियन डॉलर के क़रीब धनराशि आती है।

कुवैत के सरकार का कहना है कि वहाँ के अपने ही नागरिक अपने ही देश में अल्पसंख्यक बन कर रह गए हैं, जिन्हें सुरक्षित माहौल देने के लिए इस बिल का क़ानून में बदलना ज़रूरी है। कुवैत विदेशी कर्मचारियों पर निर्भरता कम करने के प्रयास में लगा हुआ है।

कुवैत अब आप्रवासियों को बहुसंख्यक नहीं बने रहने देना चाहता। हालिया कोरोना वायरस संक्रमण आपदा और तेल के दाम में गिरावट को भी इसके पीछे की वजह माना जा रहा है।

कुवैत में जैसे-जैसे कोरोना वायरस संक्रमण का प्रभाव बढ़ा, वहाँ की जनता में अप्रवासियों के ख़िलाफ़ माहौल बनने लगा। वहाँ के नेताओं ने इसी का फायदा उठा कर जनभावनाओं को और हवा दी। अर्द्धलोकतंत्र वाले कुवैत में इसे छोटे नेताओं द्वारा वोट तुष्टिकरण के रूप में भी देखा जा रहा है, जिन्होंने सरकार पर इस क़ानून के लिए दबाव बनाया।

भारत ने अब तक इस विषय पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन इस क़ानून से सम्बंधित हर एक गतिविधि पर कुवैत स्थित भारतीय दूतावास की नज़र है।

कुवैत के स्पीकर मरज़ूक़ अल घनेम ने कहा कि उनके देश की असली समस्या आप्रवासियों की जनसंख्या का 70% पार करना है। उन्होंने दावा किया कि कुवैत की 33.5 लाख आप्रवासियों में से 13 लाख अशिक्षित हैं या फिर उन्हें ठीक से पढ़ने-लिखने तक में भी समस्या आती है। उन्होंने कहा कि ये वीजा ट्रेडर्स की वजह से हुआ है और इस जनसंख्या की कुवैत को ज़रूरत नहीं है। कुवैत सरकार में फिलहाल 28,000 भारतीय नागरिक कार्यरत हैं।

इनमें से अधिकतर इंजिनियर, डॉक्टर, नर्स, वैज्ञानिक हैं या फिर वहाँ की तेल कंपनियों में काम करते हैं। वहाँ अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 50,000 के क़रीब मामले आ चुके हैं। कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबह अल खालिद का भी कहना है कि आप्रवासियों की जनसंख्या को कुल जनसंख्या का वर्तमान 70% से 30% करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। अब सभी को भारत सरकार के बयान का इन्तजार है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मोहसिन सर आए… दबाने लगे सीना-जाँघ…’: निशानेबाजी सिखाने के बहाने इंदौर में लड़कियों का कर रहा था शिकार, हिंदू संगठन बोले- 100+ का किया...

इंदौर में शूटिंग के नाम पर यौन शोषण करने वाले मोहसिन खान के फोन से कई लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करते हुए वीडियो मिले हैं।

कितनी सरकारें आईं, गईं, अबूझमाड़ में खत्म नहीं कर सकी नक्सली हुकूमत… पर मोदी सरकार ने यह भी कर दिखाया: जानिए कैसे 4000 वर्ग...

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके से मोदी सरकार ने नक्सलियों को भागने पर मजबूर कर दिया है। यहाँ इससे पहले वह समानांतर सरकार चलाते थे।
- विज्ञापन -