भारत में 10 साल तक छिपा रहा नूर मोहम्मद उर्फ अब्दुल हक तालिबान में शामिल हो चुका है। मीडिया रिपोर्टों में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से इसकी आशंका जताई गई है। इसी साल गिरफ्तार करने के बाद उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया था। अब सोशल मीडिया में हथियार के साथ उसकी तस्वीर वायरल हो रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने बताया, “30 वर्षीय नूर मोहम्मद उर्फ अब्दुल हक नागपुर के दिघोरी में किराए के कमरे में 10 साल से रह रहा था। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद खुफिया तरीके से उसकी हर गतिविधि पर पहले नजर रखी गई और बाद में 23 जून 2021 को उसे गिरफ्तार कर वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया।” उन्होंने कहा, “वापस भेजे जाने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि वह तालिबान में शामिल हो गया है और बंदूक पकड़े उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है।”
नूर मोहम्मद साल 2010 में छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर नागपुर आया था। भारत आने के बाद उसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में अपने लिए शरणार्थी का दर्जा माँगने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया था। बावजूद इसके वह नागपुर में अवैध तरीके से रह रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों ने जून में नूर मोहम्मद के तालिबानी समर्थक होने का दावा किया था। उसके सोशल मीडिया पोस्ट में अफगानिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन को खुला समर्थन दिया जा रहा था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नूर मोहम्मद का असली नाम अब्दुल हक है और उसका भाई तालिबान के साथ काम करता था। पिछले साल नूर ने धारदार हथियार के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो पता चला था कि उसके बाएँ कंधे के पास गोली लगने का भी घाव था।