ओडिशा में एक और रूसी नागरिक की लाश मिली है। मृतक की पहचान मिलाकोव सर्गेई के रूप में हुई है जो जगतसिंहपुर जिले के पारादीप बंदरगाह पर ठहरे जहाज में मृत पाए गए हैं। इसके पहले भी ओडिशा में एक रूसी सांसद समेत 2 रूसी नागरिक मृत पाए गए हैं। जिसकी जाँच जारी है। राज्य में 15 दिनों के अंदर यह तीसरी घटना है जब किसी रूसी नागरिक को मृत पाया गया है।
ओडिशा में मंगलवार (3 जनवरी, 2023) को मिलाकोव सर्गेई जहाज ‘एम बी अलदना’ के मुख्य इंजीनियर थे। जहाज बांग्लादेश के चटगाँव बंदरगाह से मुंबई जा रहा था। सुबह लगभग 4.30 बजे रूसी नागरिक जहाज के अपने कक्ष में मृत अवस्था में मिले। फिलहाल उनके मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष पी एल हरानंद ने रूसी इंजीनियर की मौत की पुष्टि करते हुए मामले की जाँच जारी होने की बात कही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने जहाज के मास्टर के हवाले से इतना कहा कि सर्गेई की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। पोस्टमॉर्टम के बाद ही सर्गेई की मौत के सही वजह सामने आ सकेंगे।
Another Russian national namely Milyakov Sergey, chief engineer of the ship found dead onboard a cargo ship in Odisha.
— ANI (@ANI) January 3, 2023
Third Russian dies in Odisha in the last 15 days.
दिसंबर 2022 में सांसद और उनके दोस्त की मौत
आपको बता दें इसके पहले भी दिसंबर 2022 में ओडिशा के रायगड़ा में एक रूसी सांसद और उनके साथी की मृत्यु हो गई थी। 22 दिसंबर को 61 वर्षीय रूसी नागरिक व्लादिमीर बाइडेनोव अपने कमरे में मृत पाए गए थे। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। उसके एक दिन बाद, यानी 24 दिसंबर को 65 साल के सांसद पावेल एंटोव होटल की तीसरी मंजिल से गिर गए थे। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी सांसद पावेल एंटोव और उनके मित्र व्लादिमीर बाइडेनोव दोनों रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे हैं। संदेह का दूसरा कारण रूसी सांसद के मौत मामले में विसरा सुरक्षित न रखे जाने को लेकर भी सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। दोनों को दफ़नाने की जगह जलाया गया था, हालाँकि रूसी राजदूत ने साफ़ किया था कि ईसाई मजहब के एक समूह में ऐसा होता है। संदेह का तीसरा कारण है तीनों की मौत ओडिशा में होना। दिसंबर 2022 में हुई दोनों मौतों की जाँच राज्य पुलिस और सीआईडी की टीम कर रही है।
इसमें इंटरपोल की भी मदद लेने पर विचार किया जा रहा है। दिसंबर महीने में दो दिनों के भीतर दो रूसी नागरिकों की मौत के लगभग 10 दिनों बाद एक और रूसी नागरिक की मौत से संदेह और गहराता जा रहा है।