Friday, November 15, 2024
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इमरान खान ने उइगर मुस्लिमों के ‘नरसंहार’ को किया दरकिनार: स्वीकारा ‘चीन का झूठ’, मीडिया रिपोर्टिंग को ही बता डाला पाखंड

इमरान का कहना है कि पश्चिमी मीडिया इस मसले को बिल्कुल अलग तरह से उछाल रहा है। यह पाखंड है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मानवाधिकारों का जघन्य उल्लंघन हो रहा है लेकिन पश्चिमी मीडिया इन पर टिप्पणी नहीं करता है।

चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के साथ होते अत्याचार की बात जब से सामने आई है तभी से ये सवाल उठता रहा है कि आखिर पाकिस्तान इस पर कुछ प्रतिक्रिया क्यों नहीं देता। अब लंबे समय के बाद इस मामले पर पाकिस्तान की ओर से जवाब आया है जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान ने उइगर मुस्लिमों पर किए जा रहे चीन के तमाम अत्याचारों को दरकिनार करते हुए ‘चीन के झूठ को स्वीकार’ लिया है।

इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार उइगर मुस्लिम के साथ व्यवहार संबंधी आरोपों पर चीन के बयानों का समर्थन करती है। इस्लामाबाद के चीन के साथ करीबी संबंधों का हवाला देते हुए खान ने यह बात कही। इमरान का कहना है कि पश्चिमी मीडिया इस मसले को बिल्कुल अलग तरह से उछाल रहा है। यह पाखंड है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मानवाधिकारों का जघन्य उल्लंघन हो रहा है लेकिन पश्चिमी मीडिया इन पर टिप्पणी नहीं करता है। इसके साथ ही इमरान ने उइगर मुस्लिमों और हॉन्गकॉन्ग मसले पर रिपोर्टिंग के लिए पश्चिमी मीडिया की निंदा की।

साथ ही चीन के कसीदे पढ़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान जब कभी राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुसीबत में आया तो चीन ने उसका साथ दिया है। पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध का भारत से कोई लेना-देना नहीं है। दोनों मुल्‍कों के बीच रिश्‍ते द्विपक्षीय और बेहद मजबूत हैं।

उल्लेखनीय है कि चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर चीन के पत्रकारों से बात करते हुए खान ने अपनी राय रखी। वहीं पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक संबंधों पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह संबंधों को आगे बढ़ता हुआ देखते हैं। उन्होंने कहा “चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का अगला चरण पाकिस्तान के लिए बहुत रोमांचक है। हम विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिए चीनी निवेश को आकर्षित करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि हमारे यहाँ मजदूरी सस्ती है।”

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन के साथ सहमति उस मामले पर सामने आई है जिस पर कई देश चीन पर सवाल खड़ा कर चुके हैं। अनुमान है कि चीन ने डिटेंशन सेंटर में करीब 10 लाख उइगर मुस्लिमों को बंद किया हुआ है। जहाँ उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। साथ ही उनके मजहब का अनुसरण करने से भी उनको रोका जाता है और महिलाओं का रेप, गर्भपात वहाँ आम बात है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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