Tuesday, November 5, 2024
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30000 मदरसों को सरकारी नियंत्रण में लिया जाएगा, चरमपंथ और आतंक पर दुनिया के आगे झुका Pak

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गफूर ने यह भी माना कि पाकिस्तान में हिंसक चरमपंथी इस्लामी संगठन और जिहादी मौजूद हैं और अब तक की पाकिस्तानी सरकारें इससे लड़ने में नाकाम रहीं हैं।

आतंकवाद और आतंकियों की परवरिश करने वाला पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच एक बड़ा एक्शन लेने के लिए मजबूर हुआ है। मदरसों के जरिए फैल रही चरमपंथी सोच से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल, पाकिस्तान ने सोमवार (अप्रैल 29, 2019) को 30 हजार से अधिक मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में लाने का ऐलान किया है। पाकिस्तानी सरकार इन मदरसों को नियंत्रण में लेकर एक नए और बेहतर सिलेबस लागू करने वाली है। जिसमें नफरत भरे भाषण को हटाकर छात्रों को सभी धर्मों का सम्मान करने की तालीम दी जाएगी।

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने रावलपिंडी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि 1947 में पाकिस्तान में 247 मदरसे थे, जो कि 1980 में बढ़कर 2861 हो गए। हालाँकि, उन्होंने इस दौरान ये भी माना कि मौजूदा वक्त में पाकिस्तान में 30 हजार से ज्यादा मदरसे चलाए जा रहे हैं, मगर साथ ही उन्होंने मदरसों का बचाव करते हुए कहा कि इन 30 हजार मदरसों में से करीब 100 मदरसे ही आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हैं। गफूर ने कहा कि सभी मदरसों को शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लगाया जाएगा और इसके तहत मदरसों के छात्रों को एक डिग्री भी दी जाएगी, जो शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होगी।

उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रोग्राम पर शुरुआती तौर पर करीब ₹200 करोड़ का खर्च आएगा, तो वहीं हर साल तकरीबन ₹100 करोड़ के खर्च आने की संभावना है। इस प्रोग्राम के तीन चरण होंगे। पहले चरण के तहत एक बिल तैयार किया जाएगा, जो लगभग एक महीने में तैयार हो जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और तीसरे एवं अंतिम चरण में बिल को लागू कराने का काम किया जाएगा।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गफूर ने यह भी माना कि पाकिस्तान में हिंसक चरमपंथी इस्लामी संगठन और जिहादी मौजूद हैं और अब तक की पाकिस्तानी सरकारें इससे लड़ने में नाकाम रहीं हैं। आसिफ गफूर ने कहा, “हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि उनके देश की पूर्ववर्ती सरकारें इस सबसे निपटने में नाकाम रहीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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